लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर नेताओं की भाग दौड़ शुरू हो गई है. भाजपा जनवरी और फरवरी में नए अध्यक्ष का चुनाव कराने की तैयारी में है. इसको लेकर पार्टी ने संगठन के तौर पर चुनाव अधिकारी भी घोषित कर दिए हैं. माना जा रहा है कि ब्राह्मण दलित या फिर पिछड़े वर्ग से पार्टी का नया अध्यक्ष हो सकता है. पार्टी क्षत्रिय या वैश्य समाज से अध्यक्ष नहीं बनाएगी. मुख्य रूप से माना जा रहा है कि पांच से छह नाम सबसे अधिक अध्यक्ष पद की होड़ में बने हुए हैं. जबकि एक पक्ष का यह भी दावा है कि वर्तमान अध्यक्ष को एक बार फिर मौका मिल सकता है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने संगठन चुनाव को लेकर केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखा था. पत्र पार्टी अध्यक्ष की ओर से 18 अक्टूबर को भेजा गया था. जिसके जवाब में राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी डॉ. के लक्ष्मण ने उत्तर प्रदेश के सात नेताओं को चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंप दी है. पूर्व अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय को प्रदेश चुनाव अधिकारी, हरीश कुमार सिंह, अनिल चौधरी, रंजना उपाध्याय, मुकुट बिहारी वर्मा, कमलेश कुमार और राजेंद्र तिवारी को सह चुनाव अधिकारी बनाया गया है. यही टीम संगठन चुनाव को पूरा करवाएगी.
भारतीय जनता पार्टी जिला स्तर तक पहले चुनाव करवाने की तैयारी में है. जिलाध्यक्षों के चयन के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा. आमतौर से पार्टी की परंपरा यही रही है कि केंद्रीय नेतृत्व किसी का नाम तय कर देती है. इसी नाम को अध्यक्ष के तौर पर फाइनल कर दिया जाता है. इस बार भी ऐसी ही उम्मीद की जा रही है. जिसमें पार्टी किसी एक नाम को सर्वसम्मति से तय कर देगी और उसी को निर्वाचित मान लिया जाएगा. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि भाजपा एक प्रवाहमान संगठन है. पार्टी का सक्रिय सदस्यता अभियान चल रहा है. जिसके बाद निर्वाचन प्रक्रिया पूरी की जाएगी. पार्टी संविधान के हिसाब से पूरी प्रक्रिया सम्पन्न करवाई जाएगी.
चर्चा में नाम
भूपेंद्र सिंह चौधरी : वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को रिपीट किया जा सकता है. वें 2022 चुनाव के बाद से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. एमएलसी भी हैं. जाट वर्ग से आते हैं. ऐसे में पश्चिम को साधने के लिए बीजेपी उनको पद पर कायम रख सकती है.
गोविंद नारायण शुक्ल : गोविंद नारायण शुक्ल वर्तमान में पार्टी के प्रदेश महामंत्री और विधान परिषद सदस्य हैं. लंबे समय से संगठन से जुड़े रहे हैं. पार्टी के ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उनके नाम पर भी चर्चा तेज की जा रही है.
विजय बहादुर पाठक : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. ब्राह्मण वर्ग से आते हैं और विधान परिषद सदस्य भी हैं. पुरानी कार्यकर्ता रहे हैं अध्यक्ष के तौर पर उनका नाम भी लिया जा रहा है.
बाबू राम निषाद : अति पिछड़े वर्ग से आने वाले बाबू राम निषाद पार्टी के राजयसभा सांसद भी हैं. अति पिछड़े वर्ग को साध सकते हैं.
विद्यासागर सोनकर : भाजपा के एमएलसी विद्यासागर सोनकर पार्टी का दलित चेहरा हैं. लम्बे समय से सांगठनात्मक कार्यों से जुड़े हुए हैं.
विजय सोनकर : विजय सोनकर आजमगढ़ के लालगंज के रहने वाले भाजपा के पुराने दलित नेता हैं. उनका नाम भी अध्यक्ष पद के लिए लिया जा रहा है.
चर्चा में दो पुराने अध्यक्षों के नाम : इन सारे नाम के अलावा दो पुराने अध्यक्ष जिनके नेतृत्व में पार्टी ने अलग-अलग चुनाव में जीत हासिल की उन पर भी चर्चा की जा सकती है. इनमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का नाम आ सकता है. दोनों ही पिछड़े वर्ग से आते हैं. 2017 का विधानसभा चुनाव केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व 2022 का विधानसभा चुनाव स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में पार्टी ने जीता था.