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क्रिसमस पर रोशनी से जगमगाए चर्च, जानें नाव की आकृति में क्यों बनाया गया ये गिरजाघर - CHRISTMAS IN LUCKNOW

ईसाई समुदाय के सबसे पवित्र पर्व क्रिसमस मनाने की तैयारियां सभी चर्च में हो चुकी हैं. इनमें कैथेड्रल चर्च का विशेष महत्व है.

क्रिसमस : हजरतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च.
क्रिसमस : हजरतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 13 hours ago

लखनऊ : क्रिसमस का पर्व करीब आते ही शहर में तैयारियां शुरू हो जाती हैं. राजधानी के सभी चर्च में आस्था और उत्साह के साथ सजावट की जाती है. इस साल भी हर तरफ क्रिसमस का उल्लास है. हजरतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च इसमें खास महत्व रखता है. वास्तव में नौका जैसी विशेष बनावट और ऐतिहासिक महत्व के लिए कैथेड्रल चर्च आकर्षण का केंद्र रहता है. कैथेड्रल चर्च को धार्मिक आस्था के केंद्र के साथ सांस्कृतिक धरोहर भी माना जाता है.

लखनऊ में क्रिसमस की तैयारियों पर ईटीवी भारत की खास खबर. (Video Credit : ETV Bharat)

नौका की बनावट के पीछे आध्यात्मिक संदेश: फादर डेनिस नरेश लोगो ने बताया कि कैथेड्रल चर्च की बनावट नाव के आकार की है जो ईसाई धर्म में मुक्ति और आस्था का प्रतीक मानी जाती है. यह डिजाइन पैगंबर नूह और उनके अनुयायियों की कहानी पर आधारित है. बाइबल के अनुसार नूह ने एक बड़ी नाव बनाई थी.

नाव ने उन्हें और उनके अनुयायियों को बड़े जलप्रलय से बचाया था. नाव ईसाई धर्म में आश्रय और मुक्ति का प्रतीक मानी जाती है. इसी सोच के साथ चर्च को नौका का आकार दिया गया, ताकि यह संदेश दे सके कि यह चर्च न केवल प्रार्थना का स्थल है, बल्कि मुक्ति का साधन भी है.

लखनऊ में क्रिसमस की झांकी.
लखनऊ में क्रिसमस की झांकी. (Photo Credit : ETV Bharat)


कैथेड्रल चर्च का ऐतिहासिक महत्व: पादरी फादर डेनिस नरेश लोगो ने बताया कि कैथेड्रल चर्च का इतिहास भी उतना ही रोचक है जितनी इसकी वास्तुकला है. 1857 में यह चर्च बना था. युद्ध के दौरान यह चर्च ध्वस्त हो गया. इसके बाद लखनऊ के हजरतगंज में एक छोटे चर्च का निर्माण हुआ. इसे बाद में 1977 में वर्तमान चर्च में तब्दील कर दिया गया. यह चर्च भारतीय और इटेलियन आर्किटेक्ट्स की कलात्मक सोच का अद्भुत नमूना है.

लखनऊ में क्रिसमस की झांकी.
लखनऊ में क्रिसमस की झांकी. (Photo Credit : ETV Bharat)



क्रिसमस के लिए विशेष तैयारियां: क्रिसमस पर्व को लेकर चर्च में तैयारियां जोरों पर हैं. पादरी के अनुसार चर्च को रोशनी और सजावट से सजा दिया गया है. बच्चों और महिलाओं द्वारा यीशु मसीह के जन्म और उनके जीवन पर आधारित कार्यक्रमों की रिहर्सल की जा रही है. साथ ही यीशु के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. इसमें उनके जीवन से संबंधित चीजें और कहानियां प्रदर्शित होंगी.

लखनऊ में क्रिसमस की झांकी.
लखनऊ में क्रिसमस की झांकी. (Photo Credit : ETV Bharat)



धर्म और समाज की सेवा में चर्च की भूमिका: फादर डेनिस नरेश लोगो ने बताया कि कैथेड्रल चर्च न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि समाज सेवा में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है. चर्च द्वारा संचालित स्कूलों में गरीब बच्चों की फीस माफ की जाती है और अनाथालयों में सेवा प्रदान की जाती है. सप्रू मार्ग स्थित प्रेम निवास अनाथालय इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जहां अनाथ बच्चों की देखभाल की जाती है.


सभी धर्मों के लिए खुला द्वार : पादरी फादर डेनिस नरेश लोगो ने बताया कि चर्च की सबसे खास बात यह है कि यह सभी धर्मों और वर्गों के लोगों के लिए समान रूप से खुला है. क्रिसमस के अवसर पर लाखों लोग यहां अपनी मन्नत मांगने और प्रार्थना करने आते हैं. चर्च में मोमबत्तियां जलाने और यीशु मसीह के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का दृश्य दिल को छू लेने वाला होता है.





