लखनऊ : संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) में कार्यरत महिला कर्मचारी के बेटे प्रशांत सिंह ने धर्म छिपाकर पहले सोशल मीडिया साइट पर युवती से दोस्ती की. इसके बाद कोर्ट मैरिज कर ली और अस्पताल परिसर स्थित घर लाकर रहने लगा. आरोप है कि घर पहुंचने पर युवती को पता चला कि उसके पति का परिवार क्रिश्चियन है. ससुराल में रहने के दौरान प्रशांत की मां ने पहले दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. इसके बाद हिन्दू धर्म छोड़कर क्रिश्चियन बनने का दबाव बनाने लगी. विरोध पर उसे मारपीट कर कमरे में बंद कर दिया. इधर कई दिन तक बेटी से संपर्क न होने पर परिजन घर पहुंचे, तो मामले की जानकारी हुई. इसके बाद मामला पीजीआई कोतवाली पुलिस के पास पहुंचा.
मूलरूप से सिद्धार्थनगर की रहने वाली युवती की तहरीर के अनुसार पीजीआई कैम्पस लखनऊ के रहने वाले प्रशांत सिंह से उसकी मुलाकात सोशल मीडिया साइट पर हुई थी. प्रशांत सिंह ने हिंदू होने को ढोंग रचकर बातें करनी शुरू की थीं. इसके बाद बीती 6 मई 2024 कोर्ट मैरिज कर ली. विवाह के पश्चात बीती 10 मई को प्रशांत सिंह अपने साथ पीजीआई कैम्पस वाले मकान में ले गया. वहां प्रशांत सिंह की माता सुनीता कुमारी ने बेटे को फंसाकर बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए बहुत भला बुरा कहा. इसके अलावा दहेज को लेकर ताना देने लगीं.
शादी के 15 दिन बाद प्रशांत सिंह किसी काम से बाहर गया था. इस दौरान सास सुनीता ने उसके साथ मारपीट की और धर्म बदलने के साथ दहेज में 25 लाख रुपये लाने को कहा. इसके बाद फोन भी छीन लिया. युवती के अनुसार सुनीता चिनहट स्थित एक चर्च में पदाधिकारी हैं और प्रशांत सिंह हिंदू नाम रखकर हिन्दू लड़कियों को फंसाता है. इसके लिए चर्च उनको फंडिंग करता है. इधर, मोबाइल फोन बंद होने से परेशान युवती के माता-पिता और भाई 11 अगस्त को प्रशांत के घर पहुंचे. घर पर मिलीं युवती की सास सुनीता कुमारी ने बताया कि आपकी बेटी कहीं भाग गई.
हमारे यहां नहीं रहती है. इसी दौरान माता-पिता व भाई की आवाज सुन कर कमरे में बंद युवती जोर से दरवाजा पीटने लगी, तो हकीकत पता चली. इसके बाद वे शिकायत लेकर पीजीआई कोतवाली पहुंचे. कोतवाली प्रभारी पीजीआई ब्रजेश चंद्र तिवारी ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है. मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी मां बेटे फरार हैं.
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