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मधेश्वर पहाड़ बना 'लार्जेस्ट नेचुरल शिवलिंग', गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज - CHHATTISGARH TOURIST PLACE

छत्तीसगढ़ के जशपुर स्थित मधेश्वर पहाड़ को विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक शिवलिंग होने का गौरव मिला है.

Worlds Largest Natural Shivling in jashpur
विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक शिवलिंग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 11, 2024, 9:14 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित मधेश्वर पहाड़ को शिवलिंग की विश्व में सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिली है. इस ऐतिहासिक उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला है. रिकॉर्ड बुक में 'लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग' के रूप में मधेश्वर पहाड़ को दर्ज किया गया है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई दिया है.

सीएम साय को सौंपा वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट : गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मुख्यमंत्री साय से आज बुधवार को मंत्रालय स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री साय को वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट सौंपा. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि को प्रदेश के पर्यटन की उपलब्धियों में एक नया आयाम बताया है.

easemytrip में किया गया शामिल : हाल ही में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय पर्यटन वेबसाईट https://www.easemytrip.com में जशपुर जिले को शामिल किया गया है. जिले के लिए यह एक और बड़ी उपलब्धि है. इस वेबसाइट में शामिल होने वाला जशपुर छत्तीसगढ़ का पहला जिला है. इससे पर्यटन प्रेमियों को जशपुर के नैसर्गिक स्थलों की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी. साथ ही यहां पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा.

प्रकृति और आस्था का संगम है मधेश्वर पहाड़ : जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में मयाली गांव से 35 किलोमीटर दूर मधेश्वर पहाड़ स्थित है. यह शिवलिंग के आकार की अपनी अद्भुत प्राकृतिक संरचना की वजह से प्रसिद्ध है. यह स्थान लोगों के धार्मिक आस्था का केंद्र है. स्थानीय लोग इसे विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में पूजते हैं.

पर्यटन और रोमांच का केंद्र : जशपुर का मधेश्वर पहाड़ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्वतारोहण और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भी लोकप्रिय है. यहा हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. यहां पर्यटकों को प्रकृति के साथ जुड़ने का अनुभव मिलता है. जशपुर जिले में पर्यटन और रोमांचक खेलों के विकास की असीम संभावनाएं मौजूद हैं.

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सीएम साय को सौंपा वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट : गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मुख्यमंत्री साय से आज बुधवार को मंत्रालय स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री साय को वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट सौंपा. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि को प्रदेश के पर्यटन की उपलब्धियों में एक नया आयाम बताया है.

easemytrip में किया गया शामिल : हाल ही में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय पर्यटन वेबसाईट https://www.easemytrip.com में जशपुर जिले को शामिल किया गया है. जिले के लिए यह एक और बड़ी उपलब्धि है. इस वेबसाइट में शामिल होने वाला जशपुर छत्तीसगढ़ का पहला जिला है. इससे पर्यटन प्रेमियों को जशपुर के नैसर्गिक स्थलों की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी. साथ ही यहां पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा.

प्रकृति और आस्था का संगम है मधेश्वर पहाड़ : जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में मयाली गांव से 35 किलोमीटर दूर मधेश्वर पहाड़ स्थित है. यह शिवलिंग के आकार की अपनी अद्भुत प्राकृतिक संरचना की वजह से प्रसिद्ध है. यह स्थान लोगों के धार्मिक आस्था का केंद्र है. स्थानीय लोग इसे विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में पूजते हैं.

पर्यटन और रोमांच का केंद्र : जशपुर का मधेश्वर पहाड़ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्वतारोहण और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भी लोकप्रिय है. यहा हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. यहां पर्यटकों को प्रकृति के साथ जुड़ने का अनुभव मिलता है. जशपुर जिले में पर्यटन और रोमांचक खेलों के विकास की असीम संभावनाएं मौजूद हैं.

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