यह भी पढ़ें : क्रिसमस पर आज घर से निकलने से पहले देख लें लखनऊ का ये रूट डायवर्जन - DIVERSION IN LUCKNOW

यह भी पढ़ें : क्रिसमस डे मनाने के लिए कैथेड्रल चर्च में उमड़े लखनऊवासी, प्रभु यीशु के जन्म को लेकर कही यह बात - लखनऊ में क्रिसमस

लखनऊ : क्रिसमस का पर्व करीब आते ही शहर में तैयारियां शुरू हो जाती हैं. राजधानी के सभी चर्च में आस्था और उत्साह के साथ सजावट की जाती है. इस साल भी हर तरफ क्रिसमस का उल्लास है. हजरतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च इसमें खास महत्व रखता है. वास्तव में नौका जैसी विशेष बनावट और ऐतिहासिक महत्व के लिए कैथेड्रल चर्च आकर्षण का केंद्र रहता है. कैथेड्रल चर्च को धार्मिक आस्था के केंद्र के साथ सांस्कृतिक धरोहर भी माना जाता है.

लखनऊ में क्रिसमस की तैयारियों पर ईटीवी भारत की खास खबर. (Video Credit : ETV Bharat)

नौका की बनावट के पीछे आध्यात्मिक संदेश: फादर डेनिस नरेश लोगो ने बताया कि कैथेड्रल चर्च की बनावट नाव के आकार की है जो ईसाई धर्म में मुक्ति और आस्था का प्रतीक मानी जाती है. यह डिजाइन पैगंबर नूह और उनके अनुयायियों की कहानी पर आधारित है. बाइबल के अनुसार नूह ने एक बड़ी नाव बनाई थी.

नाव ने उन्हें और उनके अनुयायियों को बड़े जलप्रलय से बचाया था. नाव ईसाई धर्म में आश्रय और मुक्ति का प्रतीक मानी जाती है. इसी सोच के साथ चर्च को नौका का आकार दिया गया, ताकि यह संदेश दे सके कि यह चर्च न केवल प्रार्थना का स्थल है, बल्कि मुक्ति का साधन भी है.

लखनऊ में क्रिसमस की झांकी.
लखनऊ में क्रिसमस की झांकी. (Photo Credit : ETV Bharat)


कैथेड्रल चर्च का ऐतिहासिक महत्व: पादरी फादर डेनिस नरेश लोगो ने बताया कि कैथेड्रल चर्च का इतिहास भी उतना ही रोचक है जितनी इसकी वास्तुकला है. 1857 में यह चर्च बना था. युद्ध के दौरान यह चर्च ध्वस्त हो गया. इसके बाद लखनऊ के हजरतगंज में एक छोटे चर्च का निर्माण हुआ. इसे बाद में 1977 में वर्तमान चर्च में तब्दील कर दिया गया. यह चर्च भारतीय और इटेलियन आर्किटेक्ट्स की कलात्मक सोच का अद्भुत नमूना है.

लखनऊ में क्रिसमस की झांकी.
लखनऊ में क्रिसमस की झांकी. (Photo Credit : ETV Bharat)



क्रिसमस के लिए विशेष तैयारियां: क्रिसमस पर्व को लेकर चर्च में तैयारियां जोरों पर हैं. पादरी के अनुसार चर्च को रोशनी और सजावट से सजा दिया गया है. बच्चों और महिलाओं द्वारा यीशु मसीह के जन्म और उनके जीवन पर आधारित कार्यक्रमों की रिहर्सल की जा रही है. साथ ही यीशु के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. इसमें उनके जीवन से संबंधित चीजें और कहानियां प्रदर्शित होंगी.

लखनऊ में क्रिसमस की झांकी.
लखनऊ में क्रिसमस की झांकी. (Photo Credit : ETV Bharat)



धर्म और समाज की सेवा में चर्च की भूमिका: फादर डेनिस नरेश लोगो ने बताया कि कैथेड्रल चर्च न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि समाज सेवा में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है. चर्च द्वारा संचालित स्कूलों में गरीब बच्चों की फीस माफ की जाती है और अनाथालयों में सेवा प्रदान की जाती है. सप्रू मार्ग स्थित प्रेम निवास अनाथालय इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जहां अनाथ बच्चों की देखभाल की जाती है.


सभी धर्मों के लिए खुला द्वार : पादरी फादर डेनिस नरेश लोगो ने बताया कि चर्च की सबसे खास बात यह है कि यह सभी धर्मों और वर्गों के लोगों के लिए समान रूप से खुला है. क्रिसमस के अवसर पर लाखों लोग यहां अपनी मन्नत मांगने और प्रार्थना करने आते हैं. चर्च में मोमबत्तियां जलाने और यीशु मसीह के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का दृश्य दिल को छू लेने वाला होता है.





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