लखनऊ: लखनऊ के मलिहाबाद में ट्रिपल मर्डर करके पुलिस को चुनौती देने वाला लल्लन खान आतंक का पर्याय समय केस साथ बना. लल्लन खान उर्फ सिराज ने 1970 में काकोरी में पहला मर्डर किया था. उसके बाद इसने अपना साम्राज्य स्थापित करना चालू किया.
शराब, शबाब और कबाब का करता था इंतजाम: नामचीन लोगों में अपनी पैठ बनाने के लिए उसने नेताओं, पुलिस अधिकारियों और न्याय पालिका से जुड़े लोगों को मलिहाबाद मोहम्मद नगर में शराब, शबाब और कबाब की दावतें दीं. इस बीच गांव से मौलवी कल्लन, हाफिज रहमान, दुलारे अंसारी सहित तमाम लोगों को भगा दिया.
लल्लन खाने के कारण गांव में नहीं रहना चाहते थे लोग: हिस्ट्रीशीटर लल्लन खान की अधिकांश जमीनें मालिहाबाद के बुलाकीहार में थीं. वहां निजी नलकूप इसके बागों में फ्री सिंचाई करते थे. 1997 में जब मौर्य परिवार ने इसकी दबंगई का विरोध किया, तो झगड़ा हुआ. मामला थाने पहुंचा तो यह पुलिस की मिलीभगत से वहां से भाग गया.
रसूख का इस्तेमाल कर कई जमीनों पर किया कब्जा: अटल बिहारी वाजपेयी की बीजेपी सरकार और पूर्व सांसद पूर्णिमा वर्मा और तत्कालीन जिलाध्यक्ष भिखारी सिंह के हस्तक्षेप के कारण लल्लन खान पर दर्जनों केस दर्ज हुए. इसने अपने रसूख का इस्तेमाल किया और बच निकला. इसके आतंक की वजह से बुलाकीहार के लोग पलायन करना चाहते थे. सरकार ने सुरक्षा का इंतजाम और कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था. इसके बाद इसने अब तक कई लोगों की जमीनों पर कब्जा कर लिया, लेकिन इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब यह उन्ही लोगों के लिए काल बन गया, जो अब तक इसको बढ़ावा देते रहे.
परिजन कर रहे इनकाउंटर की मांग: पीड़ित परिवार के लोग अब उसके एनकाउंटर की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो वह दूसरा अतीक अहमद बन जाएगा. मलिहाबाद में शुक्रवार शाम जमीनी विवाद में मां फरीन, बेटे हम्ज़ला और फरहीन के देवर ताज की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. यह हत्या फरहीन के सगे चचिया ससुर लल्लन खान और बेटे ने अपनी लाइसेंसी राइफल से 5 गोली मारकर की थी.
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