उज्जैन। राज्यसभा चुनाव की तैयारी मध्यप्रदेश में लगभग पूरी हो चुकी है. चुनाव 27 फरवरी को होंगे. मध्यप्रदेश में राज्यसभा की 5 सीटें खाली हो रही हैं. बुधवार को बीजेपी ने 4 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. ये हैं डॉ.एल मुरुगन, माया नारोलिया व बंसीलाल गुर्जर और उज्जैन के योगी उमेश नाथम महाराज. केंद्रीय मंत्री डॉ. एल मुरुगन को फिर से उम्मीदवार बनाया गया है. इसके अलावा 3 चेहरे नए हैं. 5 सीटों में से 4 पर बीजेपी की जीत पक्की मानी जा रही है. एक सीट कांग्रेस को मिलने की संभावना है. 15 फरवरी नामांकन की आखिरी तारीख है. वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशी अभी घोषित नहीं हुए.
उज्जैन के वाल्मीकि धाम में बीजेपी के दिग्गजों की आवाजाही
उज्जैन के वाल्मीकि धाम के संत उमेश नाथ महाराज को बीजेपी ने राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है. उनकी जीत तय मानी जा रही है. उमेश नाथ महाराज उज्जैन में आश्रम चलाते हैं. इस आश्रम पर बीजेपी नेताओं का आना-जाना लगा रहता है. वह वाल्मीकि समाज के बड़े संत हैं. साल 2016 में उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ में गृह मंत्री अमित शाह ने वाल्मीकि घाट पर साधु-संतों के साथ स्नान किया था. पूरे मालवा-निमाड़ में उमेश नाथ महाराज का अच्छा प्रभाव माना जाता है. उमेश नाथ से संघ प्रमुख प्रमुख मोहन भागवत भी आशीर्वाद ले चुके हैं. उनकी संघ से नजदीकी के कारण टिकट दिया गया है. बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी उमेश नाथ महाराज के संबध हैं.
बचपन से ही संन्यासी उमेश नाथ महाराज
बालयोगी उमेश नाथ महाराज 1964 से बचपन से ही संन्यासी हैं. उनकी माताजी व पिताजी ने उन्हें जन्म लेते ही महायोगी श्री गोरक्षनाथ जी को अर्पित कर दिया था, तभी से वे संन्यासी जीवन जी रहे हैं. उज्जैन में वाल्मीकि समाज के धार्मिक गुरु श्री विभूषित स्वामी सोहन दास जी महाराज की समाधि स्थल पर उनके द्वारा श्रीक्षेत्र वाल्मीकि धाम का निर्माण कराया गया. उनके मार्गदर्शन में गौशाला भोजनशाला, चिंतन शाला, सभा मंडप, वाल्मिकी घाट, सामाजिक संस्कार शाला आदि का निर्माण कर जनता के लिए पानी एवं विश्राम की व्यवस्था की गई है.
ये खबरें भी पढ़ें... |
प्रत्याशी घोषित होने के बाद क्या बोले उमेश नाथ महाराज
राज्यसभा चुनाव के लिए नाम घोषित होने के बाद उमेश नाथ महाराज ने कहा "अभी तो बाबा महाकाल की पूजा अर्चना में हूं. हर रोज जैसा महसूस करता हूं, वैसा ही अब भी कर रहा हूं. अभी तो सबसे पहले बाबा महाकाल के दर्शन को जाऊंगा. अभी रणनीति को लेकर आपसे कुछ नहीं कह पाऊंगा. पहला कदम है तो बिना समझे कैसे रणनीति बताऊं. इसलिए पहले समझेंगे और उस काम को पूरा करने का मन, वचन, कर्म से करने का पूरा प्रयास करेंगे. जिन महापुरुषों ने इस निर्णय को अंतिम रूप दिया उन्हें आशीर्वाद. हम सब मिलकर देश और आने वाले सिंहस्थ कुंभ के लिए अच्छा काम करेंगे."