ETV Bharat / state

केजीएमयू में 50 रुपये का पर्चा और 500 रुपये का स्ट्रेचर !, जानिए पीछे की खबर - Negligence in KGMU - NEGLIGENCE IN KGMU

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (Lucknow KGMU) में मरीजों को पर्चा काउंटर से लेकर व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए हलकान होना पड़ रहा है. केजीएमयू प्रशासन की अनदेखी से तीमारदार और मरीज रोजाना परेशानियों से दो चार होते हैं.

Negligence in KGMU.
Negligence in KGMU. (Photo Credit: ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 26, 2024, 9:07 AM IST

लखनऊ : किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में पंजीकरण शुल्क भले ही 50 रुपये हो, लेकिन व्हीलचेयर-स्ट्रेचर की सुविधा लेने के लिए 500 रुपये सिक्योरिटी मनी के तौर पर जमा करने होते हैं. यह रकम कर्मचारियों द्वारा नगद ली जाती है. इसकी रसीद भी परिजनों को नहीं दी जाती है. इस व्यवस्था के चलते मरीजों को परेशान होना पड़ता है. बुधवार को शताब्दी फेज-2 में बिहार से आए एक मरीज के परिजन स्ट्रेचर के लिए करीब आधे घंटे तक परेशान हुए.

बिहार के वेस्ट चंपारण निवासी प्रभु सिंह (62) को गले से जुड़ी समस्या थी. एम्स में इलाज चल रहा था. बेटे संजीव ने बताया कि बिहार से उन्हें केजीएयू ले जाने की सलाह दी गई. जहां वह शताब्दी फेज-2 में बुधवार दोपहर करीब 1:30 बजे मरीज को लेकर पहुंचे. सुरक्षा गार्ड ने अंदर बने काउंटर से स्ट्रेचर लेने को कहा. काउंटर पर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. ऐसी स्थिति में परिजनों को कर्मचारी के आने तक इंतजार करने को कहा गया. करीब 20 मिनट तक इंतजार करने के बाद भी कर्मचारी नहीं आया.

इस दौरान एंबुलेस में पड़े मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी. इसके बाद संजीव स्ट्रेचर के लिए शताब्दी फेज-1 गया. यहां भी स्ट्रेचर नहीं मिला. व्हीलचेयर थी, जिसके लिए कर्मचारी ने 500 रुपये जमा करने को कहा. पास में रुपये न होने के कारण वह दोबारा से दौड़ कर एंबुलेस में मौजूद मां के पास पहंचा और मां से रुपये लेकर वापस शताब्दी फेज-1 पहुंच कर कर्मचारी को रुपये दिए. जिसके बाद उसे व्हीलचेयर मिली. संजीव का कहना है कि व्हीलचेयर के लिए लिए गए रुपये की रसीद कर्मचारी ने नहीं दी गई. मरीज को व्हीलचेयर पर बैठने में भी दिक्क्त हो रही थी. हालांकि, देर शाम तक भी मरीज भर्ती नहीं हो सका था. परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने दो यूनिट खून का बंदोबस्त कर अगले दिन आने को कह कर चलता कर दिया.


केजीएमयू के प्रवक्ता सुधीर सिंह का कहना है कि स्ट्रेचर का शुल्क नहीं लिया जाता है. सिक्योरिटी मनी के रूप में 500 रुपये जमा कराए जाते हैं. जिससे स्ट्रेचर ले जाने वाला व्यक्ति खुद ही स्ट्रेचर दे जाए. सिक्योरिटी जमा न होने पर लोग कहीं भी स्ट्रेचर और व्हीलचेयर छोड़कर चले जाते हैं.

लखनऊ : किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में पंजीकरण शुल्क भले ही 50 रुपये हो, लेकिन व्हीलचेयर-स्ट्रेचर की सुविधा लेने के लिए 500 रुपये सिक्योरिटी मनी के तौर पर जमा करने होते हैं. यह रकम कर्मचारियों द्वारा नगद ली जाती है. इसकी रसीद भी परिजनों को नहीं दी जाती है. इस व्यवस्था के चलते मरीजों को परेशान होना पड़ता है. बुधवार को शताब्दी फेज-2 में बिहार से आए एक मरीज के परिजन स्ट्रेचर के लिए करीब आधे घंटे तक परेशान हुए.

बिहार के वेस्ट चंपारण निवासी प्रभु सिंह (62) को गले से जुड़ी समस्या थी. एम्स में इलाज चल रहा था. बेटे संजीव ने बताया कि बिहार से उन्हें केजीएयू ले जाने की सलाह दी गई. जहां वह शताब्दी फेज-2 में बुधवार दोपहर करीब 1:30 बजे मरीज को लेकर पहुंचे. सुरक्षा गार्ड ने अंदर बने काउंटर से स्ट्रेचर लेने को कहा. काउंटर पर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. ऐसी स्थिति में परिजनों को कर्मचारी के आने तक इंतजार करने को कहा गया. करीब 20 मिनट तक इंतजार करने के बाद भी कर्मचारी नहीं आया.

इस दौरान एंबुलेस में पड़े मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी. इसके बाद संजीव स्ट्रेचर के लिए शताब्दी फेज-1 गया. यहां भी स्ट्रेचर नहीं मिला. व्हीलचेयर थी, जिसके लिए कर्मचारी ने 500 रुपये जमा करने को कहा. पास में रुपये न होने के कारण वह दोबारा से दौड़ कर एंबुलेस में मौजूद मां के पास पहंचा और मां से रुपये लेकर वापस शताब्दी फेज-1 पहुंच कर कर्मचारी को रुपये दिए. जिसके बाद उसे व्हीलचेयर मिली. संजीव का कहना है कि व्हीलचेयर के लिए लिए गए रुपये की रसीद कर्मचारी ने नहीं दी गई. मरीज को व्हीलचेयर पर बैठने में भी दिक्क्त हो रही थी. हालांकि, देर शाम तक भी मरीज भर्ती नहीं हो सका था. परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने दो यूनिट खून का बंदोबस्त कर अगले दिन आने को कह कर चलता कर दिया.


केजीएमयू के प्रवक्ता सुधीर सिंह का कहना है कि स्ट्रेचर का शुल्क नहीं लिया जाता है. सिक्योरिटी मनी के रूप में 500 रुपये जमा कराए जाते हैं. जिससे स्ट्रेचर ले जाने वाला व्यक्ति खुद ही स्ट्रेचर दे जाए. सिक्योरिटी जमा न होने पर लोग कहीं भी स्ट्रेचर और व्हीलचेयर छोड़कर चले जाते हैं.

यह भी पढ़ें : अब साउथ इंडिया की तरह लखनऊ में भी ट्रांसप्लांट होंगे लंग्स, केजीएमयू में हो रही तैयारी - Deputy CM Brajesh Pathak in KGMU

यह भी पढ़ें : एंटीबायोटिक का दुरुपयोग बढ़ा रहा सेप्सिस से पीड़ित मरीजों की संख्या, शरीर में हो रहे ये बदलाव तो हो जाएं सचेत - World Sepsis Day 2024

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.