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सरोजिनीनगर में बनेगा लखनऊ विश्वविद्यालय का नया कैंपस, एग्रीकल्चर फैकल्टी की होगी स्थापना, जमीन तलाशेगी 8 सदस्यीय कमेटी - Lucknow University new campus

लखनऊ विश्वविद्यालय का तीसरा परिसर जल्द ही सरोजनीनगर के पिपरसंड (Lucknow University new campus) गांव में बनेगा. उप जिलाधिकारी सरोजिनीनगर की ओर से जारी आदेश के अनुसार, आठ सदस्य कमेटी लखनऊ विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के निर्माण के लिए ग्राम पिपरसंड में भूमि की तलाश करेगी.

सरोजिनीनगर में बनेगा लखनऊ विश्वविद्यालय का नया कैंपस
सरोजिनीनगर में बनेगा लखनऊ विश्वविद्यालय का नया कैंपस (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 30, 2024, 3:10 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय को जल्द ही उसका तीसरा नया परिसर मिल जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालय ने शासन से भूमि आवंटन करने का प्रस्ताव भेजा था. जिसके बाद अब शासन ने उप जिलाधिकारी सरोजिनीनगर को लखनऊ विश्वविद्यालय के इस प्रस्ताव के अनुसार भूमि आवंटन की प्रक्रिया के लिए भूमि तलाश करने के निर्देश दिया है. इसके बाद तहसीलदार सरोजिनी नगर की तरफ से आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. जो लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए भूमि की तलाश करेगा.

जारी आदेश
जारी आदेश (Photo credit: ETV Bharat)



आठ सदस्य कमेटी तलाशेगी जमीन : लखनऊ विश्वविद्यालय तीसरे परिसर में एग्रीकल्चर फैकल्टी शुरू करेगा. जिसके लिए उसे कम से कम 20 एकड़ से अधिक भूमि की जरूरत है. लखनऊ विश्वविद्यालय ने करीब 1 साल पहले ही कृषि विभाग शुरू करने के लिए सरकार से भूमि आवंटन की मांग की थी. उप जिलाधिकारी सरोजिनी नगर की ओर से जारी आदेश के अनुसार, आठ सदस्य कमेटी लखनऊ विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के निर्माण के लिए ग्राम पिपरसंड में भूमि की तलाश करेगी. इस कमेटी में राजस्व निरीक्षक अमावा, नरेंद्र मिश्रा क्षेत्रीय लेखपाल, हारस्वरूप, विश्राम, सर्वजीत सिंह, विशाल यादव, आजाद वर्मा व सुधीर कुमार शर्मा का नाम शामिल किया गया है.

एग्रीकल्चर फैकेल्टी की बढ़ी थी मांग : ज्ञात हो कि लखनऊ विश्वविद्यालय में चार नए जिले जोड़ने के बाद एग्रीकल्चर कॉलेज की संख्या बढ़कर 17 हो गई है. जिसके बाद से विश्वविद्यालय में एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की मांग लगातार हो रही है. लखनऊ विश्वविद्यालय बॉटनी विभाग की निगरानी में एग्रीकल्चर विषय की पढ़ाई कर रहा है. नियमित फैकल्टी ना होने के कारण 17 एग्रीकल्चर कॉलेज के संचालन उनके पठन-पाठन और मान्यता संबंधी नियम बनाने में विश्वविद्यालय को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उत्तर प्रदेश सरकार के नियम के अनुसार, कोई भी विश्वविद्यालय एग्रीकल्चर फैकल्टी की स्थापना तभी कर सकता है जब उसके पास 20 एकड़ किसी योग भूमि हो.

यह भी पढ़ें : राज्यसभा में उठी लखनऊ विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग, शिक्षक संघ उठा चुका है कई बार यह मुद्दा - LUCKNOW UNIVERSITY

यह भी पढ़ें : सराहनीय अभियान: लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र तीमारदार बनकर मरीजों का करा रहे इलाज - Unique campaign by students

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय को जल्द ही उसका तीसरा नया परिसर मिल जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालय ने शासन से भूमि आवंटन करने का प्रस्ताव भेजा था. जिसके बाद अब शासन ने उप जिलाधिकारी सरोजिनीनगर को लखनऊ विश्वविद्यालय के इस प्रस्ताव के अनुसार भूमि आवंटन की प्रक्रिया के लिए भूमि तलाश करने के निर्देश दिया है. इसके बाद तहसीलदार सरोजिनी नगर की तरफ से आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. जो लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए भूमि की तलाश करेगा.

जारी आदेश
जारी आदेश (Photo credit: ETV Bharat)



आठ सदस्य कमेटी तलाशेगी जमीन : लखनऊ विश्वविद्यालय तीसरे परिसर में एग्रीकल्चर फैकल्टी शुरू करेगा. जिसके लिए उसे कम से कम 20 एकड़ से अधिक भूमि की जरूरत है. लखनऊ विश्वविद्यालय ने करीब 1 साल पहले ही कृषि विभाग शुरू करने के लिए सरकार से भूमि आवंटन की मांग की थी. उप जिलाधिकारी सरोजिनी नगर की ओर से जारी आदेश के अनुसार, आठ सदस्य कमेटी लखनऊ विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के निर्माण के लिए ग्राम पिपरसंड में भूमि की तलाश करेगी. इस कमेटी में राजस्व निरीक्षक अमावा, नरेंद्र मिश्रा क्षेत्रीय लेखपाल, हारस्वरूप, विश्राम, सर्वजीत सिंह, विशाल यादव, आजाद वर्मा व सुधीर कुमार शर्मा का नाम शामिल किया गया है.

एग्रीकल्चर फैकेल्टी की बढ़ी थी मांग : ज्ञात हो कि लखनऊ विश्वविद्यालय में चार नए जिले जोड़ने के बाद एग्रीकल्चर कॉलेज की संख्या बढ़कर 17 हो गई है. जिसके बाद से विश्वविद्यालय में एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की मांग लगातार हो रही है. लखनऊ विश्वविद्यालय बॉटनी विभाग की निगरानी में एग्रीकल्चर विषय की पढ़ाई कर रहा है. नियमित फैकल्टी ना होने के कारण 17 एग्रीकल्चर कॉलेज के संचालन उनके पठन-पाठन और मान्यता संबंधी नियम बनाने में विश्वविद्यालय को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उत्तर प्रदेश सरकार के नियम के अनुसार, कोई भी विश्वविद्यालय एग्रीकल्चर फैकल्टी की स्थापना तभी कर सकता है जब उसके पास 20 एकड़ किसी योग भूमि हो.

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