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ये पौधा छाप कर देगा नोट! ना जमीन की जरूरत न लागत का झंझट, गार्डन में लगाएं लॉन्ग पीपर

लॉन्ग पीपर यानी पिप्पली की खेती कर आप लाखों रुपये कमा सकते हैं. खास बात यह है इसे गमले में ही उगाया जा सकता है.

long pepper cultivation process
लॉन्ग पीपर की खेती करेगी मालामाल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 1, 2024, 8:33 PM IST

Updated : Nov 2, 2024, 7:11 AM IST

छिंदवाड़ा: घर के गार्डन से अगर लाखों रुपए की कमाई भी होने लगे तो हुआ ना डबल फायदे का सौदा. घर की सुंदरता भी, कमाई भी और पर्यावरण भी स्वच्छ. लेकिन आप सोच रहे होंगे कि यह सब होगा कैसे. तो हम बताते हैं कि यह कमाल करेगी लॉन्ग पीपर. जी हां भारतीय मसाले में शामिल लॉन्ग पीपर जिले पिप्पली भी कहा जाता है, उसे घर में आसानी से गमले में उगाकर लाखों रुपए कमाया जा सकता है.

गमले में हो रही खेती, सुंदरता के साथ कमाई का जरिया
वनस्पति शास्त्र विशेषज्ञ डॉक्टर विकास शर्मा ने बताया कि, ''किसानों के लिये आर्थिक रुप से भी ये महत्वपूर्ण पौधा है. इसके न केवल सूखे फलों का बाजार में अच्छा दाम मिल जाता है बल्कि इसकी जड़ें (पिप्पली) बाजार में 2 हजार रुपए किलो तक बिकती हैं. इसे अब गमले में भी उगाया जा सकता है. उन्होंने अभी दो गमलों में पौधे लगाए थे जिनमें करीब आधा किलो फल आ चुके हैं.''

long pepper farming
लॉन्ग पीपर से कमाएं लाखों रुपये (ETV Bharat)

मसाले से लेकर कई बीमारी का करता है इलाज
वनस्पति शास्त्र विशेषज्ञ डॉ विकास शर्मा ने बताया कि, ''इसमें प्रोटीन, एंटी-इंफ्लेमेटरी, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, अमीनो एसिड के अलावा मिनरल्स भी मौजूद होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. लेकिन ध्यान रखें इसकी तासीर गर्म होती है. वहीं बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकता है. इसके उपयोग से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रण में रहती है. यह लिवर के लिए भी बेहद लाभकारी माना जाता है.''

आयुर्वेदिक दवाओं व च्यवनप्राश आदि में भी पिप्पली का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा मसालेदार व्यंजनों में भी इसका उपयोग खाने को स्वादिष्ट व पौष्टिक बनाने हेतु प्रयोग किया जाता है. आपके पास जगह है तो एक कोने में इसे भी जरुर लगायें, ताकि मसाले के साथ ही औषधि रुप में भी प्रयोग कर खांसी से लेकर कैंसर तक की बीमारियों को दूर किया जा सके. इसके ताजे पत्ते भी औषधीय गुणों से युक्त हैं. पिप्पली के फल, पत्तियां, जड़ सहित संपूर्ण भाग ही बहुत महत्वपूर्ण है आयुर्वेद में.

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पांच महीने में देता है फल, न जमीन न हल की जरूरत
आमतौर पर खेती करने के लिए जमीन की जरूरत होती है और लागत भी बहुत लगती है. लेकिन लॉन्ग पीपर की खेती बिना जमीन के और बिना कृषि उपकरणों के घरों के बगीचे में भी हो सकती है. इसे गमले में लगाकर भी लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं. एकदम अलग जलवायु और पर्यावरण में इन्हें उगते, फलते फूलते देखना एक सुखद अनुभव है. लॉन्ग पीपर या पिप्पली एक तीखा स्वाद और स्वभाव वाली आयुर्वेदिक तथा पारंपरिक औषधि है. जिसका प्रयोग कई रोगों के उपचार में किया जाता है. डॉ विकास शर्मा ने लगभग चार महीने पहले लोंग पीपर के दो छोटे से पौधे एक छोटे गमले में लगाये थे. तीन महीने बाद ही इनमें फल आने शुरु हो गये जो कि अब अपनी परिपक्व अवस्था में हैं. इस समय लगभग पचास से अधिक फल इन दोनों छोटे पौधों में आये हुए हैं.

