मैनपुरी/अलीगढ़ः नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ के बाद लोगों को मरता छोड़कर अपनी 15 से 20 गाड़ियों का काफिल लेकर मैनपुरी के बिछवा आश्रम पहुंचा था. यहीं पर अब तक छिपा हुआ था. 23 बीघे में बना भोले बाबा का यह आश्रम किसी आलीशान महल से कम नहीं है. मंगलवार दोपहर बाद बाबा के काफिला पहुंचते ही आश्रम के मुख्य तीन गेटो अंदर से बंद कर लिया था.सूचना पर मंगलवार देर रात पुलिस अधिकारी बाबा के इस आश्रम पर पहुंचे थे. यहां तक कि रात में डीएसपी आश्रम के अंदर गए थे लेकिन बाबा को आश्रम से बाहर नहीं आया. निकलने को कहा पर बो बाबा वाहर नहीं आये. सुबह आश्रम से 6 गाड़ियां निकली. एक कार भाजपा का झंडा लगा हुआ था चर्चा है बाबा इस गाड़ी में बैठकर निकल गया था.
बता दें कि बाबा का आश्रम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर है, जिसमें 6 बड़े कमरे हैं, जिसमें वह रहता है. आश्रम में कोई बाबा की बगैर अनुमति से आ और जा नहीं जा सकता. आश्रम पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे से होती है. आश्रम की रखवाली करीब 80 सेवादार तैनात रहती है. मुख्य गेट पर निर्माण दान देने वाले 200 लोगों सूची लगी हुईं है. जिसमे 1 लाख से करीब 1 करोड़ से ज्यादा चंदा देने वालों का नाम है.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बाबा के पास करीब 100 करोड़ से ज्यादा की जमीन है. बाबा के साथ हर समय से 30 लगजरी गाड़ी रहती है. भोले बाबाखुद fortuner में चलता है. वहीं, हाथरस सत्संग करने जब गाड़ी का पहुंची थी तो उस साथ करीब 15 गाड़ियों का काफिला था.
घायलों से मिलने पहुंचे वकील एपी सिंह, कहा- बाबा भागे नहीं हैं
हाथरस हादसे के तीसरे दिन भोले बाबा के वकील एपी सिंह अलीगढ़ के दीनदयाल अस्पताल पहुंचे और घायलों का हाल-चाल जान हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. मीडिया से एडवोकेट एपी सिंह ने कहा कि बाबा पुलिस को जांच में सहयोग कर रहे हैं, वह भागे नहीं है, उत्तर प्रदेश में ही है. पुलिस बाबा को जब बुलाएगी तब पेश होंगे. एपी सिंह ने कहा कि यहां पहुंचना बाबा का ही मैसेज है. वह पुलिस जैसा कह रही है, वैसा कर रहे हैं. बाबा ने अपना लिखित संदेश दिया है, मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. वह आज नहीं, कल नही, परसों नही है वह कभी भेष नही बदलेंगे, कहीं भागेंगे नहीं, कभी बॉर्डर पर नही मिलेंगे.
एपी सिंह ने कहा कि हमें एसआईटी की जांच एजेंसी पर भरोसा है. उन्होंने कहा कि नारायण साकार हरि के यहां कोई चरण धूल नहीं लेता. क्या नारायण हरि के पैर छूते फोटो देखे हैं किसी ने, नहीं देखे हो, वह करते ही नहीं. वह प्रवचन करते हैं और इस आधार पर अपना जीवन चलते हैं. अपनी बीआरएस की सैलरी से जो पेंशन मिलती है, उसी से अपना जीवन यापन चलाते हैं. वह किसी के यहां भोजन भी नहीं करते. कोई उनका आश्रम नहीं है. मैं 26 वर्ष से सुप्रीम कोर्ट का वकील होने के नाते जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि नारायण साकार हरि का इस देश में इस दुनिया में कोई आश्रम नहीं है.
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