लखनऊ : शनिवार को ट्रांसपोर्ट नगर स्थित हरमिलाप टॉवर बिल्डिंग अचानक भरभरा कर गई थी. इस हादसे में अब तक 8 मौतें हो चुकी हैं. मामले में ट्रांसपोर्ट नगर चौकी प्रभारी की तहरीर पर सरोजिनी नगर थाने में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. इधर घटनास्थल पर लगातार मलबा हटाए जाने का कार्य जारी है.
हरमिलाप टावर के मालिक राकेश सिंघल पर ट्रांसपोर्ट नगर चौकी प्रभारी एमके सिंह की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. वहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण ने भी कार्रवाई की है. टॉवर गिरने से आसपास की बिल्डिंग को भी खतरा उत्पन्न हो गया है, जिसको देखते हुए एलडीए की टीम ने बिल्डिंग के बचे हिस्से को सील करने के साथ ही उसके आसपास की इमारतों के मालिकों को भी नोटिस जारी किया है. LDA अधिकारियों का कहना है कि हरमिलाप टॉवर गिरने से उसके अगल-बगल की बिल्डिंग्स के स्ट्रक्चर में भी झटका लगा होगा. परीक्षण करने के बाद ही इन बिल्डिंगों को उपयोग करने दिया जाएगा. इससे संबंधित एक नोटिस बिल्डिंग मालिकों को दिया गया है. सरोजिनी नगर थाना प्रभारी राजदेव प्रजापति ने बताया कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
मौत खींच ले गई बिल्डिंग के अंदर: बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर इंजन ऑयल डिस्ट्रीब्यूटर मनजीत सिंह साहनी ने ही सबसे पहले बिल्डिंग में दरार देखी. उन्होंने ही सभी को सूचित किया और वे ही इस हादसे का शिकार हो गए. फर्स्ट फ्लोर पर रहने वाले मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूटर निखिल अग्रवाल ने बताया कि मनजीत सिंह ने सभी को बिल्डिंग से निकल जाने के लिए कहा, बोला कि बिल्डिंग में दरार है, आप सभी लोग निकल जाओ. इसके बाद वे किस लिए फिर से बिल्डिंग के अंदर गए, पता नहीं. उनकी हादसे में मौत हो गई. निखिल ने बताया कि लगभग 10 करोड़ की दवा इस हादसे में खराब हो गई. हादसे अब तक कुल 8 मौतें हो चुकी हैं.
पांच मिनट पहले ही पानी लेकर बाहर आया था : बिल्डिंग के बाहर कुलदीप मोटर गैराज में मिस्त्री गुलाब सिंह यादव बताते हैं कि उनके सामने ही बिल्डिंग गिरी. वे बिल्डिंग गिरने से पांच मिनट पहले ही पानी लेकर निकले थे. बिल्डिंग गिरने की अभी तक कोई सही कारण नहीं पता चल पाया है, लेकिन क्षेत्र के लोगों की मानें तो बिल्डिंग के आसपास पानी जमा रहता है. पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. एक नाली बनी है, वो भी चोक रहती है. दूसरा कारण बताया जा रहा है कि मेडिसिन का एक ट्रक सामने लेकर आया था, जो बिल्डिंग के मुख्य पिलर से टकरा गया, जिसकी वजह से बिल्डिंग कमजोर हो गई. तीसरा कारण मानक के अनुरूप बिल्डिंग न बनना बताया जा रहा है.