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मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त का पद 5 माह से खाली, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब - MP Information Commissioner

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 31, 2024, 3:53 PM IST

मध्य प्रदेश में राज्य सूचना आयुक्त का पद पिछले 5 माह से खाली है. इसके चलते हजारों अपील पेंडिंग हो गई है. इसी को लेकर दायर एक याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से 3 हफ्ते में जवाब मांगा है.

MP INFORMATION COMMISSIONER POST VACANT
5 माह से खाली है सूचना आयुक्त का पद (ETV Bharat)

जबलपुर: मध्य प्रदेश में मार्च के बाद से ही राज्य सूचना आयुक्त का पद खाली पड़ा हुआ है. इसकी वजह से सूचना अधिकार की अपील की कार्यवाही नहीं हो पा रही है. इसी को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से 3 हफ्ते में जवाब मांगा है.

हाईकोर्ट ने सरकार से 3 हफ्ते में मांगा जवाब (ETV Bharat)

5 माह से खाली है सूचना आयुक्त का पद

मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त का पद पिछले 5 माह से खाली है. लंबे समय से राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है. यह पद मार्च से ही खाली पड़ा हुआ है. इसके पहले राहुल सिंह मध्य प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त थे. लंबे समय से यह पद खाली होने से लोगों को आरटीआई के तहत जानकारियां नहीं मिलने पर वे अपील की कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं और लोग परेशान हो रहे हैं. इसे लेकर एडवोकेट विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

एडवोकेट ने दायर की थी याचिका

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एडवोकेट विशाल बघेल ने एक याचिका पेश की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि जबलपुर में 2 साल पहले एक अस्पताल में आग लग गई थी. इसके बाद जिला प्रशासन ने अस्पतालों के फायर ऑडिट करवाए थे और कुछ अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी. एडवोकेट विशाल बघेल ने इसी कार्रवाई की जानकारी सूचना के अधिकार में जिला प्रशासन से मांगी थी लेकिन जिला प्रशासन ने विशाल बघेल को यह जानकारी नहीं दी. इसलिए उन्होंने इस आरटीआई के लिए जिला प्रशासन में प्रथम अपील की इसके बाद भी इन्हें जानकारी नहीं मिली, जब वे द्वितीय अपील के लिए आगे बढ़े तो पता चला कि प्रदेश में मुख्य सूचना आयुक्त नहीं है इसलिए दूसरी अपील की सुनवाई नहीं हो सकती. इसी समस्या के समाधान के लिए विशाल बघेल ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

ये भी पढ़ें:

राज्य सूचना आयोग में नियुक्ति कब तक, एमपी हाईकोर्ट का आदेश - 4 सप्ताह के अंदर जवाब दे सरकार

एमपी में अब सूचना के अधिकार के दायरे में होंगे निजी अस्पताल और क्लीनिक, 30 दिनों में देनी होगी जानकारी

23 सितंबर को अगली सुनवाई

एडवोकेट विशाल बघेल ने बताया कि "मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस बात का 3 सप्ताह में जवाब मांगा है कि आखिर अब तक राज्य सूचना आयुक्त का महत्वपूर्ण पद क्यों खाली पड़ा हुआ है. एक मामले में जब मैनें खुद आरटीआई के तहत जानकारी मांगी और जब वो नहीं मिली तो प्रथम अपील जिला प्रशासन के यहां दायर की लेकिन जानकारी नहीं मिली. इसके बाद फिर दूसरी अपील राज्य सूचना आयुक्त के यहां की लेकिन यह पद खाली होने से जानकारी नहीं मिली. इसके बाद राज्य सूचना आयुक्त का पद खाली होने और हजारों अपील पेंडिंग होने को लेकर हाईकोर्ट में अपील दायर की थी अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी."

जबलपुर: मध्य प्रदेश में मार्च के बाद से ही राज्य सूचना आयुक्त का पद खाली पड़ा हुआ है. इसकी वजह से सूचना अधिकार की अपील की कार्यवाही नहीं हो पा रही है. इसी को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से 3 हफ्ते में जवाब मांगा है.

हाईकोर्ट ने सरकार से 3 हफ्ते में मांगा जवाब (ETV Bharat)

5 माह से खाली है सूचना आयुक्त का पद

मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त का पद पिछले 5 माह से खाली है. लंबे समय से राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है. यह पद मार्च से ही खाली पड़ा हुआ है. इसके पहले राहुल सिंह मध्य प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त थे. लंबे समय से यह पद खाली होने से लोगों को आरटीआई के तहत जानकारियां नहीं मिलने पर वे अपील की कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं और लोग परेशान हो रहे हैं. इसे लेकर एडवोकेट विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

एडवोकेट ने दायर की थी याचिका

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एडवोकेट विशाल बघेल ने एक याचिका पेश की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि जबलपुर में 2 साल पहले एक अस्पताल में आग लग गई थी. इसके बाद जिला प्रशासन ने अस्पतालों के फायर ऑडिट करवाए थे और कुछ अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी. एडवोकेट विशाल बघेल ने इसी कार्रवाई की जानकारी सूचना के अधिकार में जिला प्रशासन से मांगी थी लेकिन जिला प्रशासन ने विशाल बघेल को यह जानकारी नहीं दी. इसलिए उन्होंने इस आरटीआई के लिए जिला प्रशासन में प्रथम अपील की इसके बाद भी इन्हें जानकारी नहीं मिली, जब वे द्वितीय अपील के लिए आगे बढ़े तो पता चला कि प्रदेश में मुख्य सूचना आयुक्त नहीं है इसलिए दूसरी अपील की सुनवाई नहीं हो सकती. इसी समस्या के समाधान के लिए विशाल बघेल ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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23 सितंबर को अगली सुनवाई

एडवोकेट विशाल बघेल ने बताया कि "मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस बात का 3 सप्ताह में जवाब मांगा है कि आखिर अब तक राज्य सूचना आयुक्त का महत्वपूर्ण पद क्यों खाली पड़ा हुआ है. एक मामले में जब मैनें खुद आरटीआई के तहत जानकारी मांगी और जब वो नहीं मिली तो प्रथम अपील जिला प्रशासन के यहां दायर की लेकिन जानकारी नहीं मिली. इसके बाद फिर दूसरी अपील राज्य सूचना आयुक्त के यहां की लेकिन यह पद खाली होने से जानकारी नहीं मिली. इसके बाद राज्य सूचना आयुक्त का पद खाली होने और हजारों अपील पेंडिंग होने को लेकर हाईकोर्ट में अपील दायर की थी अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी."

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