भोपाल. हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली को वायु प्रदूषण के मामले में दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी माना गया है. लेकिन आप अगर सबसे सोच रहे हैं कि वायु गुणवत्ता केवल दिल्ली में ही खराब है तो आप गलत हैं. दरअसल, मध्यप्रदेश के कई प्रमुख जिलों में भी कुछ ऐसे ही हालात बनने लगे हैं. इंदौर, ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर की हवा भी जहरीली होने लगी है. कहने का तात्पर्य ये है कि देश की राजधानी दिल्ली की तरह अब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और कई प्रमुख जिलों में सांस लेना मुश्किल होने लगा है और इसकी वजह से कई बीमारियां भी जन्म लेने लगी हैं.
एनुअल वर्ल्ड एयर क्वालिटी की चौंकाने वाली रिपोर्ट
दरअसल, एनुअल वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट (Annual World Air Quality Report) के मुताबिक दिल्ली दुनिया में सबसे प्रदूषित राजधानी और बेगूसराय वैश्विक स्तर पर सबसे प्रदूषित महानगरीय क्षेत्र के रूप में सामने आया है. वहीं भारत दुनिया में तीसरा सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण वाला देश बन गया है. यहां हैरानी की बात है कि साल 2022 की रैंकिंग में बेगूसराय का नाम तक नहीं था और अचानक इस शहर ने अनचाहा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. ठीक इसी तरह मध्यप्रदेश के कई शहर भी वायु प्रदूषण में खतरे के निशान को पार कर चुके हैं.
मध्यप्रदेश की हवाओं में घुल रहा जहर
पिछले वर्ष शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान (EPIC) ने एयर क्वालिटी इंडेक्स के साथ लाइफ एक्सपेक्टेंसी रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि भारत के मध्य प्रदेश में वायु प्रदूषण की वजह से लाइफ एक्सपेक्टेंसी यानी जीवन प्रत्याशा पांच साल तक कम हो सकती है. रिपोर्ट में बताया गया कि पीएम 2.5 सांद्रता के मामले में मध्यप्रदेश भारत में दसवें नंबर पर है और यहां इंदौर और ग्वालियर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है. इसके बाद भोपाल और जबलपुर के नाम भी शामिल रहे. (फोटो में एयर क्वालिटी इंडेक्स के साथ लाइफ एक्सपेक्टेंसी रिपोर्ट 2021)
रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों का औसत AQI इस प्रकार था, जो स्वास्थ्य के लिए खराब माना गया.
- इंदौर - 168
- ग्वालियर - 166
- जबलपुर - 154
- उज्जैन - 152
- भोपाल - 113
हेल्थ एक्सपर्टस के मुताबिक एयर क्वलिटी इंडेक्स (AQI) 100 से नीचे ही ठीक माना जाता है. इससे ऊपर होने पर यह श्वास संबंधी कई परेशानियों को जन्म देने लगता है. एक्यूआई डॉट इन के मुताबिक मध्यप्रदेश का औसत एयर क्वलिटी इंडेक्स 105 है. वहीं 19 मार्च 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश का मैहर देश में पांचवां सबसे प्रदूषित शहर है.
ऐसे होता है हवा की गुणवत्ता का आकलन
हवा की गुणवत्ता का आकलन नाइट्रोजन ऑक्साइड (Nox),सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), रेस्पिरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर 10 (RSPM10) और फाइन पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) के स्तर के आधार पर किया जाता है. वाहनों का धुआं मुख्य रूप से सल्फर डाइऑक्साइड में वृद्धि करता है, जबकि वाहन और सीवेज निर्वहन सहित मानव गतिविधियां, नाइट्रोजन ऑक्साइड के स्तर में वृद्धि करती हैं.
दुनिया में तीसरा सबसे प्रदूषित देश बना भारत
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है. नंबर एक पर पड़ोसी देश बांग्लादेश और नंबर दो पर पाकिस्तान का नाम है. वहीं दुनिया में सबसे प्रदूषित राजधानी का दर्जा हासिल करने वाली दिल्ली का PM2.5 लेवल साल 2022 में 89.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से बिगड़कर 2023 में 92.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया. 2018 के बाद से लगातार चार बार दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी का दर्जा दिल्ली को मिल रहा है.