लखनऊ: राजधानी के दुबग्गा इलाके में शुक्रवार देर शाम हुए सिलेंडर ब्लास्ट मामले में जांच के साथ ही कार्रवाई भी शुरू हो गई है. शुरुआती जांच में पाया गया कि घर में कई दिनों से अवैध गैस का भंडारण किया जा रहा था. जहां से गैस रिफलिंग भी की जा रही थी. पूरे मामले में बीट प्रभारी उपनिरीक्षक रामसेवक राणा और आरक्षी मनोज कुमार की लापरवाही मिली. जिसपर एक्शन लेते हुए डीसीपी ने दोनों को निलंबित कर दिया. साथ ही पूरे मामले की जांच एसीपी मलिहाबाद को सौपी गई है. रिफलिंग के दौरान हुए धमाके में दो बच्चों सहित कुल छह लोग झुलस गए थे.
दुबग्गा थाना पुलिस के मुताबिक, ठाकुरगंज निवासी अशोक गुप्ता के मकान में अचानक सिलेंडर फटा जिसमें अशोक गुप्ता के यहां काम करने वाले चार मजदूर मोहित गुप्ता, शोभित गुप्ता, सोमनाथ विश्वकर्मा और रंजीत झुलस गए. साथ ही पड़ोसी मोहम्मद सिराज का बेटा मोहम्मद जीशान 5 वर्ष और बेटी आयशा 7 वर्ष भी इसकी चपेट में आ गया और गंभीर रूप से झुलस गया. सिराज को भी चोट आई. सभी को तत्लाक ट्रामा सेंटर भिजवाया गया.
डीसीपी ओमवीर सिंह ने बताया कि, ब्लास्ट के बाद मौके पर जुटे आस-पास के लोगों ने रोहित गुप्ता पर चोरी छिपे अवैध रूप से गैस सिलेण्डर की रिफलिंग का काम करने का आरोप लगाया. जिसके चलते बीट प्रभारी उपनिरीक्षक रामसेवक राणा और बीट आरक्षी मनोज कुमार को इस अवैध रिफलिंग की जानकारी न होने या लापरवाही बरतने पर निलंबित किया गया है. शुरूआती जांच सहायक पुलिस आयुक्त मलिहाबाद की ओर से की जा रही. इसके अलावे थाने के किसी भी अन्य कर्मचारी की भूमिका पाई जाती है तो उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जायेगी.
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