लखनऊ : हजरतगंज में दुकानदारों के होर्डिंग्स मानकों के अनुरूप नहीं लगाए गए थे. जिसको लेकर लगातार नोटिस दिया जा रहा था. दुकानदार नहीं माने तो आखिरकार लखनऊ विकास प्राधिकरण के दस्ते ने होर्डिंग ध्वस्त कर दिए. साल 2010 में हज़रतगंज 200 साल पूरे हो जाने के मौके पर यहां सुंदरीकरण कराया गया था. जिस पर लगभग 200 करोड़ रुपए का खर्च आया था. तब दुकानों के होर्डिंग के लिए मानक तय किए गए थे, जिनका लगातार उल्लंघन हो रहा है. जिसको लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने यह कार्रवाई की. इस दौरान भारी भीड़ जमा रही. विरोध भी हुआ लेकिन, कार्रवाई जारी रही.
फसाड गाइडलाइन के अनुसार हजरतगंज की बिल्डिंग के रंग सिर्फ पिंक और यलो कलर में हो सकते हैं. इसके साथ ही साइन बोर्ड, खिड़की, बिल्डिंग के डिजाइन में बदलाव नहीं करने के नियम तय किए गए हैं. यहां पर डस्टबिन, बेंच, रेलिंग, लैंप पोस्ट सहित अन्य चीजें हेरिटेज लुक में हैं. हजरतगंज को आकर्षक बनाने के लिए इसे हेरिटेज लुक दिया गया है.
अधिकारियों के निरीक्षण में बिल्डिंग यलो और पिंक कलर और साइन बोर्ड भी तय नियम के मुताबिक नहीं मिले. इसके साथ ही बड़े बैनर भी लगाए गए हैं. अधिकारियों ने मौके पर करीब 300 से अधिक दुकानों का निरीक्षण किया. हजरतगंज के हेरिटेज जोन में चले अभियान में 13 दिसंबर को व्यापारियों को अंदाजे अवध योजना के बारे में जानकारी दी गई थी, जिसके अनुसार फसाड कंट्रोल गाइडलाइन के बारे में भी बताया गया था. 100 दुकानदारों को नोटिस दिया गया था.
LDA जोन-6 की टीम दोपहर हजरतगंज पहुंची. अधिकारियों ने दुकानों पर लगे बड़े-बड़े साइन बोर्ड और बैनर हटाने शुरू किए. बुलडोजर से 750 mm से ज्यादा बड़े बोर्ड और बैनर को हटाया गया. जिन बोर्ड पर बैनर पर 300 mm अक्षरों का साइज और बैकग्राउंड में काला रंग नहीं मिला. उन बोर्ड और बैनर को तोड़ भी दिया गया.
LDA के जोनल अधिकारी शशि भूषण पाठक ने कहा- हजरतगंज हेरिटेज जोन में आता है. इसलिए यहां पर कार्रवाई हो रही है. व्यापारियों के साथ बैठक करने के साथ डोर-टू-डोर पहुंचकर चेतावनी दी गई थी. इसमें बिल्डिंग मालिकों को बुलाकर नियमों के बारे में बताया गया था. आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी.
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