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प्राचीन श्री रामचंद्र जी मंदिर में मनाया गया ठाकुर जी का जन्मोत्सव, धारण कराए गए विशेष आभूषण, शाम को हुई महाआरती - ramnavami utsav in jaipur - RAMNAVAMI UTSAV IN JAIPUR

रामनवमी के मौके पर राजधानी के प्रमुख राम मंदिरों में दोपहर में श्री रामलला प्रगटे. मंदिरों में जन्मोत्सव की आरती की गई और ठाकुर जी को फल और दिव्य औषधियां अर्पित करते हुए पंचामृत अभिषेक किया गया. साथ ही भगवान को स्वर्णमुकुट, प्रभामंडल, हीरे और मानक जड़ित मालाएं और रत्नों का तिलक किया गया.

Thakur ji's birth anniversary celebrated in ancient Shri Ramchandra ji temple on Ram Navami in jaipur
प्राचीन श्री रामचंद्र जी मंदिर में मनाया गया ठाकुर जी का जन्मोत्सव
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 17, 2024, 7:27 PM IST

Updated : Apr 18, 2024, 10:51 AM IST

श्री रामचंद्र जी मंदिर में मनाया गया ठाकुर जी का जन्मोत्सव

जयपुर. रामनवमी के अवसर पर छोटी काशी श्रीरामजी के जयकारों से गूंज उठी. कहीं यज्ञ-हवन, कहीं अनुष्ठान तो कहीं भक्तिमय वातावरण में भजनों की रसधार बही. शहर के प्राचीन श्री रामचंद्र जी मंदिर में दोपहर 2:30 बजे ठाकुर श्रीजी का जन्मोत्सव मनाते हुए आरती की गई. श्री रामचंद्र जी मंदिर के पुजारी परिवार के अभिषेक तिवाड़ी ने बताया कि 130 वर्ष से प्राचीन मंदिर में श्रीराम दरबार की लगातार सेवा पूजा होती आ रही है. यहां 130 वर्ष से ही ठाकुरजी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. जयपुर के चांदपोल बाजार स्थित मंदिर श्रीरामचंद्र जी में शाम को 31 हजार दीपकों से महाआरती की गई.

रामनवमी पर सुबह 6 बजे मंगला आरती और 9:30 शृंगार आरती हुई. उसके बाद सुबह 11 बजे पंचामृत अभिषेक किया गया. इसमें 101 किलो दूध के साथ पंचगव्य में शामिल दही, घी, शहद और बूरा से 'ठाकुरजी' का अभिषेक किया गया. इसके साथ ही केसर जल और गुलाब जल से जलाभिषेक किया गया. दोपहर 2:30 बजे ठाकुरजी की जन्म आरती की गई और फिर बधाई उत्सव चला. उन्होंने बताया कि शाम को महाआरती होगी और शयन आरती से पहले गलताजी से रवाना हुई शोभायात्रा भी यहां पहुंचेगी, जिसका भव्य स्वागत किया जाएगा.

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पढ़ें: रामनवमी पर राज्यपाल व सीएम ने दी शुभकामनाएं, मुख्यमंत्री बोले- 500 साल बाद मंदिर में विराजे

पीत पताकाओं से सजा मंदिर: उन्होंने बताया कि रामनवमी के अवसर पर मंदिर परिसर और चांदपोल क्षेत्र को पीत पताकाओं से सजाया गया. ठाकुरजी को विशेष आभूषण भी धारण कराए गए. इसमें कुंदन मीना जड़ित स्वर्ण मुकुट, नाक में पहनने वाला आभूषण नथ बेसर धारण कराया गया. चांदी के तार को पीस कर चंदन में मिलाकर तिलक लगाया गया ताकि वो तिलक चमकता रहे. इसके अलावा शृंगार में सोने माणक की कंठी, पन्ने का बलेवड़ा, पंचमोती की माला, हीरो की कंठी, मानक की पंचमाला, हीरे जड़ित कड़े, गोखरू आदि धारण कराए गए. भगवान श्रीराम के तीनों भाई और माता जानकी का भी विशेष शृंगार किया गया.

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शोभायात्रा निकाली गई: शहर के गलताजी से भगवान श्रीराम की शोभायात्रा सजीव, स्वचालित और स्वरूप झांकियां लवाजमे के साथ रवाना हुई. शोभा यात्रा में करीब 35 झांकियां थी. ये यात्रा रामगंज बाजार, जौहरी बाजार, बापू बाजार, त्रिपोलिया बाजार होते हुए देर रात चांदपोल स्थित श्रीरामचंद्र जी मंदिर पहुंचेगी, यहां शोभायात्रा का स्वागत किया जाएगा.

Thakur ji's birth anniversary celebrated in ancient Shri Ramchandra ji temple on Ram Navami in jaipur
मंदिर में शाम को हुई महाआरती.

