भोपाल। मध्यप्रदेश में शासकीय कर्मचारियों को साधने के लिए मोहन यादव लगातार फैसले ले रही है. कर्मचारियों की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने हाल ही में डीए में 4 फीसदी की बढ़ोत्तरी की घोषणा की है. लेकिन कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि डीए एरियर का भुगतान एक साथ किया जाना चाहिए. क्योंकि केंद्र सरकार अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को डीए एरियर का भुगतान एक साथ करती है. इसके साथ ही कर्मचारियों ने डीए बढ़ाने की सीएम की घोषणा पर खुशी तो जताई लेकिन ये भी कहा है कि ये काफी कम है. जिस हिसाब से महंगाई बढ़ रही है, उसे देखते हुए डीए और बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि वेतन के मामले में राज्य के कर्मचारी केंद्र के कर्मचारियों से काफी पीछे हैं.
दीपावली बाद डीए की किस्त मिलना शुरू होगी
मध्यप्रदेश के शाासकीय कर्मचारियों का कहना है कि डीए की राशि अगर दीपावली से पहले मिल जाती तो ज्यादा खुशी होती. अब सबसे बड़ा त्योहार निकलने के बाद भी ये साफ नहीं है कि राज्य सरकार जो डीए का एरियर देने जा रही है, उसका पूरा भुगतान कब तक पूरा हो जाएगा. राज्य के कर्मचारियों को ये बात भी चुभ रही है कि लगातार मांग करने के बाद भी उनका डीए केन्द्र के कर्मचारियों के बराबर नहीं बढ़ाया गया. बता दें कि प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों को भले ही डीए एरियर्स के रूप में किस्तों में दिया जाएगा तो वहीं, राज्य में तैनात आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अधिकारियों को एरियर्स की राशि एक साथ दी जाएगी. केंद्र सरकार के आदेश को देखते हुए मुख्य सचिव अनुराग जैन ने भी इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं.
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कर्मचारियों की बोनस की डिमांड जारी रहेगी
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री उमाशंकर तिवारी कहते हैं '' मध्य प्रदेश में कार्यरत कर्मचारियों को केंद्र के समान डीए मिलना ही चाहिए. और ये राशि एक साथ मिलनी चाहिए. बोनस की मांग बीते 20 साल से लगातार कर्मचारी कर रहे हैं लेकिन मध्यप्रदेश में बोनस बंद कर दिया गया है, जबकि कई राज्यों में कर्मचारियों का बोनस जारी है. हम लोग इसकी मांग सरकार करना जारी रखेंगे". बता दें कि मध्यप्रदेश में 2003 से बीजेपी की सरकार है. वहीं, अन्य बीजेपी शासित राज्यों में सरकारी कर्मचारियों को हर 6 माह में मिलने वाला डीए केंद्र सरकार के बराबर है.