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मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण मामले में सरकार के रवैये पर हाईकोर्ट नाराज, अब सुनवाई 29 अप्रैल को - OBC reservation case High Court

मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. गुरुवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने सरकार के रुख पर नाराजगी प्रकट की.

OBC reservation case High Court
मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण मामले में सरकार के रवैये पर हाई कोर्ट नाराज
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 4, 2024, 4:28 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई गुरुवार को हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस अमरनाथ केसरवानी द्वारा की गयी. याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि ओबीसी आरक्षण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका पर सुनवाई आगामी 19 अप्रैल को निर्धारित है. युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए याचिकाओं पर अगली सुनवाई 29 अप्रैल को निर्धारित की है.

आरक्षण के पक्ष व विपक्ष में 94 याचिकाएं

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण किये जाने के खिलाफ व पक्ष में 94 याचिकाएं दायर की गयी हैं. मुख्य याचिका के साथ लिंक की गयी याचिकाओं की सुनवाई युगलपीठ द्वारा संयुक्त रूप से की गयी. याचिका में कहा गया है कि ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने से कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक हो जायेगा, जो सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक बेंच द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध होगा. याचिकाओं की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया कि तत्कालीन महाधिवक्ता के अभिमत प्राप्त कर सरकार ने 87 प्रतिशत पदों पर भर्ती की है.

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सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में क्या जानकारी दी गई

याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि ओबीसी आरक्षण संबंधित याचिका सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय स्थानांतरित किये जाने की मांग करते हुए एसएलपी का निराकरण शीघ्र करवाने के लिए राज्य सरकार को निर्देश जारी किये गये थे. युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 29 मार्च को निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी तथा सरकार की तरफ से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह उपस्थित हुए.

जबलपुर। मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई गुरुवार को हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस अमरनाथ केसरवानी द्वारा की गयी. याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि ओबीसी आरक्षण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका पर सुनवाई आगामी 19 अप्रैल को निर्धारित है. युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए याचिकाओं पर अगली सुनवाई 29 अप्रैल को निर्धारित की है.

आरक्षण के पक्ष व विपक्ष में 94 याचिकाएं

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण किये जाने के खिलाफ व पक्ष में 94 याचिकाएं दायर की गयी हैं. मुख्य याचिका के साथ लिंक की गयी याचिकाओं की सुनवाई युगलपीठ द्वारा संयुक्त रूप से की गयी. याचिका में कहा गया है कि ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने से कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक हो जायेगा, जो सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक बेंच द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध होगा. याचिकाओं की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया कि तत्कालीन महाधिवक्ता के अभिमत प्राप्त कर सरकार ने 87 प्रतिशत पदों पर भर्ती की है.

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याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि ओबीसी आरक्षण संबंधित याचिका सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय स्थानांतरित किये जाने की मांग करते हुए एसएलपी का निराकरण शीघ्र करवाने के लिए राज्य सरकार को निर्देश जारी किये गये थे. युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 29 मार्च को निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी तथा सरकार की तरफ से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह उपस्थित हुए.

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