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जिला अस्पतालों से दूर होगी डॉक्टरों की कमी, रेजीडेंट भी देंगे सेवाएं - shortage of doctors in UP - SHORTAGE OF DOCTORS IN UP

मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन खुले स्वास्थ्य केंद्रों पर अब जिला रेजीडेंसी प्रोग्राम के तहत विशेषज्ञों ने सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इससे सरकारी अस्पतालों में डाॅक्टरों की कमी दूर हो जाएगी. Shortage of Doctors in UP

स्वास्थ्य भवन लखनऊ.
स्वास्थ्य भवन लखनऊ. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 16, 2024, 4:57 PM IST

लखनऊ : मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन खुले स्वास्थ्य केंद्रों पर अब जिला रेजीडेंसी प्रोग्राम के तहत विशेषज्ञों ने सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं. सोमवार को लगे शिविर में कई जगह पर विशेषज्ञ मौजूद मिले. हालांकि कई केंद्रों पर समय से पहले विशेषज्ञ उठकर चले गए. अफसरों का कहना है कि अभी जिला अस्पतालों से भी रेजीडेंट सेवाएं देने आएंगे. रोस्टर के हिसाब से उनकी ड्यूटी तय की जाएगी. इसके अलावा जिला अस्पतालों में जो चिकित्सकों की कमी है वह भी दूर हो जाएगी और साथ ही रेजीडेंट डॉक्टर को भी अनुभव मिलेगा. यह चार महीने की ट्रेनिंग होगी. इसमें रेजीडेंट चिकित्सक होंगे. जैसे ही चार महीने के रेजीडेंट चिकित्सक के पूरे होगें. उसके बाद दूसरा ग्रुप जिला अस्पतालों में तैनात किए जाएंगे.





सरकारी अस्पतालों में करीब 150 से अधिक रेजीडेंट डॉक्टर तैनात हैं. इसमें सिविल अस्पताल में 40 रेजीडेंट सेवाएं दे रहे हैं. बलरामपुर में 40 व लोकबंधु में 50 रेजीडेंट तैनात हैं. इसके अलावा दूसरे अन्य अस्पतालों में रेजीडेंट तैनाती हैं. इन रेजीडेंट की सेवाएं अब जन आरोग्य शिविर में भी ली जाएगी. बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण के मुताबिक रोस्टर के हिसाब से इनकी ड्यूटी लगेगी. सिविल के सीएमएस डॉ. राजेश ने बताया कि अभी कोई ड्यूटी रोस्टर नहीं आया है.

लखनऊ स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि अब हर रेजीडेंट को सरकारी अस्पतालों में तैनाती मिलेगी और उनकी शुरुआत यहीं से होगी ताकि, उन्हें एक अनुभव मिल सके और सरकारी संस्थानों में भी जो चिकित्सकों की कमी है. वह भी पूरी हो सके. अलीगंज सीएचसी में लगे शिविर में एमडी फार्मेसी करने वाले रेजीडेंट डॉ. सौरभ कृष्ण व डॉ. चित्रांशी ने मरीजों का इलाज किया. शिविर में उनके साथ एमबीबीएस डॉक्टर भी मरीजों का इलाज करते मिले. सीएचसी प्रभारी डॉ. सोमनाथ ने बताया शिविर में करीब 50 से अधिक मरीज देखे गए.



बड़ा गांव पीएचसी से गायब मिले रेजीडेंट : काकोरी के बड़ा गांव पीएचसी में लगे शिविर में रेजीडेंट डॉ. अंशुमान मिश्रा की ड्यूटी लगी थी, हालांकि वह मौजूद नहीं थे. चिकित्साधिकारी डॉ. पवन सिंह मौके पर मिले. फतेहगंज पीएचसी पर रेजीडेंट डॉ. टीपू सुल्तान दोपहर डेढ़ बजे नदारद रहे. स्टाफ ने बताया कि वे अभी थोड़ी देर पहले गए हैं. पीएचसी पर डॉ. अंकित राय गुप्ता व डॉ. श्रुति वर्मा इलाज करते मिले. शिविर में 70 से अधिक मरीज देखे गए.

यह भी पढ़ें : 62 साल पूरा कर चुके डॉक्टरों को जबरन देनी पड़ रहीं सेवाएं, चिकित्सकों ने कही ऐसी बात

यह भी पढ़ें : यूपी के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, जानिए क्यों एनएचएम ने बढ़ाया वेतन

लखनऊ : मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन खुले स्वास्थ्य केंद्रों पर अब जिला रेजीडेंसी प्रोग्राम के तहत विशेषज्ञों ने सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं. सोमवार को लगे शिविर में कई जगह पर विशेषज्ञ मौजूद मिले. हालांकि कई केंद्रों पर समय से पहले विशेषज्ञ उठकर चले गए. अफसरों का कहना है कि अभी जिला अस्पतालों से भी रेजीडेंट सेवाएं देने आएंगे. रोस्टर के हिसाब से उनकी ड्यूटी तय की जाएगी. इसके अलावा जिला अस्पतालों में जो चिकित्सकों की कमी है वह भी दूर हो जाएगी और साथ ही रेजीडेंट डॉक्टर को भी अनुभव मिलेगा. यह चार महीने की ट्रेनिंग होगी. इसमें रेजीडेंट चिकित्सक होंगे. जैसे ही चार महीने के रेजीडेंट चिकित्सक के पूरे होगें. उसके बाद दूसरा ग्रुप जिला अस्पतालों में तैनात किए जाएंगे.





सरकारी अस्पतालों में करीब 150 से अधिक रेजीडेंट डॉक्टर तैनात हैं. इसमें सिविल अस्पताल में 40 रेजीडेंट सेवाएं दे रहे हैं. बलरामपुर में 40 व लोकबंधु में 50 रेजीडेंट तैनात हैं. इसके अलावा दूसरे अन्य अस्पतालों में रेजीडेंट तैनाती हैं. इन रेजीडेंट की सेवाएं अब जन आरोग्य शिविर में भी ली जाएगी. बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण के मुताबिक रोस्टर के हिसाब से इनकी ड्यूटी लगेगी. सिविल के सीएमएस डॉ. राजेश ने बताया कि अभी कोई ड्यूटी रोस्टर नहीं आया है.

लखनऊ स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि अब हर रेजीडेंट को सरकारी अस्पतालों में तैनाती मिलेगी और उनकी शुरुआत यहीं से होगी ताकि, उन्हें एक अनुभव मिल सके और सरकारी संस्थानों में भी जो चिकित्सकों की कमी है. वह भी पूरी हो सके. अलीगंज सीएचसी में लगे शिविर में एमडी फार्मेसी करने वाले रेजीडेंट डॉ. सौरभ कृष्ण व डॉ. चित्रांशी ने मरीजों का इलाज किया. शिविर में उनके साथ एमबीबीएस डॉक्टर भी मरीजों का इलाज करते मिले. सीएचसी प्रभारी डॉ. सोमनाथ ने बताया शिविर में करीब 50 से अधिक मरीज देखे गए.



बड़ा गांव पीएचसी से गायब मिले रेजीडेंट : काकोरी के बड़ा गांव पीएचसी में लगे शिविर में रेजीडेंट डॉ. अंशुमान मिश्रा की ड्यूटी लगी थी, हालांकि वह मौजूद नहीं थे. चिकित्साधिकारी डॉ. पवन सिंह मौके पर मिले. फतेहगंज पीएचसी पर रेजीडेंट डॉ. टीपू सुल्तान दोपहर डेढ़ बजे नदारद रहे. स्टाफ ने बताया कि वे अभी थोड़ी देर पहले गए हैं. पीएचसी पर डॉ. अंकित राय गुप्ता व डॉ. श्रुति वर्मा इलाज करते मिले. शिविर में 70 से अधिक मरीज देखे गए.

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