छिंदवाड़ा: घर के गार्डन से अगर लाखों रुपए की कमाई भी होने लगे तो हुआ ना डबल फायदे का सौदा. घर की सुंदरता भी, कमाई भी और पर्यावरण भी स्वच्छ. लेकिन आप सोच रहे होंगे कि यह सब होगा कैसे. तो हम बताते हैं कि यह कमाल करेगी लॉन्ग पीपर. जी हां भारतीय मसाले में शामिल लॉन्ग पीपर जिले पिप्पली भी कहा जाता है, उसे घर में आसानी से गमले में उगाकर लाखों रुपए कमाया जा सकता है.

गमले में हो रही खेती, सुंदरता के साथ कमाई का जरिया
वनस्पति शास्त्र विशेषज्ञ डॉक्टर विकास शर्मा ने बताया कि, ''किसानों के लिये आर्थिक रुप से भी ये महत्वपूर्ण पौधा है. इसके न केवल सूखे फलों का बाजार में अच्छा दाम मिल जाता है बल्कि इसकी जड़ें (पिप्पली) बाजार में 2 हजार रुपए किलो तक बिकती हैं. इसे अब गमले में भी उगाया जा सकता है. उन्होंने अभी दो गमलों में पौधे लगाए थे जिनमें करीब आधा किलो फल आ चुके हैं.''

long pepper farming
लॉन्ग पीपर से कमाएं लाखों रुपये (ETV Bharat)

मसाले से लेकर कई बीमारी का करता है इलाज
वनस्पति शास्त्र विशेषज्ञ डॉ विकास शर्मा ने बताया कि, ''इसमें प्रोटीन, एंटी-इंफ्लेमेटरी, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, अमीनो एसिड के अलावा मिनरल्स भी मौजूद होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. लेकिन ध्यान रखें इसकी तासीर गर्म होती है. वहीं बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकता है. इसके उपयोग से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रण में रहती है. यह लिवर के लिए भी बेहद लाभकारी माना जाता है.''

आयुर्वेदिक दवाओं व च्यवनप्राश आदि में भी पिप्पली का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा मसालेदार व्यंजनों में भी इसका उपयोग खाने को स्वादिष्ट व पौष्टिक बनाने हेतु प्रयोग किया जाता है. आपके पास जगह है तो एक कोने में इसे भी जरुर लगायें, ताकि मसाले के साथ ही औषधि रुप में भी प्रयोग कर खांसी से लेकर कैंसर तक की बीमारियों को दूर किया जा सके. इसके ताजे पत्ते भी औषधीय गुणों से युक्त हैं. पिप्पली के फल, पत्तियां, जड़ सहित संपूर्ण भाग ही बहुत महत्वपूर्ण है आयुर्वेद में.

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आमतौर पर खेती करने के लिए जमीन की जरूरत होती है और लागत भी बहुत लगती है. लेकिन लॉन्ग पीपर की खेती बिना जमीन के और बिना कृषि उपकरणों के घरों के बगीचे में भी हो सकती है. इसे गमले में लगाकर भी लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं. एकदम अलग जलवायु और पर्यावरण में इन्हें उगते, फलते फूलते देखना एक सुखद अनुभव है. लॉन्ग पीपर या पिप्पली एक तीखा स्वाद और स्वभाव वाली आयुर्वेदिक तथा पारंपरिक औषधि है. जिसका प्रयोग कई रोगों के उपचार में किया जाता है. डॉ विकास शर्मा ने लगभग चार महीने पहले लोंग पीपर के दो छोटे से पौधे एक छोटे गमले में लगाये थे. तीन महीने बाद ही इनमें फल आने शुरु हो गये जो कि अब अपनी परिपक्व अवस्था में हैं. इस समय लगभग पचास से अधिक फल इन दोनों छोटे पौधों में आये हुए हैं.

Last Updated : Nov 2, 2024, 7:11 AM IST
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