जबलपुर। मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की परीक्षाओं को लेकर सरकार ने हाईकोर्ट में अपनी स्थिति साफ कर दी है. फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के संचालन को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि नए नियमों के तहत फिलहाल परीक्षाएं नहीं होंगी. साल 2024-25 की परीक्षाएं इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियमानुसार ही कराईं जाएंगी. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस ए के पालीवाल की युगलपीठ के सामने सरकार ने जानकारी देते हुए अपना पक्ष रखा.
इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियम से होंगी परीक्षाएं
हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस ए के पालीवाल की युगलपीठ के सामने सरकार ने जानकारी देते हुए अपना पक्ष रखा. फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के संचालन को चुनौती देने वाली याचिका के दौरान बताया कि फिलहाल नए नियमों के तहत परीक्षाएं नहीं होंगी. इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियमानुसार ही साल 2024-25 की परीक्षाएं होंगी.
शून्य ईयर घोषित किये जाने पर सवाल
याचिकाकर्ता की तरफ से मेडिकल विश्वविद्यालय द्वारा नर्सिंग कोर्स के लिए वर्ष 2023-24 को शून्य ईयर घोषित किये जाने पर भी सवाल उठाये गये थे. याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया था कि शून्य ईयर घोषित का अधिकार राज्य सरकार का है. इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा नर्सिंग कॉलेज के नियमों में बदलाव किये जाने पर भी याचिकाकर्ता की तरफ से आपत्ति पेश की गयी थी.
याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जानकारी हाईकोर्ट में पेश की गई. इसे लेकर युगलपीठ ने सरकार को निर्देशित किया है कि साल 2023-24 को शून्य ईयर घोषित किये जाने के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें.
फर्जी नर्सिंग कॉलेजों पर सुनवाई है जारी
बता दें कि लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की तरफ से प्रदेश में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के संचालन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की जांच करने के आदेश सीबीआई को दिए थे. सीबीआई की तरफ से 308 कॉलेज की जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश की गयी थी. सीबीआई रिपोर्ट के कारण प्रदेश में संचालित 169 नर्सिंग कालेज पात्र पाए गए हैं. जबकि 74 नर्सिंग कालेज ऐसे पाए गए जो मानकों को तो पूरा नहीं करते हैं किंतु उनमें ऐसी अनियमितताएं हैं जिन्हें सुधारा जा सकता है तथा 65 कॉलेज आयोग्य पाये गये हैं.
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युगलपीठ ने डिप्लोमा कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों की सीबीआई जांच तथा जिन कॉलेजों में अनियमितता पाई गई है, उन्हें दूर करने के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने के आदेश जारी किये थे. सीबीआई ने बताया था कि सर्वोच्च न्यायालय ने 50 कॉलेजों की जांच पर स्थगन आदेश जारी किये हैं. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका पर अगली सुनवाई 29 जुलाई को निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आलोक बागरेचा ने पैरवी की.