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यूपी के पर्यटन सर्किट में प्रमुख सड़कों के किनारे विकसित होंगे ढाबे और फूड कोर्ट, पढ़िए डिटेल

Tourism Facilities in UP : पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह बोले- एसी बसें ढाबों पर रुकेंगी. मिलेंगी सुविधाएं.

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह.
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 28, 2024, 1:41 PM IST

लखनऊ : पर्यटन बढ़ाने के लिए सड़क किनारे अच्छी पर्यटक सुविधाओं का होना अत्यंत आवश्यक है. इसलिए प्रदेश के सभी 12 टूरिस्ट सर्किट स्थित स्थलों तक प्रमुख सड़कों के किनारे ढाबों, मोटल, फूड कोर्ट आदि विकसित किए जाएं. यह बात पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कही है.

पर्यटन मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 के तहत दी जा रही 25 से 30 प्रतिशत तक की छूट पाने के लिए जो आवेदक योग्य हैं, उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाएगा. पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश में वे साइड एमिनिटीज जैसे- ढाबों, मोटल, फूड कोर्ट बनाने के लिए जमीन खरीदने पर रजिस्ट्री शुल्क, स्टांप ड्यूटी फ्री की सुविधा दी जा रही है.

इकाइयों के निर्माण पर 30 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी. इसके अलावा, वर्तमान में संचालित वे साइड एमिनिटी में ओपन रेस्टोरेंट, फैमिली रेस्टोरेंट, एसी रूम, शौचालय, बच्चों के लिए प्ले एरिया, आरओ सिस्टम, माड्यूलर किचन, फ्रीजर, सोलर लाइट आदि लगाने पर सब्सिडी देने का प्रावधान है.

पर्यटन मंत्री ने बताया कि पर्यटन विभाग सभी मोटल, ढाबा आदि का विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार भी करेगा. साइनेज व वेबसाइट के माध्यम से सूचना दी जाएगी. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के साथ अनुबंध के बाद एसी बसों को ढाबों पर रुकने की व्यवस्था की जाएगी. ढाबे पर दिव्यांग कर्मचारी रखने पर प्रोत्साहन दिया जाएगा. जमीन के निर्माण भाग की भूमि पर भी अनुदान मिलेगा. इच्छुक इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए पर्यटन विभाग के पोर्टल पर सीधे आवेदन कर सकते हैं.

जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभरता हुआ राज्य है. बीते वर्ष 2023 में यहां 48 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ था. घरेलू पर्यटन के मामले में अभी हम पहले स्थान पर हैं. विदेश से आने वाले पर्यटकों के मामले में भी यह उपलब्धि हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. विभिन्न प्रदेशों या देशों के सैलानियों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन स्थलों के साथ-साथ पर्यटन सुविधाओं का विकास बेहद जरूरी है. सड़क किनारे अच्छी सुविधाओं से सुसज्जित मोटल, ढाबों, फूड कोर्ट आदि पर्यटकों को सुविधाएं प्रदान करेंगे.

उत्तर प्रदेश के 12 पर्यटन सर्किट

रामायण सर्किट
कृष्ण-ब्रज सर्किट
महाभारत सर्किट
बुद्धिस्ट सर्किट
शक्तिपीठ सर्किट
आध्यात्मिक सर्किट
सूफी-कबीर सर्किट
जैन सर्किट
बुंदेलखंड सर्किट
वाइल्ड लाइफ एवं इको टूरिज्म सर्किट
क्राफ्ट सर्किट
स्वतंत्रता संग्राम सर्किट

1001 ढाबों की लिस्ट तैयार : जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य में अभी तक 1001 ढाबों की सूची बनाई गई है. पर्यटन विभाग की ओर से यहां छूट देकर सुविधाओं के विस्तार पर काम किया जा रहा है. इसके अलावा, आमजन स्वयं पहल कर योजना का लाभ उठा सकते हैं. पिछले दिनों बैठक में योजना की समीक्षा कर कार्य को और गति देने के निर्देश दिए गए हैं. पर्यटक अपने पसंदीदा स्थलों तक पहुंचने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच), स्टेट हाइवे (एसएच) सहित अन्य प्रमुख मार्गों होकर गुजरते हैं पर्यटकों की सुविधाओं के मद्देनजर सड़क किनारे ढाबे, मोटल, मैरेज लॉन आदि में सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : यूपी में पर्यटन; 3D मेटावर्स पर भी दिखेंगी लखनऊ-प्रयागराज की विरासतें - Projects of UP Tourism Department

