भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस नेताओं का बीजेपी में शामिल होने का सिलसिला जारी है. अब पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार व पंकज सिंघवी जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया. बता दें कि 2023 के विधानसभा चुनाव में अंतर सिंह दरबार ने कांग्रेस पार्टी से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें लगातर तीन चुनाव हारने के कारण टिकट देने से मना कर दिया था.
पिछला विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं दरबार
दरबार ने महू विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा. हालांकि हार का सामना करना पड़ा. हालांकि अंतर सिंह दूसरे नंबर पर रहे. कांग्रेस के राम किशोर शुक्ला तीसरे नंबर पर आए. वहीं, पंकज सिंघवी लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. कांग्रेस ने इंदौर से पंकज सिंघवी को उम्मीदवार बनाया था. पंकज इससे पहले 1998 में भाजपा की सुमित्रा महाजन के खिलाफ भी लोकसभा चुनाव हार चुके हैं.
कांग्रेस ने नहीं मनाया, डैमेज कंट्रोल में जुटे नेता
वहीं, दोनों नेताओं के बीजेपी में जाने की अटकलों के बाद भी कांग्रेस ने इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की बल्कि अब डैमेज कंट्रोल में नेता जुट गए. इसी तहत विधानसभा चुनावों में दरबार के साथ निष्कासित किए गए आठ नेताओं की प्राथमिक सदस्यता को फिर से बहाल किया गया है. इनमें विजय नौलखा, नारायण पटेल, बैकुठ, शुरू अन्नौर, मुश्ताक, दिनेश पंचौली, प्रवीण पटेल और सचिन गुप्ता शामिल हैं. कांग्रेस का कहना है कि हमने अपने कार्यकर्ताओं को वापस पार्टी में बुलाया है. बता दें कि पंकज सिंघवी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी से नाराज चल रहे हैं. एक दिन पहले उन्होंने जीतू पटवारी को ही कांग्रेस छोड़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया था.
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मंच पर बैठने के लिए नए भाजपाइयों में हुज्जत
अमूमन जैसा कांग्रेस के मंच पर दिखाई देता हैं कि हर नेता मंच पर बैठना चाहता है, ठीक उसी तरह बीजेपी कार्यालय में भी कांग्रेस छोड़कर आए नेता मंच पर चढ़ने लगे तो प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा को माइक से बार-बार कहना पड़ा कि वही मंच पर बैठेंगे जिनका नाम लिया जायेगा, बाकी लोग मंच के नीचे लगी कुर्सियों पर बैठें. वहीं, सीएम मोहन यादव ने कहा कि बीजेपी ही ऐसी पार्टी है जहां छोटे कार्यकर्ता को सीएम और पीएम बन दिया जाता है. बीजेपी में आप लोग आ गए हैं, आपका पूरा ध्यान रखा जाएगा. एमपी में पूरे देश में सबसे ज्यादा कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं.