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कुपोषित बच्चों का इलाज : लखनऊ के लोहिया अस्पताल में तैयार हो रही अलग यूनिट, जानें खासियत - Treatment of malnourished children

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 24, 2024, 1:29 PM IST

लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कुपोषित बच्चों के इलाज (Treatment of Malnourished Children) की अलग व्यवस्था करने की कवायद शुरू कर दी गई है. देखें पूरी खबर...

अस्पताल का पंजीकरण काउंटर.
अस्पताल का पंजीकरण काउंटर. (Photo Credit: ETV Bharat)

लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कुपोषित बच्चों के इलाज की अलग व्यवस्था होगी. लोहिया संस्थान के शहीद पथ स्थित मातृ शिशु एवं रेफरल हॉस्पिटल में कुपोषित बच्चों के लिए न्यूट्रीशन यूनिट तैयार की जा रही है. इसके अलावा नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के बजट से कुपोषित बच्चों को मुफ्त इलाज व भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए किचन का भी इंतजाम किया गया है.

बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. दीप्ति अग्रवाल ने बताया कि न्यूट्रीशन यूनिट में 10 बेड होंगे. यूनिट के लिए स्थान का चयन कर लिया गया है. छह माह से 14 साल तक के कुपोषित बच्चों को यूनिट में भर्ती किया जाएगा. डॉ. दीप्ति का कहना है कि पौष्टिक आहार न मिलने से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास प्रभावित होता है. बच्चे एनीमिया की जद में आ जाते हैं. शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है, जिससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. नतीजतन बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं.



मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि अस्पताल में जो भी मरीज भर्ती होते हैं सभी को सुबह का नाश्ता और दोनों समय का भोजन मिलता है. बड़ों की तुलना में बच्चों की डाइट अलग होती है. उनके न्यूट्रीशन अलग होते हैं. बच्चे इतना भारी खाना खाना पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में बच्चों को दूध, दलिया, ओट्स, सूजी का हलवा, खिचड़ी, फल-फूल दिया जाएगा. बच्चों के लिए यह सुविधा इसलिए की जा रही है ताकि बच्चों को जिन चीज की कमी है उसकी पूर्ति हो सके.

डॉ. श्रीकेश सिंह ने कहा कि आमतौर पर सरकारी अस्पताल में एक गरीब वर्गी परिवार या मध्यम वर्ग की परिवार के बच्चे अधिक आते हैं. ऐसे में खेती किसानी करने वाले व्यक्ति इतने सक्षम नहीं होते हैं कि अपने बच्चों को ताकत वाली चीजें खिला सकें. यही कारण होता है कि बच्चे अधिक कुपोषित होते हैं. जरूरी नहीं की बच्चों को काजू, बादाम व पिस्ता खिलाया जाए तभी वह स्वस्थ रहेगा. दूध, दलिया, दही, खिचड़ी, मौसमी फल व सब्जी यानी कि एक हेल्थी डाइट के जरिए भी बच्चे को स्वस्थ रखा जा सकता है. बस जरूरत है तो लोगों को जागरूक करने की. संस्थान में जो भी माता-पिता अपने बच्चों को लेकर दिखने आते हैं या बच्चे को भारती करते हैं उन्हें हम पूरी तरह से यह जानकारी देते हैं कि वह अपने बच्चों को एक पोषित खाना दें. जिसमें उसे तमाम तत्व मिल जाए. सोयाबीन, मूंगफली, हरी साग सब्जी के द्वारा भी बच्चों को हाई फाइबर न्यूट्रिशन प्राप्त हो सकता है.

यह भी पढ़ें : गाजियाबाद: 'DM के VVIP बच्चे' मुहिम के तहत शुरू हुआ कुपोषित बच्चों का इलाज

यह भी पढ़ें : यूपी में कुपोषित बच्चों को नहीं मिल पा रहा योजनाओं का लाभ, यह है वजह

लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कुपोषित बच्चों के इलाज की अलग व्यवस्था होगी. लोहिया संस्थान के शहीद पथ स्थित मातृ शिशु एवं रेफरल हॉस्पिटल में कुपोषित बच्चों के लिए न्यूट्रीशन यूनिट तैयार की जा रही है. इसके अलावा नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के बजट से कुपोषित बच्चों को मुफ्त इलाज व भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए किचन का भी इंतजाम किया गया है.

बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. दीप्ति अग्रवाल ने बताया कि न्यूट्रीशन यूनिट में 10 बेड होंगे. यूनिट के लिए स्थान का चयन कर लिया गया है. छह माह से 14 साल तक के कुपोषित बच्चों को यूनिट में भर्ती किया जाएगा. डॉ. दीप्ति का कहना है कि पौष्टिक आहार न मिलने से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास प्रभावित होता है. बच्चे एनीमिया की जद में आ जाते हैं. शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है, जिससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. नतीजतन बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं.



मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि अस्पताल में जो भी मरीज भर्ती होते हैं सभी को सुबह का नाश्ता और दोनों समय का भोजन मिलता है. बड़ों की तुलना में बच्चों की डाइट अलग होती है. उनके न्यूट्रीशन अलग होते हैं. बच्चे इतना भारी खाना खाना पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में बच्चों को दूध, दलिया, ओट्स, सूजी का हलवा, खिचड़ी, फल-फूल दिया जाएगा. बच्चों के लिए यह सुविधा इसलिए की जा रही है ताकि बच्चों को जिन चीज की कमी है उसकी पूर्ति हो सके.

डॉ. श्रीकेश सिंह ने कहा कि आमतौर पर सरकारी अस्पताल में एक गरीब वर्गी परिवार या मध्यम वर्ग की परिवार के बच्चे अधिक आते हैं. ऐसे में खेती किसानी करने वाले व्यक्ति इतने सक्षम नहीं होते हैं कि अपने बच्चों को ताकत वाली चीजें खिला सकें. यही कारण होता है कि बच्चे अधिक कुपोषित होते हैं. जरूरी नहीं की बच्चों को काजू, बादाम व पिस्ता खिलाया जाए तभी वह स्वस्थ रहेगा. दूध, दलिया, दही, खिचड़ी, मौसमी फल व सब्जी यानी कि एक हेल्थी डाइट के जरिए भी बच्चे को स्वस्थ रखा जा सकता है. बस जरूरत है तो लोगों को जागरूक करने की. संस्थान में जो भी माता-पिता अपने बच्चों को लेकर दिखने आते हैं या बच्चे को भारती करते हैं उन्हें हम पूरी तरह से यह जानकारी देते हैं कि वह अपने बच्चों को एक पोषित खाना दें. जिसमें उसे तमाम तत्व मिल जाए. सोयाबीन, मूंगफली, हरी साग सब्जी के द्वारा भी बच्चों को हाई फाइबर न्यूट्रिशन प्राप्त हो सकता है.

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