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सड़क सुरक्षा पखवाड़ा: परिवहन मंत्री ने रवाना किए 28 इंटरसेप्टर, नियम तोड़ने वालों की अब खैर नहीं - SADAK SURAKSHA PAKHWARA

लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने किए तमाम दावे.

सड़क सुरक्षा पखवाड़ा का समापन समारोह.
सड़क सुरक्षा पखवाड़ा का समापन समारोह. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 16, 2024, 7:29 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में दो से 15 अक्टूबर तक आयोजित सड़क सुरक्षा पखवाड़ा का समापन 16 अक्टूबर को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुआ. इस दौरान परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने 28 हाईटेक इंटरसेप्टर वाहनों का फ्लैग ऑफ किया. इन हाईटेक वाहनों से हेलमेट, सीट बेल्ट, रॉन्ग साइड और ओवर स्पीड का चालान किया जाएगा. सड़क और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक ओवर स्पीडिंग से 77 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. इसी के चलते जिलों को इंटरसेप्टर वाहन दिए गए हैं. अमेठी, कौशांबी, भदोही, बस्ती, रायबरेली, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, महोबा और बलरामपुर सहित अन्य जिलों में ये वाहन भेजे जा रहे हैं. इसके अलावा सफाईकर्मी महिलाओं को मुफ्त हेलमेट भी दिए गए.




इस मौके पर परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि सड़क दुर्घटना में कमी लाना हमारे लिए चुनौती है. 2030 तक सड़क दुर्घटना में 50 फीसदी की कमी लाने का उद्देश्य है. सड़क सुरक्षा को हमें जन आंदोलन का रूप देना होगा. लोगों को हमें जागरूक करना होगा तभी हम अपना उद्देश्य प्राप्त कर सकेंगे. हम बदलेंगे तभी समाज बदलेगा. उत्तर प्रदेश में जितने लोगों की मौत कोरोना के दौरान नहीं हुई उससे अधिक एक साल में सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि अब तक 1000 स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब की स्थापना की जा चुकी है. जिसके माध्यम से छात्रों को सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है.

सड़क सुरक्षा पखवाड़ा का समापन समारोह. देखें खबर (Video Credit : ETV Bharat)

इस मौके पर परिवहन मंत्री ने सभागार में मौजूद छात्रों और अधिकारियों को सड़क सुरक्षा की शपथ भी दिलाई. उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर कार्रवाई के लिए ही हाईटेक इंटरसेप्टर वाहन सौंपे जा रहे हैं. इन वाहनों में ऐसी हाईटेक मशीनरी का इस्तेमाल किया गया है कि नियम का उल्लंघन करने वाले को चालान की कार्रवाई से गुजरना ही पड़ेगा. अब तक दो चरणों में 66 इंटरसेप्टर वाहन उपलब्ध कराए जा चुके हैं. अब 70 वाहन और उपलब्ध कराए जाएंगे. परिवहन मंत्री द्वारा शंकर सिंह ने बताया कि सरकार की तरफ से सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही सभी जिलों में एआरटीओ रोड सेफ्टी के साथ ही एएमवीआई की तैनाती करने का फैसला लिया गया है. इसकी प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. वित्त विभाग तक फाइल पहुंच चुकी है. बहुत जल्द जिलों में सड़क सुरक्षा अधिकारी तैनात होंगे, जिससे दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकेगी.




परिवहन विभाग के मुख्य सचिव वेंकटेश्वर लू ने कहा कि कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार नहीं होना चाहता है. सड़क सुरक्षा से हर व्यक्ति जुड़ा हुआ है. हमें निष्ठा के साथ काम करने वाले लोगों की पहचान करनी चाहिए. उन्हें ऐसे काम में लगाना चाहिए. सड़क सुरक्षा जागरूकता हमें बढ़ाना होगा जिससे 50 फीसदी सड़क दुर्घटना में कमी लाई जा सके. पूरी तरह से परिवहन विभाग में फेस लेस काम होगा. पीपीपी प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री लगातार कह रहे थे. विश्वास नहीं था यह पूरा हो पाएगा, लेकिन 23 बस स्टेशन का काम पूरा किया जा रहा है. प्रदेश में बस अड्डे एयरपोर्ट की तरह बन रहे हैं.

