भोपाल: मध्य प्रदेश में 7.5 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स राज्य सरकार द्वारा डीए और डीआर बढ़ाने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन जुलाई में बढ़ाए जाने वाले डीए और डीआर का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है. पहले उम्मीद की जा रही थी, कि राज्य सरकार कर्मचारियों के डीए को लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ. जिससे दशहरा के पहले डीए और डीआर की घोषणा होना संभव नहीं है. अब कर्मचारियों और पेंशनर्स को दीपावली तक इंतजार करना पड़ेगा.
मंहगाई भत्ते में 18 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर सकती है सरकार
वित विभाग ने निर्देश दिए हैं कि यदि महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी होती है, तो आगामी वित्तीय वर्ष में कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता 18 प्रतिशत बढ़ जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई भत्ते के लिए 64 फीसदी की दर से राशि रखने के निर्देश दिए हैं. उम्मीद जताई जा रही है प्रदेश सरकार दीपावली के तोहफे के रूप में महंगाई भत्ता बढ़ाकर केन्द्रीय कर्मचारियों के समान कर सकता है. वहीं नियमित कर्मचारियों के साथ ही संविदा कर्मचारियों के परिश्रमिक में भी 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो सकती है.
दीपावली से पहले हो सकती है डीए की घोषणा
बता दें कि सभी विभागों में वेतन-भत्ते के लिए बजट में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनरों की महंगाई राहत के लिए 56 प्रतिशत के हिसाब से प्रावधान रखा गया है, लेकिन वर्तमान में 46 प्रतिशत की दर से ही महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. केंद्र सरकार इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर चुकी है. वहीं प्रदेश में पदस्थ केंद्रीय अधिकारियों को 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. जबकि कर्मचारी भी चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. इसके चलते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दीपावली के आसपास इसकी घोषणा कर सकते हैं. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 64 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते के लिए राशि रखने के निर्देश दिए हैं. अगर इस प्रकार वृद्धि होती है तो आगामी वित्तीय वर्ष में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 18 प्रतिशत बढ़ जाएगा.
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केंद्र सरकार से 4 प्रतिशत कम मिल रहा डीए
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि 'मध्य प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनर्स को अभी 46 फीसदी महंगाई भत्ता और महंगाई राहत मिल रहा है. जबकि केन्द्र सरकार अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाकर 50 फीसदी कर चुकी है. राज्य एमपी में कर्मचारियों को जनवरी 2024 के हिसाब से महंगाई भत्ता न मिलने से हर माह 620 रुपए से लेकर 5640 रुपए तक का नुकसान हो रहा है. कर्मचारियों को जो महंगाई राहत बिना मांगे मिलनी चाहिए, उसके लिए कर्मचारी संगठनों को बार-बार ज्ञापन देने पड़ रहे हैं. उम्मीद है कर्मचारियों को सरकार जल्द राहत देगी.