लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती आरक्षण के मुद्दे को लेकर काफी मुखर हैं. इस मुद्दे को लेकर वह हर दिन सोशल मीडिया पर अपनी बात रख रही हैं. शुक्रवार को भी उन्होंने सोशल मीडिया एक पर सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को लेकर जो आदेश आए हैं, उसको लेकर केंद्र की मौजूदा सरकार और दूसरी पार्टियों के रवैये पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाने को लेकर दुख हुआ चिंता जाहिर किया है.
1. एससी/एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर का नया नियम लागू करने के माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 1 अगस्त 2024 के निर्णय के विरुद्ध जन अपेक्षा के अनुसार पुरानी व्यवस्था बहाल रखने के लिए केन्द्र द्वारा अभी तक भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना यह अति-दुःखद व चिन्ताजनक।
— Mayawati (@Mayawati) August 23, 2024
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर का नया नियम लागू करने में माननीय सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के निर्णय के विरुद्ध जन अपेक्षा के अनुसार पुरानी व्यवस्था बहाल रखने के लिए केंद्र द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना अति दुखद व चिंताजनक है. इसको लेकर 21 अगस्त को भारत बंद के बावजूद अगर केंद्र इसमें जरूरी सुधार के लिए गंभीर नहीं है तो यह सोचने वाली बात है.
मायावती ने लिखा कि पहले उच्चतम न्यायालय में लेक्चर पैरवी और अब उसको लेकर संविधान संशोधन बिल नहीं लाने से साबित है कि बीजेपी का एससी-एसटी आरक्षण विरोधी रवैया पूर्व की तीव्रता के साथ बरकरार है. इस मामले में कांग्रेस, सपा व इनके इंडी गठबंधन की भी चुप्पी उतनी ही घातक है. इससे या फिर साबित होता है कि एससी-एसटी वर्ग के सही हित कल्याण व उत्थान के मामले में दोनों ही पार्टियों व उनके इंडी गठबंधन एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं. इन वर्गों का हित अंबेडकरवादी बीएसपी में ही सुरक्षित है.
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