फर्रुखाबाद: जिले में बड़े पैमाने पर आलू की पैदावार की जाती है. यहां विभिन्न प्रजातियों के आलू पैदा होते हैं. जिले में पिछले वर्ष करीब 43200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की पैदावार हुई थी. इसमें औसत 300 से 400 कुंतल प्रति हेक्टेयर उत्पादन हुआ था. इस वर्ष भी एरिया करीब वही है. हालांकि, इस बार उत्पादन कम होने की आशंका जताई जा रही है. वजय यह है कि जिस वक्त आलू की कंद बनती है, उस वक्त तापमान ज्यादा था. इससे उत्पादन में 10 से 15% तक गिरावट आई है. इसी कारण जनपद में बने कोल्ड स्टोर का भंडारण पूर्ण नहीं हो सका है. वही आलू कम होने की वजह से किसानों को आलू का भाव अच्छा मिल रहा है. आलू के भाव में और बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है.
जिला उद्यान अधिकारी आर एन वर्मा ने बताया, कि जनपद में 99 कोल्ड स्टोरेज बने हुए हैं. इनकी भंडारण क्षमता नौ लाख चालीस हजार मैट्रिक टन है. जो सुचारू रूप से संचालित हैं. बताया गया है, कि इस बार आलू का भंडारण कोल्ड स्टोर में करीब 74% हो चुका है. अभी तक करीब 25 परसेंट कोल्ड खाली पड़े हुए हैं. इसमें अभी आलू भंडारण की उम्मीद कम हो गई है. अब तो कोर्ट में आलू का भंडारण लगभग समाप्त हो चुका है.
कोर्ट में आलू भंडारण की समस्या नहीं: जिला उद्यान अधिकारी ने बताया, कि कोल्ड स्टोर में आलू भंडारण की कोई समस्या नहीं है. जनपद में 20 कोल्ड ऐसे हैं जिनमें पूर्ण तरीके से आलू का भंडारण हो चुका है. इस बार मौसम अनुकूल न होने के कारण आलू की पैदावार कम हुई है. उत्पादन कम होने के कारण किसानों ने आलू कोल्ड में ना ले जाकर बाहर ही भेज दिया है. इस समय आलू का भाव 13 सौ से लेकर 17 सौ रुपये कुंतल है. आलू की मांग कई जगह से आ रही है.
अन्य राज्यों में बढ़ रही आलू की मांग: जैसे पूर्वोत्तर राज्य असम, बंगाल, बिहार, यूपी के पूर्वोत्तर क्षेत्र में आलू की डिमांड आ रही है.आलू का रेट और बढ़ने की संभावना है. उसने बताया, कि किसान इस बार खुश है. पिछले साल आलू का रेट किसानों को अच्छा नहीं मिला था. इस बार आलू का रेट किसानों को बहुत अच्छा मिल रहा है. जहां एक तरफ आलू की कम पैदावार होने से किसान चिंतित था, तो वहीं कम आलू की पैदावार होने से आलू के भाव में बढ़ोतरी हुई है. जिससे किसान खुश है. वहीं आम जनमानस को आलू ज्यादा महंगा मिल रहा है. जिससे उसका बजट बिगड़ रहा है.
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