लखनऊ : साल 2012 से 2017 के बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिस गोमती रिवर फ्रंट का निर्माण करवाया था, उस रिवर फ्रंट का इस्तेमाल सीएम योगी सरकार अब शादियों के लिए करेगी. गोमती रिवर फ्रंट की देखभाल कर रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से यह तैयारी की गई है. रिवरफ्रंट में एक खास स्थान तय करके वहां शादियों का आयोजन किया जाएगा. इससे लोगों को काफी अच्छा माहौल मिलेगा. इससे प्राधिकरण को अतिरिक्त आय भी होगी.
शादियों के लिए खुलेगी बुकिंग, अलग लाॅन होगा निर्धारित : लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने शनिवार की शाम रिवर फ्रंट का निरीक्षण किया था. उन्होंने बताया कि जिस तरह से जनेश्वर मिश्र पार्क में शादी समारोह के लिए एक अलग लाॅन निर्धारित है, उसी तरह रिवर फ्रंट पर भी पार्क से लाॅन को अलग करते हुए शादी समारोह आदि के लिए बुकिंग पर देने का प्रस्ताव बनाया जाएगा. उन्होंने प्रोजेक्ट माॅनिटरिंग सेल को निर्देशित किया कि रिवर फ्रंट पर लैंड स्केपिंग करते हुए जगह की उपयोगिता को बढ़ाया जाए. जिससे कि लोगों को सुविधा के साथ ही मनोरंजन भी मिले और आय के नये स्त्रोत सृजित हों. रिवर फ्रंट के लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए एक विभागीय कमेटी गठित की जाए.
गोमती रिवर फ्रंट पर पैडिस्ट्रियन ( पैदल चलने वालों के लिए ) ब्रिज का निर्माण कराया जाएगा. साथ ही यहां स्थापित लोटस वैली व ओपन थियेटर का कायाकल्प करते हुए बच्चों के लिए आकर्षक झूले लगाए जाएंगे. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने शनिवार को रिवर फ्रंट का निरीक्षण करके अधिकारियों को इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए.
पैडिस्ट्रियन ब्रिज का होगा निर्माण : उपाध्यक्ष ने कहा कि अपर पुलिस उपायुक्त कार्यालय से रिवर फ्रंट के दूसरे छोर तक पैडिस्ट्रियन ब्रिज का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट पर पैडिस्ट्रियन ब्रिज बनाने वाली कंपनी व कंसल्टेंट से समन्वय स्थापित करके आगे की कार्रवाई की जाएगी. रिवर फ्रंट पर ई-बाइक संचालित करने का टेंडर रेवियर प्रोडक्टस एलएलपी को मिला है.
उपाध्यक्ष ने कहा कि कंपनी के प्रतिनिधि से बात करके एक महीने के अंदर ई-बाइक की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे लोग आसानी से पूरे रिवर फ्रंट के भ्रमण का लुत्फ उठा सकें. वहीं, क्रूज शिप एवं फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के संचालन के संबंध में उपाध्यक्ष ने निर्देशित किया कि इसके लिए एनओसी प्राप्त करते हुए आठ महीने में प्रोजेक्ट शुरू करा दिया जाए.
अवैध स्टाॅल हटाने के निर्देश : उपाध्यक्ष ने निर्देश दिए कि रिवर फ्रंट पर पीने के पानी, बैठने के लिए बेंच व टाॅयलेट की उचित व्यवस्था की जाए. जगह-जगह कूड़ेदान लगवाए जाएं, जिससे कि सफाई व्यवस्था प्रभावित न हो. निरीक्षण में कुछ स्थानों पर मिट्टी व काई जमा मिली व कई जगहों पर लाइटें, पाथ-वे और सिंथेटिक ट्रैक क्षतिग्रस्त पाया गया. इस पर उपाध्यक्ष ने नाराजगी जताते हुए तत्काल प्रभाव से साफ-सफाई व मरम्मत का काम कराने के निर्देश दिए. वहीं, पार्किंग क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित दुकानें/फूड स्टाॅल को हटाने के संबंध में स्मारक समिति के अधिकारियों को निर्देशित किया.
क्या है रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट : लखनऊ में हनुमान सेतु से लॉ मार्टिनियर कॉलेज तक 8 किलोमीटर की लंबाई में दोनों और यानी लगभग 16 किलोमीटर गोमती रिवरफ्रंट का निर्माण साल 2013 से 17 के बीच कराया गया था. इस रिवर फ्रंट पर 1100 करोड़ रुपए का खर्च हुआ था, इसके बावजूद यह पूरा नहीं हो सका. निर्माण और गुरुवत्ता में घोटाले की को लेकर सीबीआई जांच जारी है. सिंचाई विभाग के कई अधिकारी जेल पहुंच चुके हैं. इस योजना में रिटेनिंग वॉल बनाकर न केवल सौंदरीकरण किया जाना था बल्कि गोमती की सफाई भी होनी थी. रिटेनिंग वॉल बनी हॉर्टिकल्चर का काम हुआ. मगर गोमती सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद जीएच कैनाल पर एसपी का निर्माण शुरू कराया गया जो अब अंतिम दौर में है जिससे गोमती की सफाई पर अधिक असर पड़ेगा.
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