इंदौर। चुनाव में आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन को लेकर दर्ज की जाने वाली शिकायतों और शिकायतकर्ताओं का एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हश्र होता है, इसकी बानगी जब कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट के उपचुनाव में विधायक रमेश मेंदोला के खिलाफ आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन को लेकर एक विचाराधीन मामला है. जिसकी एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई के दौरान ही कांग्रेस की ओर से चुनाव में की गई मूल शिकायत ही गायब हो गई. जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी. चौंकाने वाली बात यह है कि इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता तत्कालीन जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव अब अपनी ही शिकायत की मूल प्रति कोर्ट को उपलब्ध नहीं करवा पाए.
कांग्रेस ने मेंदोला के खिलाफ की थी शिकायत
दरअसल, सांवेर विधानसभा के लिए 2020 में हुए उपचुनाव के दौरान बायपास पर स्थित होटल एग्जॉटिका में पार्षद मनोज मिश्रा द्वारा ब्राह्मण समाज का जो कार्यक्रम रखा गया था. उसमें निर्धारित संख्या से अधिक लोगों के शामिल होने और कार्यक्रम में प्रलोभन के आधार पर आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की शिकायत तत्कालीन जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव के लेटर हेड और प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह यादव के ईमेल के आधार पर इंदौर जिला निर्वाचन कार्यालय को की गई थी.
एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई
इस शिकायत की जांच के बाद सांवेर विधानसभा के शिप्रा थाने में शासन की ओर से तत्कालीन नायब तहसीलदार बीएस श्रीवास्तव के जरिए चुनाव संयोजक विधायक रमेश मेंदोला और कार्यक्रम के आयोजक मनोज मिश्रा के खिलाफ धारा 188 एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 123/3 (A) के तहत आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था. फिलहाल इस मामले की सुनवाई इंदौर स्थित एमपी एमएलए कोर्ट में की जा रही है.
शिकायत की मूल कॉपी हुई गायब
हाल ही में इस केस में जब बयान के लिए पुनः शिकायतकर्ता सदाशिव यादव को कोर्ट में पेश होना पड़ा, तो पता चला कोर्ट के दस्तावेजों में उनके मूल लेटर हेड पर की गई शिकायत ही गायब है. मूल शिकायत के स्थान पर रिकॉर्ड में फोटो कॉपी पाई गई है. जब कोर्ट ने इस बारे में यादव से पूछा तो उन्होंने खुद की ही ओरिजिनल शिकायत से अभिज्ञता जाता दी. इसके बाद कोर्ट ने सदाशिव यादव के अनुरोध पर बीते 21 जुलाई को अपनी मूल शिकायत के साथ कोर्ट में उपस्थित होने की मोहलत दी थी, लेकिन इसके बाद अपनी शिकायत के साथ यादव कोर्ट पहुंच ही नहीं पाए.
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शिकायत से पीछे हट रहे अधिकारी
हालांकि अब ओरिजिनल शिकायत गायब होने को लेकर अब सदाशिव यादव का कहना है कि 'ओरिजिनल शिकायत ढूंढने की कोशिश की जो नहीं मिली. हालांकि मेरे अभी आधे ही बयान हो पाए थे. उन्होंने कहा एक अन्य शिकायतकर्ता के भी इस केस में बयान होने हैं. उनका यह भी कहना है कि इस मामले में जिन अधिकारियों ने जांच कर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. अब वह भी अपनी शिकायत से पीछे हटते नजर आ रहे हैं. हालांकि अब इस मामले के एक अन्य शिकायतकर्ता राकेश सिंह यादव के भी बयान होने बाकी हैं.