31000 दीपकों से की भगवान श्रीराम की महाआरतीः रामनवमी के मौके पर जयपुर के चांदपोल बाजार स्थित मंदिर श्री रामचंद्र जी में शाम को हुई महाआरती में विहंगम नजारा देखने को मिला. यहां 1100 महिलाओं ने हाथों में 31 हजार दीपकों से भगवान श्री राम की सामूहिक आरती की. इस दौरान महिलाओं ने पारंपरिक परिधान चुनरी धारण की. महाआरती के बाद महिलाओं ने बधाई गान भी गाए और यहीं गलता जी से रवाना हुई शोभायात्रा का स्वागत भी किया. शयन आरती से पहले मंदिर प्रांगण में लगातार रामधुनी और बधाई उत्सव जारी रहा. इस अवसर पर मंदिर परिसर को भी भव्य रोशनी कर सजाया गया.

श्री रामचंद्र जी मंदिर में मनाया गया ठाकुर जी का जन्मोत्सव

जयपुर. रामनवमी के अवसर पर छोटी काशी श्रीरामजी के जयकारों से गूंज उठी. कहीं यज्ञ-हवन, कहीं अनुष्ठान तो कहीं भक्तिमय वातावरण में भजनों की रसधार बही. शहर के प्राचीन श्री रामचंद्र जी मंदिर में दोपहर 2:30 बजे ठाकुर श्रीजी का जन्मोत्सव मनाते हुए आरती की गई. श्री रामचंद्र जी मंदिर के पुजारी परिवार के अभिषेक तिवाड़ी ने बताया कि 130 वर्ष से प्राचीन मंदिर में श्रीराम दरबार की लगातार सेवा पूजा होती आ रही है. यहां 130 वर्ष से ही ठाकुरजी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. जयपुर के चांदपोल बाजार स्थित मंदिर श्रीरामचंद्र जी में शाम को 31 हजार दीपकों से महाआरती की गई.

रामनवमी पर सुबह 6 बजे मंगला आरती और 9:30 शृंगार आरती हुई. उसके बाद सुबह 11 बजे पंचामृत अभिषेक किया गया. इसमें 101 किलो दूध के साथ पंचगव्य में शामिल दही, घी, शहद और बूरा से 'ठाकुरजी' का अभिषेक किया गया. इसके साथ ही केसर जल और गुलाब जल से जलाभिषेक किया गया. दोपहर 2:30 बजे ठाकुरजी की जन्म आरती की गई और फिर बधाई उत्सव चला. उन्होंने बताया कि शाम को महाआरती होगी और शयन आरती से पहले गलताजी से रवाना हुई शोभायात्रा भी यहां पहुंचेगी, जिसका भव्य स्वागत किया जाएगा.

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पीत पताकाओं से सजा मंदिर: उन्होंने बताया कि रामनवमी के अवसर पर मंदिर परिसर और चांदपोल क्षेत्र को पीत पताकाओं से सजाया गया. ठाकुरजी को विशेष आभूषण भी धारण कराए गए. इसमें कुंदन मीना जड़ित स्वर्ण मुकुट, नाक में पहनने वाला आभूषण नथ बेसर धारण कराया गया. चांदी के तार को पीस कर चंदन में मिलाकर तिलक लगाया गया ताकि वो तिलक चमकता रहे. इसके अलावा शृंगार में सोने माणक की कंठी, पन्ने का बलेवड़ा, पंचमोती की माला, हीरो की कंठी, मानक की पंचमाला, हीरे जड़ित कड़े, गोखरू आदि धारण कराए गए. भगवान श्रीराम के तीनों भाई और माता जानकी का भी विशेष शृंगार किया गया.

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शोभायात्रा निकाली गई: शहर के गलताजी से भगवान श्रीराम की शोभायात्रा सजीव, स्वचालित और स्वरूप झांकियां लवाजमे के साथ रवाना हुई. शोभा यात्रा में करीब 35 झांकियां थी. ये यात्रा रामगंज बाजार, जौहरी बाजार, बापू बाजार, त्रिपोलिया बाजार होते हुए देर रात चांदपोल स्थित श्रीरामचंद्र जी मंदिर पहुंचेगी, यहां शोभायात्रा का स्वागत किया जाएगा.

Thakur ji's birth anniversary celebrated in ancient Shri Ramchandra ji temple on Ram Navami in jaipur
मंदिर में शाम को हुई महाआरती.

31000 दीपकों से की भगवान श्रीराम की महाआरतीः रामनवमी के मौके पर जयपुर के चांदपोल बाजार स्थित मंदिर श्री रामचंद्र जी में शाम को हुई महाआरती में विहंगम नजारा देखने को मिला. यहां 1100 महिलाओं ने हाथों में 31 हजार दीपकों से भगवान श्री राम की सामूहिक आरती की. इस दौरान महिलाओं ने पारंपरिक परिधान चुनरी धारण की. महाआरती के बाद महिलाओं ने बधाई गान भी गाए और यहीं गलता जी से रवाना हुई शोभायात्रा का स्वागत भी किया. शयन आरती से पहले मंदिर प्रांगण में लगातार रामधुनी और बधाई उत्सव जारी रहा. इस अवसर पर मंदिर परिसर को भी भव्य रोशनी कर सजाया गया.

Last Updated : Apr 18, 2024, 10:51 AM IST
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