भोपाल: मध्य प्रदेश में डॉग बाइटिंग की बढ़ती घटनाओं से चिंतित सरकार ने अब इससे निपटने के लिए अपने 7 आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है. इन 7 अधिकारियों की कमेटी प्रदेश में कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रण करने के लिए रणनीति तैयार करेंगे. अधिकारियों की यह टीम कार्य योजना तैयार कर इसे जिला स्तर पर लागू कराएगी. उधर, जिला में पशु जन्म नियंत्रण निगरानी समितियां भी गठित की जाएंगी, जिसमें पशुओं की क्रूरता से जुड़ी शिकायतों पर सुनवाई होगी.
यह अधिकारी बनाएंगे रणनीति
मध्य प्रदेश में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है. इसमें पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा, स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त तरूण पिथौड़े, पंचायत एवं ग्रामीण विकास आयुक्त मनोज पुष्प, नगरीय प्रशासन विभाग आयुक्त भरत यादव और भोपाल-इंदौर नगर निगम के आयुक्त हैं. इसके अलावा राज्य पशु कल्याण बोर्ड, पशु चिकित्सा परिषद और भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के सदस्यों को इसमें रखा गया है. यह टीम मध्य प्रदेश में कुत्तों की आबादी नियंत्रण करने को लेकर कार्य योजना तैयार करेगी और इसे जिला स्तर पर लागू कराएगी.
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साल में करीब 5 लाख डॉग बाइटिंग के मामले
प्रदेश में डॉग बाइटिंग की घटनाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. आए दिन डॉग बाइटिंग के केस सामने आ रहे हैं. राजधानी भोपाल में साल 2023 में कुत्तों के काटने की 13 हजार 346 घटनाएं सामने आई थीं. जबकि प्रदेश में करीबन 5 लाख आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. प्रदेश में आवारा डॉग्स की आबादी पर नियंत्रण के लिए उनकी नसबंदी के सरकार दावे करती है. आंकड़ों की मानें तो पिछले पांच सालों में ढाई लाख स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी हुई है.