लखनऊ : दिल के मरीजों को अब किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, KGMU में बेहतर इलाज मिल सकेगा. दिल के मरीजों की सभी जांचें एक छत के नीचे संभव हों, इसके लिए संस्थान में 10 करोड़ की लागत से कैथराइजेशन प्रयोगशाला(कैथ लैब) बनेगी. इसके लिए कवायद शुरू हो चुकी है और योगी सरकार ने बजट भी मंजूर कर दिया है. लैब के निर्माण की प्रक्रिया स्टार्ट हो गई है. उम्मीद है कि इसी साल के अंत तक लोगों को सुविधाएं मिलने लगेंगी.
बता दें, केजीएमयू के कार्डियोलॉजी विभाग में मरीजों का काफी दबाव है. यहां की इमरजेंसी में रोजाना सौ से ज्यादा मरीज आते हैं. बेड खाली न होने पर इनमें से काफी मरीजों को दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है. इमरजेंसी के अलावा विभाग में अभी तक सिर्फ 84 बेड ही हैं. इन सभी पर आईसीयू की सुविधा भी नहीं है. ऐसे में लोग काफी परेशान होते हैं.
मरीजों की इन्हीं परेशानियों को देखते हुए अब बेहतर व्यवस्थाओं की कवायद तेज कर दी गई है. कार्डियोलॉजी विभाग में तीन-चार साल से सुविधाएं के विस्तार की योजना पर काम चल रहा है. इसके तहत लारी कॉर्डियोलॉजी के पीछे 10 मंजिला भवन बनाया गया है. इसमें से छह मंजिलों पर मरीजों को भर्ती कर इलाज देने की सुविधा तथा प्रशासनिक भवन होंगे. नीचे की चार मंजिलों पर मल्टीलेवल पार्किंग रहेगी. नए भवन में कैथराइजेशन प्रयोगशाला बनाई जा रही है, जिसमें सभी जांचें एक स्थान पर हो सकेंगी.
नए भवन में बढ़ जाएंगे आईसीयू के 92 बेड : केजीएमयू में दिल के मरीजों का इलाज करने की क्षमता अक्टूबर 2024 तक दोगुने से भी अधिक हो जाएगी. अभी यहां 84 आईसीयू बेड हैं. अब यहां 180 बेड की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही 92 नए आईसीयू बेड जोड़े जा रहे हैं. इस बाबत बजट पिछले साल जारी किया चुका है. लारी कॉर्डियोलॉजी के नए भवन में सिर्फ रैंप का काम बचा है. यह भी अकटूबर तक पूरा होने की उम्मीद है.