इस अवसर पर परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा जरूरी विषय है. सड़क सुरक्षा समिति की बैठक मुख्यमंत्री दो बार करते हैं. वाहनों की फिटनेस और ड्राइवर की ट्रेनिंग में खास ध्यान दिया जा रहा है. परिवहन विभाग की सेवाओं को फेसलेस करने का आदेश कर दिया है. 14 सेवाएं ऑनलाइन हो गई हैं. जल्द ही विभाग की सभी सेवाएं ऑनलाइन कर दी जाएंगी. इसके लिए एनआईसी से बातचीत चल रही है. प्राइवेट बसों और ट्रक को लेकर भी पॉलिसी आ रही है. अगले दिसंबर तक प्रदेश में परिवहन विभाग का ढांचा बदला हुआ दिखाई देगा.

सड़क सुरक्षा पर अमल करना हमारी जिम्मेदारी

अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा पुष्प सेन सत्यार्थी ने बताया कि पिछले महीने हुई बैठक में लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया था. सड़क दुर्घटना बहुत चिंता की बात है. सड़क सुरक्षा का काम सिर्फ एक आयोजन से पूरा नहीं होता है. सड़क सुरक्षा पर अमल करना हमारी जिम्मेदारी है. परिवहन विभाग ने भी लोगों को जागरूक किया है. पुलिस और परिवहन विभाग जागरूक करने के साथ में कार्रवाई करने का काम भी कर रहा है. ड्राइवर का हेल्थ कैंप लगाने, ब्लैक स्पॉट भी पता लगाने का काम हुआ है. इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई गई है.





कार्यक्रम में एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (एनफोर्समेंट) अशोक कुमार सिंह, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर लखनऊ (जोन) सुरेंद्र कुमार, आरटीओ लखनऊ संजय कुमार तिवारी, आरटीओ (प्रवर्तन) संदीप कुमार पंकज, आरटीओ नरेश वर्मा, एआरटीओ (प्रशासन) प्रदीप कुमार सिंह, एआरटीओ (प्रवर्तन) विनीत कुमार मिश्रा, एआरटीओ (प्रशासन) बाराबंकी अंकिता शुक्ला, आरआई लखनऊ विष्णु कुमार और पीटीओ एसपी देव मौजूद रहे.


यह भी पढ़ें : सड़क सुरक्षा पखवाड़ा : तीन बार चालान कराने वाले वाहन मालिकों को गलती पड़ेगी भारी, जानिए क्या है तैयारी

यह भी पढ़ें : लखनऊ में सड़क सुरक्षा पखवाड़ा का शुभारंभ : वित्त मंत्री ने वाहन चलाते समय लापरवाही न करने की दी सलाह

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में दो से 15 अक्टूबर तक आयोजित सड़क सुरक्षा पखवाड़ा का समापन 16 अक्टूबर को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुआ. इस दौरान परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने 28 हाईटेक इंटरसेप्टर वाहनों का फ्लैग ऑफ किया. इन हाईटेक वाहनों से हेलमेट, सीट बेल्ट, रॉन्ग साइड और ओवर स्पीड का चालान किया जाएगा. सड़क और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक ओवर स्पीडिंग से 77 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. इसी के चलते जिलों को इंटरसेप्टर वाहन दिए गए हैं. अमेठी, कौशांबी, भदोही, बस्ती, रायबरेली, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, महोबा और बलरामपुर सहित अन्य जिलों में ये वाहन भेजे जा रहे हैं. इसके अलावा सफाईकर्मी महिलाओं को मुफ्त हेलमेट भी दिए गए.




इस मौके पर परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि सड़क दुर्घटना में कमी लाना हमारे लिए चुनौती है. 2030 तक सड़क दुर्घटना में 50 फीसदी की कमी लाने का उद्देश्य है. सड़क सुरक्षा को हमें जन आंदोलन का रूप देना होगा. लोगों को हमें जागरूक करना होगा तभी हम अपना उद्देश्य प्राप्त कर सकेंगे. हम बदलेंगे तभी समाज बदलेगा. उत्तर प्रदेश में जितने लोगों की मौत कोरोना के दौरान नहीं हुई उससे अधिक एक साल में सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि अब तक 1000 स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब की स्थापना की जा चुकी है. जिसके माध्यम से छात्रों को सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है.

