लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को जारी बयान में सरकार के वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने के दावे को लेकर बड़ा हमला बोला है. सपा मुखिया का कहना है कि कर्मचारियों को उनके अधिकार का पैसा न देने वाली सरकार सिर्फ हवाई और झूठे दावे कर रही है. केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को 18 महीने के डीए का एरियर देने से मना कर दिया है. ऐसे में सरकार बताए कि जीएसटी कलेक्शन और कई ट्रिलियन डॉलर की इकॉनामी का पैसा कहां जा रहा है.
अखिलेश ने कहा कि अरबों के जहाज और टपकते भवनों के लिए तो पैसा है, लेकिन सही मायने में सरकार चलाने वाले कर्मचारियों के लिए नहीं. एक तरफ महंगाई का बढ़ना, दूसरी तरफ महंगाई भत्ता न मिलना, सीमित आय वाले कर्मचारियों पर दोहरी मार है. घर की चिंता जब सिर पर हावी होगी तो कार्य-क्षमता पर भी असर होगा. जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा. भाजपा की सरकारें वैसे भी चुनाव लड़ती हैं, काम तो करती नहीं हैं और जो काम करते हैं उनको उचित वेतन नहीं देतीं.
सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा सरकार बुजुर्गों की भी सगी नहीं है. जिनके दवा-देखभाल के खर्चे तो बढ़ रहे हैं, लेकिन पेंशन नहीं. अब क्या सरकार ये चाहती है कि वरिष्ठ नागरिक पेंशन के लिए अनशन करें. रेलवे की छूट बंद करके वैसे भी भाजपा ने वरिष्ठ नागरिकों का अपमान ही किया है.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार को असमानता फैलाने और आर्थिक शोषण को बढ़ावा देने में महारत हासिल है. उसकी आर्थिक नीतियों से अमीरों का पोषण और खासकर मध्यमवर्गीय परिवारों के शोषण का रास्ता खुलता है. भाजपा सरकार की कुनीतियों के चलते ही देश में बेरोजगारी बढ़ रही है और उद्योगधंधे बंद होते जा रहे हैं. नौकरियों में छंटनी हो रही है. सरकारी विभागों में भर्ती बंद हैं. रेलवे जैसे बड़े प्रतिष्ठान में रिक्तियां बढ़ती जा रही हैं. भाजपा सरकार ने समाज के सभी वर्गों को परेशान करके रखा है. महंगाई, भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता भाजपा सरकार से जल्द से जल्द निजात पाना चाहती है. भाजपा सरकार की नीतियां किसान, नौजवान, कर्मचारी, व्यापारी विरोधी है. इस सरकार ने 10 साल के शासन काल में सबको ठगने का काम किया है.