लखनऊ : नगर निगम सदन के दूसरे दिन सोमवार को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी और सपा कांग्रेस के पार्षदों के बीच तनातनी का माहौल देखने को मिला. सदन के दौरान नगर निगम की सीमा में चल रही दुकानों और रेस्टोरेंट के टैक्स और म्यूटेशन को लेकर बड़ा फैसला हुआ. इसके तहत रेस्टोरेंट और अस्पतालों से अतिरिक्त शुल्क वसूलने के साथ ही म्यूटेशन फीस में राहत देने की बात है.
नगर निगम सदन की दूसरे दिन की बैठक काफी हंगामेदार रही. हालांकि सोमवार को देर शाम तक चली बैठक में राजधानी में चल रहे अस्पताल, रेस्टोरेंट और दुकान चलाने वालों से अतिरिक्त शुल्क वसूलने के फैसले पर मुहर लगी. शुक्रवार को सदन के दौरान बीजेपी पार्षद ने इसको लेकर सवाल उठाए थे. वहीं नगर निगम में म्यूटेशन को लेकर भी अहम फैसला लिया गया है. बताया जा रहा है कि अब तक म्यूटेशन कराने में जो चार्ज करीब 1 फीसदी जमा करना होता था, वह उससे भी कम लग सकता है.
सदन की बैठक के दौरान गुडंबा में करंट लगने से बच्चे की मौत के मामले में कड़ा फैसला लिया गया. बिजली कंपनी EECL को बच्चे के परिजनों को 10 लाख रुपये जुर्माना राशि देने का फैसला हुआ है. वहीं वार्ड की सड़कों की खस्ताहाल स्थिति और निजी कंपनियों की मनमानी के चलते बीजेपी के पार्षद अनुराग मिश्रा ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी. इसके अलावा शहर में बंदरों के आतंक पर सपा पार्षदों ने नाराजगी जाहिर की. अपर नगर आयुक्त ए.के. राव ने कहा कि नगर निगम बंदर नहीं पकड़ता है, यह काम वन विभाग का है.
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