उज्जैन। उज्जैन जिले में दो दिन से हो रही बारिश के चलते शिप्रा नदी उफान पर है. नदी का जल स्तर बढ़ने से रामघाट सहित अन्य घाटों पर स्थित मंदिर डूब गए हैं. जिससे शिप्रा नदी किनारे पूजन करवाने आने वाले श्रद्धालुओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उज्जैन में पिछले 24 घंटे में 41.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है. शिप्रा नदी में बढ़े जलस्तर के कारण रामघाट पर पुरोहित और पंडित पूजन के लिए नहीं जा सके. इधर, श्रद्धालु अपनी जान की परवाह किए बिना नदी में स्नान कर रहे हैं. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनज़र रामघाट की ओर आवाजाही रोक लगा दी है.
उज्जैन जिले में पिछले 24 घंटे में औसत 41.6 मिमी वर्षा
उज्जैन कलेक्टर कार्यालय की भू-अभिलेख शाखा के अनुसार पिछले 24 घंटे में 29 जुलाई सुबह तक जिले की उज्जैन तहसील में 34, घट्टिया में 22, खाचरौद में 20, नागदा में 32.3, बड़नगर में 22, महिदपुर में 51, झारड़ा में 80, तराना में 53, माकड़ोन में 60 मिमी वर्षा हुई है. इस प्रकार पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में औसत 41.6 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है.
मंदसौर में लगातार बारिश से उफान पर नदी-नाले
मंदसौर क्षेत्र में पिछले दो दिनों से झमाझम बरसात का दौर जारी है. भारी बरसात से जिले के सभी नदी नाले उफान पर हैं. बीती रात हुई तेज बरसात से शिवना नदी में भी बाढ़ आ गई. इसके बाद नगर पालिका प्रशासन ने इस पर बने पेयजल स्रोत कालाभाटा बांध के गेट खोल दिए है. वहीं झमाझम बारिश से एक तरफ तमाम खेतों में लबालब पानी भर गया है, तो दूसरी तरफ कई गांवों की निचली बस्तियां डूब गईं.
मंदसौर जिले के कालाभाटा डैम के गेट खुले
जिले में हो रही तगातार बारिश से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पार्षद निलेश जैन ने बताया कि शिवना नदी में बाढ़ के पानी की आवक होने से कालाभाटा बांध का जलस्तर लगभग 12 फीट बढ़ गया है. लिहाजा डैम के इलेक्ट्रॉनिक गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है. पानी की तेज बहाव होने से निचले इलाकों में पानी तेजी से खेतों और घरों को अपनी जद में ले रहा है. लोगों का पानी से हाल बेहाल है.
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बुरहानपुर में ताप्ती का जलस्तर खतरे के निशान के करीब
बुरहानपुर में रुक रुककर रिमझिम बारिश हो रही है. वहीं बैतूल में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते ताप्ती नदी पर बने पारसदोह डैम के इस सीजन में पहली बार दो गेट खोले गए हैं. रविवार की शाम डैम के गेट खोले जाने से ताप्ती नदी का जलस्तर बढ़ गया है. जिसके चलते ताप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान 220.800 मी तक पहुंच गया है. लिहाजा जिला प्रशासन अलर्ट है. ताप्ती नदी के सभी घाटों पर होमगार्ड की टीम तैनात कर दी गई है. आपदा प्रबंधन और पुलिस प्रशासन की जल स्तर पर पैनी नजर है. अगर ताप्ती नदी का जलस्तर निचली बस्तियों में पहुंचता है तो लोगों को अस्थाई शिविरों में शिफ्ट करने की पूरी तैयारी है.