सड़क सुरक्षा पखवाड़ा का समापन समारोह. देखें खबर (Video Credit : ETV Bharat)

इस मौके पर परिवहन मंत्री ने सभागार में मौजूद छात्रों और अधिकारियों को सड़क सुरक्षा की शपथ भी दिलाई. उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर कार्रवाई के लिए ही हाईटेक इंटरसेप्टर वाहन सौंपे जा रहे हैं. इन वाहनों में ऐसी हाईटेक मशीनरी का इस्तेमाल किया गया है कि नियम का उल्लंघन करने वाले को चालान की कार्रवाई से गुजरना ही पड़ेगा. अब तक दो चरणों में 66 इंटरसेप्टर वाहन उपलब्ध कराए जा चुके हैं. अब 70 वाहन और उपलब्ध कराए जाएंगे. परिवहन मंत्री द्वारा शंकर सिंह ने बताया कि सरकार की तरफ से सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही सभी जिलों में एआरटीओ रोड सेफ्टी के साथ ही एएमवीआई की तैनाती करने का फैसला लिया गया है. इसकी प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. वित्त विभाग तक फाइल पहुंच चुकी है. बहुत जल्द जिलों में सड़क सुरक्षा अधिकारी तैनात होंगे, जिससे दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकेगी.




परिवहन विभाग के मुख्य सचिव वेंकटेश्वर लू ने कहा कि कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार नहीं होना चाहता है. सड़क सुरक्षा से हर व्यक्ति जुड़ा हुआ है. हमें निष्ठा के साथ काम करने वाले लोगों की पहचान करनी चाहिए. उन्हें ऐसे काम में लगाना चाहिए. सड़क सुरक्षा जागरूकता हमें बढ़ाना होगा जिससे 50 फीसदी सड़क दुर्घटना में कमी लाई जा सके. पूरी तरह से परिवहन विभाग में फेस लेस काम होगा. पीपीपी प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री लगातार कह रहे थे. विश्वास नहीं था यह पूरा हो पाएगा, लेकिन 23 बस स्टेशन का काम पूरा किया जा रहा है. प्रदेश में बस अड्डे एयरपोर्ट की तरह बन रहे हैं.

इस अवसर पर परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा जरूरी विषय है. सड़क सुरक्षा समिति की बैठक मुख्यमंत्री दो बार करते हैं. वाहनों की फिटनेस और ड्राइवर की ट्रेनिंग में खास ध्यान दिया जा रहा है. परिवहन विभाग की सेवाओं को फेसलेस करने का आदेश कर दिया है. 14 सेवाएं ऑनलाइन हो गई हैं. जल्द ही विभाग की सभी सेवाएं ऑनलाइन कर दी जाएंगी. इसके लिए एनआईसी से बातचीत चल रही है. प्राइवेट बसों और ट्रक को लेकर भी पॉलिसी आ रही है. अगले दिसंबर तक प्रदेश में परिवहन विभाग का ढांचा बदला हुआ दिखाई देगा.

सड़क सुरक्षा पर अमल करना हमारी जिम्मेदारी

अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा पुष्प सेन सत्यार्थी ने बताया कि पिछले महीने हुई बैठक में लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया था. सड़क दुर्घटना बहुत चिंता की बात है. सड़क सुरक्षा का काम सिर्फ एक आयोजन से पूरा नहीं होता है. सड़क सुरक्षा पर अमल करना हमारी जिम्मेदारी है. परिवहन विभाग ने भी लोगों को जागरूक किया है. पुलिस और परिवहन विभाग जागरूक करने के साथ में कार्रवाई करने का काम भी कर रहा है. ड्राइवर का हेल्थ कैंप लगाने, ब्लैक स्पॉट भी पता लगाने का काम हुआ है. इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई गई है.





कार्यक्रम में एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (एनफोर्समेंट) अशोक कुमार सिंह, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर लखनऊ (जोन) सुरेंद्र कुमार, आरटीओ लखनऊ संजय कुमार तिवारी, आरटीओ (प्रवर्तन) संदीप कुमार पंकज, आरटीओ नरेश वर्मा, एआरटीओ (प्रशासन) प्रदीप कुमार सिंह, एआरटीओ (प्रवर्तन) विनीत कुमार मिश्रा, एआरटीओ (प्रशासन) बाराबंकी अंकिता शुक्ला, आरआई लखनऊ विष्णु कुमार और पीटीओ एसपी देव मौजूद रहे.


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