Madhya Pradesh Leader Big Change 2024: लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल में ऐजेंसियां मध्य प्रदेश में बीजेपी की बड़ी जीत का दावा करते हुए नजर आ रही हैं. अधिकांश ऐजेंसियों के आंकड़ों में बीजेपी को 29 में 27 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. वहीं कई ऐजेंसियां तो 29 में से 29 सीटों पर बीजेपी की जीत की ओर इशारा कर रही हैं. इधर कांग्रेस की बात करें तो उन्हें 1 से 2 सीट पर जीत दे रहीं हैं. हालांकि सभी को 4 जून को होने वाली काउंटिंग और उसके रिजल्ट का इंतजार है. चुनाव में कई सीटें ऐसी हैं जहां ये बात देखने वाली होगी कि उनकी हार-जीत का अंतर क्या है.
इन नेताओं की बड़ी जीत की चल सकती है आंधी
शिवराज बना सकते हैं बड़ा रिकॉर्ड
एमपी की सबसे हाई प्रोफाइल सीट विदिशा से शिवराज सिंह चौहान जीत का बड़ा रिकॉर्ड बना सकते हैं. इस सीट से बीजेपी के कद्दावर नेता व पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को टक्कर देने कांग्रेस ने प्रताप भानु शर्मा को उतारा है. शिवराज सिंह चौहान का यहां पलड़ा भारी है.कहा जा रहा है कि इस सीट से शिवराज सिंह चौहान रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल कर सकते हैं. हालांकि कई दफा तो खुद शिवराज सिंह चौहान अपनी जीत का दावा सभाओं में कर चुके हैं. पूर्व सीएम कह चुके हैं, कि चुनावी मैदान में वे जीत के लिए नहीं बल्कि जीत के रिकॉर्ड को बढ़ाने के लिए उतरे हैं. पीएम मोदी भी एमपी की चुनावी सभाओं में कह चुके हैं, शिवराज उनके साथ केंद्र में जाएंगे. अगर शिवराज सिंह अपने दावे के मुताबिक जीत हासिल करते हैं तो वाकई में रिकॉर्ड बन सकता है.
सिंधिया तोड़ेंगे जीत का तिलिस्म
विदिशा के बाद सबसे चर्चित सीट है गुना-शिवपुरी. इस सीट पर महाराज यानि ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बीजेपी ने बड़ा दांव खेला है. कांग्रेस ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के दांव को अपनाते हुए यादव कार्ड खेला है और राव यादवेंद्र सिंह यादव को चुनावी मैदान में उतारा है. इस बार सिंधिया के पूरे परिवार ने प्रचार में ताकत झोंक दी है. उन्होंने प्रचार के दौरान अपनी पिछली हार का जिक्र करते हुए इमोशनल कार्ड भी खेला है. ऐसे में कह सकते हैं कि गुना-शिवपुरी में भी जीत का रिकॉर्ड बन सकता है. बता दें साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से सिंधिया कांग्रेस से प्रत्याशी थे, जबकि कांग्रेस से बीजेपी में गए केपी यादव को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया था. परिणाम में केपी यादव ने सिंधिया को हरा दिया था, लेकिन इस बार हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं. यहां अगर महाराज जीतते हैं, तो रिकॉर्ड मतों से जीतेंगे.
वीडी शर्मा की जीत का बनेगा रिकॉर्ड
खजुराहो लोकसभा सीट पर सपा सीट के प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने के बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा अकेले चुनावी मैदान में रह गए. उन्हें यहां टक्कर देने वाला कोई नहीं मिला. इंडी गठबंधन ने समझौते के तहत यह सीट सपा को दी थी और यहां से नामांकन जमा करने के आखिरी दिन मीरा यादव का नामांकन रद्द हो गया था. ऐसे में वीडी शर्मा की एक तरफा जीत हो रही है और अंदाजा लगाया जा रहा है कि यहां से वे रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज करेंगे.
हिमाद्री सिंह तोड़ेंगी अपनी जीत का रिकॉर्ड
शहडोल लोकसभा से महिला प्रत्याशी और वर्तमान सांसद हिमाद्री सिंह को टिकट दिया है और कांग्रेस से विधायक फुंदेलाल मार्को चुनावी मैदान में हैं. दोनों ही नेताओं की आदिवासियों के बीच जमकर पकड़ है. पिछली बार हिमाद्री सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार प्रमिला सिंह को 4 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. वहीं इस बार लगातार तीसरी बार विधायक बने फुंदेलाल मार्को की जनता में गहरी पैठ है बावजूद इसके माना जा रहा है कि सांसद हिमाद्री सिंह की बड़ी जीत तय है और वे इस बार अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने जा रही हैं.
फग्गन सिंह की चलेगी आंधी
मंडला लोकसभा सीट से बीजेपी ने आदिवासी चेहरे व पूर्व केंद्रीय मंत्री फगन सिंह कुलस्ते को प्रत्याशी बनाया है जबकि कांग्रेस से ओमकार मरकाम चुनौती दे रहे हैं. हाल ही में विधानसभा चुनाव में फग्गन सिंह को यहां से कांग्रेस ने करारी शिकस्त दी थी इसके बावजूद बीजेपी ने आदिवासी कार्ड खेलते हुए उन्हें टिकट दिया है. दोनों ही आदिवासी नेता हैं इसके बाद भी दावा किया जा रहा है कि यहां से फग्गन सिंह कुलस्ते की जीत की आंधी चलने वाली है.
आलोक शर्मा की बड़ी जीत तय
भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी के आलोक शर्मा चुनावी मैदान में हैं और कांग्रेस के उम्मीदवार अरुण श्रीवास्तव को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं. ये सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है और यहां से आलोक शर्मा की रिकॉर्ड तोड़ जीत तय मानी जा रही है. 1989 से 2019 तक के चुनाव में बीजेपी ने यहां से हार का मुंह नहीं देखा है यानि बीजेपी पिछले 35 साल से यहां से लगातार जीत रही है. 2019 में कांग्रेस ने अपने सबसे कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह को टिकट दिया था और बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा सिंह को चुनावी मैदान में पहली बार उतारा था बावजूद इसके दिग्विजय सिंह बड़े अंतर से हार गए थे. यानि ये तय माना जा रहा है कि यहां से बीजेपी को फिर रिकॉर्ड जीत मिलने वाली है.