श्योपुर: पहले विधानसभा फिर लोकसभा और उसके बाद अमरवाड़ा विधानसभा उप चुनाव में मिली जीत से भाजपा में उत्साह है. विजय रथ पर सवार भाजपा के लिए बुधनी की राह तो आसान है, पर बीना और विजयपुर में उसे अपनों से ही चुनौती मिलना तय माना जा रहा है. विजयपुर में तो भाजपा के पूर्व विधायक खुलकर अपनी बात कह रहे हैं.
3 सीटों पर उपचुनाव की तैयारी
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा विधानसभा में उपचुनाव के बाद फिर तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. ये सीटें हैं बुधनी, विजयपुर और बीना. इन तीनों सीटों पर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी भले ही न हुआ हो पर राजनीतिक दलों ने इन चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. कांग्रेस ने इन सीटों पर प्रत्याशी चयन के लिए नेताओं की टीम बनाकर कार्यकर्ताओं की राय और सर्वे का काम शुरू कर दिया है तो भाजपा ने भी अपने नेताओं को सक्रिय कर दिया है.
विजयपुर में सबसे बड़ी चुनौती
भाजपा को सबसे ज्यादा दिक्कत विजयपुर में आने की संभावना है. यहां राम बिलास रावत से पिछला चुनाव हारने वाले पूर्व विधायक बाबूलाल मेवरा ने भी टिकट के लिए दावेदारी ठोक दी है. मेवरा का कहना है कि ''मैं पार्टी की स्थापना के समय से ही काम कर रहा हूं. पार्टी वरिष्ठता को ध्यान में रखकर टिकट देगी''. रावत से छह महीने पूर्व 18 हजार वोटोंं से चुनाव हारे मेवरा का कहना है कि वह पिछला चुनाव अपनों के भितरघात के कारण हारे थे. वहीं पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी ने बगावती तेवर अपना लिए हैं.
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अपने ही बिगाड़ सकते हैं खेल
सीताराम ने मीडिया से साफ कहा कि "मेरे समाज के मत इस क्षेत्र में ज्यादा हैं, लिहाजा मुझे ही टिकट मिलना चाहिए." यही नहीं उन्होंने इस बात के संकेत भी दिए कि अगर उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह कांग्रेस का भी दामन थाम सकते हैं. चंबल इलाके में जातिगत आधार राजनीति में काफी महत्व रखता है. भाजपा बुधनी की जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है, लेकिन विजयपुर और बीना में उसे डर है कि अपने ही खेल बिगाड़ सकते हैं