जयपुर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 'इंडिया स्टेट' वाले बयान पर देश की सियासत गर्म है. भाजपा के नेता राहुल गांधी के बयान पलटवार कर रहे हैं. इसी कड़ी में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी राहुल गांधी को निशाने पर लिया. राठौड़ ने कहा कि राहुल गांधी शब्द चयन सही नहीं कर पाते हैं. अंत:करण के भाव बाहर आ जाते हैं. इसके साथ ही राठौड़ ने कांग्रेस की ओर से आरएसएस की तर्ज पर शाखा लगाने पर भी निशाना साधा और कहा कि इतना ही है तो आरएसएस की शाखाओं में ही आ जाओ.
निष्ठा भारत के प्रति नहीं : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि राहुल गांधी ने देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की शपथ ली है, लेकिन उनके बयान से यह स्पष्ट हो गया कि उनकी निष्ठा भारत के प्रति नहीं है. उनकी गतिविधियां और उनके बयान राष्ट्र हित में नहीं हैं. राहुल गांधी की भारत की बजाए इटली के प्रति निष्ठाएं उजागर हो रही हैं. भारत स्टेट के खिलाफ बयान देने वाले राहुल गांधी या तो शब्दों का चयन सही नहीं कर पा रहे हैं या फिर उनके अंत:करण में जो भाव है वो खुलकर सामने आ रहे हैं.
राठौड़ ने कहा कि इंडियन स्टेट से संघर्ष करने के बयान का क्या मतलब है. इसे राष्ट्रीय चरित्र तो माना नहीं जाएगा. आज इस देश का प्रत्येक नागरिक राष्ट्रीयता को उच्चतम स्तर पर पहुंचाने के लिए प्रयत्नशील है, लेकिन विपक्ष के भाव कुछ और हैं. लोकतंत्र में विपक्ष राजनीतिक विरोध कर सकता है, लेकिन वो राष्ट्र से संघर्ष करने जैसा बयान जारी करे, यह ठीक नहीं.
RSS की शाखाओं में ही आ जाओ : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस की ओर से आरएसएस की तर्ज पर शाखा लगाने पर भी निशाना साधा और कहा कि राहुल गांधी को अपनी पार्टी की राजस्थान इकाई के बयानों का तो पता ही नहीं है. कांग्रेस की राजस्थान इकाई के नेता आरएसएस की तर्ज पर शाखाएं लगाने के लिए घोषणा कर रहे हैं. ऐसे में मेरा उनको आमंत्रण है कि आप आरएसएस की शाखाओं में ही आ जाओ. वहीं से आपको प्रशिक्षण प्रदान कर दिया जाएगा.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि आरएसएस राष्ट्रीय चरित्र वाला संगठन है. यहां देश के अहित में कभी कोई कार्य नहीं किया जाएगा. आरएसएस में देश के हित को ध्यान में रखकर कार्य योजनाएं बनाई जाती हैं. यहां प्रत्येक व्यक्ति के आचरण, व्यवहार और गतिविधियों में राष्ट्र भक्ति ही देखने को मिलेगी, लेकिन विपक्ष के नेता की यह बयानबाजी राष्ट्र के प्रति वफादारी वाली शब्दावली नहीं है. भारत की व्यवस्था से जो संघर्ष करने का बयान दे, उसे राष्ट्रीय चरित्र नहीं माना जाएगा. कांग्रेस कोई भी कार्य करे, लेकिन देश की छवि खराब करने वाला या देश के अहित में कोई भी कार्य न करे. कांग्रेस के नेता को अपनी दादी से सीखना चाहिए.