जयपुर: प्रदेश में पूर्ववर्ती सरकार में बनाए गए नए जिलों को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. एक तरफ जहां सरकार मंत्रिमंडल सब कमेटी के जरिए परीक्षण करवा रही है. वहीं दूसरी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने आधा दर्जन जिलों को रद्द करने का बयान देकर सियासी घमसान ला दिया था. हालांकि दो दिन बाद ही राठौड़ अपने बयान से पलट गए. सांचौर सहित करीब 6 जिलों को रद्द करने के बयान पर राठौड़ ने कहा कि किसी को एक बार कुछ दे दो, फिर वापस ले लो, तो कितना दर्द होता है. इस बात को हम जानते हैं. हालांकि ये मेरा या संगठन का विषय भी नहीं है, सरकार का है. सरकार ही उस पर निर्णय लेगी.
देकर वापस लेते हैं तो दर्द होता है: राठौड़ ने कहा कि मैं इस बात को जानता हूं कि किसी को कुछ दे दिया जाए, बाद में उससे वो वापस लिया जाए, तो कितना दर्द होता है. बहुत मुश्किल होता है वापस लेना. मैं इस विषय पर चर्चा इसलिए नहीं करता कि मेरा विषय है भी नहीं. मेरा विषय संगठन का काम करना है. मेरा विषय है अपने परिवार को संभालना. यह जिला बनाना, नहीं बनाना है, यह सब सरकार का काम है. मेरा इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है. इसके साथ राठौड़ ने अपने दिल्ली दौरे के बारे में कहा कि प्रदेश में चल रहे सदस्यता अभियान को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा हुई है. आगे किस तरह से लक्ष्य को पूरा करें इसको लेकर मार्ग दर्शन लिया है.
ऑडियो भी हुआ वायरल: इससे पहले मदन राठौड़ का एक ओडियो भी वायरल हुआ, जिसमे उन्होंने सांचौर जिले को रद्द करने के मुद्दे पर कहा कि किसी को एक बार कुछ दे दो, फिर लेने में कितना मुश्किल होता है? इस बात को हम जानते हैं. ऑडियो में जिस युवक से बात कर रहे थे, वह खुद को सांचौर बीजेपी आईटी विभाग का बता रहा है. ये ओडियो दिन भर सोशल मीडिया खूब वायरल हुआ. हालांकि जो कुछ मदन राठौड़ ने ऑडियो में बोला, वही बात उन्होंने आज मीडिया से हुई बातचीत में भी दोहराया.
दिया था यह बयान: बता दें कि दो दिन पहले भीलवाड़ा जिले के दौरे के दौरान मदन राठौड़ ने कहा था कि कांग्रेस सरकार ने तुष्टीकरण करने के लिए कई गलत जिले बना दिए. एक-एक विधानसभा के जिले बना दिए गए. कोई सरकार इस तरह से सिर्फ एक विधानसभा का जिला कैसे बना सकती है? सांचौर, केकड़ी, दूदू, डीग, भिवाड़ी-खैरथल, गंगापुर सिटी, अनूपगढ़ ये वो जिले हैं जिन्हें बनाते वक्त न क्षेत्रफल देखा और न आबादी का आंकलन किया. ऐसे कई जिले बना दिए, हम इन्हें हटाएंगे. राठौड़ ने कहा था कि इसके लिए हमने एक कमेटी बनाई है, जिसने अध्ययन भी किया है. हालांकि कई जिलों की मांग वाजिब है, लेकिन जिनकी मांग नहीं है, उन्हें हम हटाएंगे. जिनकी जरूरत नहीं है, वहां क्यों जिले बनाए गए, सिर्फ जनप्रतिनिधियों को खुश कर राजनीतिक लाभ लेने के लिए जिले बना दिए. ऐसे 6-7 जिले हैं, जिन्हें हम समाप्त करेंगे.