यह भी पढ़ें : UP Tourisum : यूपी की सभी विधानसभाओं में एक-एक बड़े मंदिरों को किया जाएगा विकसित, मिली मंजूरी

लखनऊ : पर्यटन बढ़ाने के लिए सड़क किनारे अच्छी पर्यटक सुविधाओं का होना अत्यंत आवश्यक है. इसलिए प्रदेश के सभी 12 टूरिस्ट सर्किट स्थित स्थलों तक प्रमुख सड़कों के किनारे ढाबों, मोटल, फूड कोर्ट आदि विकसित किए जाएं. यह बात पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कही है.

पर्यटन मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 के तहत दी जा रही 25 से 30 प्रतिशत तक की छूट पाने के लिए जो आवेदक योग्य हैं, उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाएगा. पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश में वे साइड एमिनिटीज जैसे- ढाबों, मोटल, फूड कोर्ट बनाने के लिए जमीन खरीदने पर रजिस्ट्री शुल्क, स्टांप ड्यूटी फ्री की सुविधा दी जा रही है.

इकाइयों के निर्माण पर 30 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी. इसके अलावा, वर्तमान में संचालित वे साइड एमिनिटी में ओपन रेस्टोरेंट, फैमिली रेस्टोरेंट, एसी रूम, शौचालय, बच्चों के लिए प्ले एरिया, आरओ सिस्टम, माड्यूलर किचन, फ्रीजर, सोलर लाइट आदि लगाने पर सब्सिडी देने का प्रावधान है.

पर्यटन मंत्री ने बताया कि पर्यटन विभाग सभी मोटल, ढाबा आदि का विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार भी करेगा. साइनेज व वेबसाइट के माध्यम से सूचना दी जाएगी. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के साथ अनुबंध के बाद एसी बसों को ढाबों पर रुकने की व्यवस्था की जाएगी. ढाबे पर दिव्यांग कर्मचारी रखने पर प्रोत्साहन दिया जाएगा. जमीन के निर्माण भाग की भूमि पर भी अनुदान मिलेगा. इच्छुक इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए पर्यटन विभाग के पोर्टल पर सीधे आवेदन कर सकते हैं.

जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभरता हुआ राज्य है. बीते वर्ष 2023 में यहां 48 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ था. घरेलू पर्यटन के मामले में अभी हम पहले स्थान पर हैं. विदेश से आने वाले पर्यटकों के मामले में भी यह उपलब्धि हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. विभिन्न प्रदेशों या देशों के सैलानियों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन स्थलों के साथ-साथ पर्यटन सुविधाओं का विकास बेहद जरूरी है. सड़क किनारे अच्छी सुविधाओं से सुसज्जित मोटल, ढाबों, फूड कोर्ट आदि पर्यटकों को सुविधाएं प्रदान करेंगे.

उत्तर प्रदेश के 12 पर्यटन सर्किट

रामायण सर्किट
कृष्ण-ब्रज सर्किट
महाभारत सर्किट
बुद्धिस्ट सर्किट
शक्तिपीठ सर्किट
आध्यात्मिक सर्किट
सूफी-कबीर सर्किट
जैन सर्किट
बुंदेलखंड सर्किट
वाइल्ड लाइफ एवं इको टूरिज्म सर्किट
क्राफ्ट सर्किट
स्वतंत्रता संग्राम सर्किट

1001 ढाबों की लिस्ट तैयार : जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य में अभी तक 1001 ढाबों की सूची बनाई गई है. पर्यटन विभाग की ओर से यहां छूट देकर सुविधाओं के विस्तार पर काम किया जा रहा है. इसके अलावा, आमजन स्वयं पहल कर योजना का लाभ उठा सकते हैं. पिछले दिनों बैठक में योजना की समीक्षा कर कार्य को और गति देने के निर्देश दिए गए हैं. पर्यटक अपने पसंदीदा स्थलों तक पहुंचने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच), स्टेट हाइवे (एसएच) सहित अन्य प्रमुख मार्गों होकर गुजरते हैं पर्यटकों की सुविधाओं के मद्देनजर सड़क किनारे ढाबे, मोटल, मैरेज लॉन आदि में सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : यूपी में पर्यटन; 3D मेटावर्स पर भी दिखेंगी लखनऊ-प्रयागराज की विरासतें - Projects of UP Tourism Department

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