रोहतास: बिहार के रोहतास में लॉटरी का अवैध कारोबार का मामला सामने आया है. पुलिस ने करीब 50 करोड़ की लॉटरी टिकट बरामद की है. इस मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है, जो इस धंधे में लिप्त थे. शाहाबाद प्रक्षेत्र के डीआईजी डॉ. सत्यप्रकाश और रोहतास एसपी रौशन कुमार ने प्रेस वार्ता में इसका खुलासा किया.
45 करोड़ की टिकट बरामद: डीआईजी ने बताया कि चेनारी के इब्राहिमपुर में गजानन सिद्धी विनायक प्राइवेट लिमिटेड नामक फूड कंपनी के परिसर में छापेमारी की गई. फूड फैक्ट्री की आड़ में लॉटरी के धंधा का भंडाफोड़ हुआ है. इस कार्रवाई में 420 कार्टन में पैक लॉटरी के टिकट बरामद हुए हैं. इसकी अनुमानित कीमत लगभग 45 करोड़ रुपए बताई जा रही है.
4 करोड़ मशीन सहित कई सामान जब्त: अवैध लॉटरी टिकट के अलावे प्रिंटिंग प्रेस की 30 से अधिक बड़ी मशीन, 722 कार्टून लॉटरी के सादे कागज, 830 कार्टून लॉटरी के अन्य कागज बरामद हुए. कई दर्जन कंप्यूटर, यूपीएस, कीबोर्ड, लैपटॉप आदि बरामद हुए हैं. इन सामानों की कीमत लगभग 4 करोड़ से अधिक आंकी गयी है.
"पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी. इसी के आधार पर स्थानीय पुलिस और एसटीएफ पटना संयुक्त रूप से छापेमारी की. फैक्ट्री की आड़ में अवैध लॉटरी का कारोबार चल रहा था. इसके तार अन्य जिलों, राज्यों और देशों में हो सकता है. फैक्ट्री में एक तरफ फूड का कारोबार चल रहा था तो दूसरी ओर इसके पीछे परिसर में तीन तल्ला मकान में लॉटरी का कारोबार चल रहा था. बरामद लॉटरी टिकट और अन्य सामान की कीमत करीब 50 करोड़ है." -डॉ. सत्यप्रकाश, डीआईजी, शाहाबाद
पवन झुनझुनवाला मास्टर माइंड: डीआईजी ने बताया कि इस मामले में राइस मिल के प्रबंधक मनीष कुमार सहित कुल पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई है. डीआईजी ने खुलासा किया कि इस पूरे रैकेट का संचालन राइस मिल और पवन झुनझुनवाला मिलकर करता था. झुनझुनवाला इसका मुख्य आरोपी है, जिसपर डेहरी थाना में पांच और औरंगाबाद के अलावा झारखंड में भी कई मामले दर्ज हैं.
"इस पूरे प्रकरण को लेकर आयकर विभाग, परिवर्तन निदेशालय, आर्थिक अपराध इकाई को भी सूचित किया गया है. साथ ही आसपास के जिलों के अलावे दूसरे राज्यों में भी जांच टीम भेजी जाएगी. इस पूरे लॉटरी कारोबार भंडाफोड़ किया जाएगा." -डॉ. सत्यप्रकाश, डीआईजी, शाहाबाद
'विदेशों तक इसके तार': पुलिस के अनुसार इस पूरे प्रकरण के दौरान इस राइस मिल के अंदर 103 मजदूर काम कर रहे थे. पुलिस उन सभी मजदूरों से भी पूछताछ कर रही है जो इस लॉटरी के प्रिंटिंग तथा सप्लाई में मजदूरी कर रहे थे. डीआईजी ने आशंका व्यक्त की है कि इसके तार विदेशों तक भी जुड़े हो सकते हैं.
यह भी पढ़ें: