रायपुर: छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुका है. प्रदेश के 11 लोकसभा सीटों पर मतदान के साथ चुनाव प्रक्रिया पूरी हो गई. तीसरे चरण में 71.98 फीसद मतदान हुआ. राज्य बनने के बाद से अब तक के लोकसभा चुनाव के वोटिंग प्रतिशत की बात की जाए तो यहां लगातार वोटिंग परसेंट बढ़ा है. साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में लगभग 52% वोट पड़े थे.साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में 55.3 फीसद वोट पड़े थे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में 69.5 फीसद वोट पड़े थे. वहीं, साल 2019 में लगभग 73.18 प्रतिशत वोट पड़े थे. यानी कि वोटिंग प्रतिशत हर बार बढ़ा ही है.
वोटिंग प्रतिशत का समीकरण समझिए: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है. भले ही यह बढ़त एक दो प्रतिशत की ही क्यों ना हो, लेकिन चिंता इस बात की है कि निर्वाचन आयोग की ओर से अधिक से अधिक मतदान के लिए कई कैंपेन चलाए गए. यहां तक कि अब लोगों के घरों तक निर्वाचन कर्मी मतदान कराने पहुंचे. बावजूद इसके मतदान के प्रतिशत में कोई ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है.
जानिए क्या कहते हैं पॉलिटिकल एक्सपर्ट: इस बारे में ईटीवी भारत ने पॉलिटिकल एक्सपर्ट उचित शर्मा से बातचीत की. उन्होंने कहा कि, "बस्तर, रायगढ़, सरगुजा, कोरबा इन क्षेत्रों में वोट प्रतिशत बढ़ा है. अच्छे परसेंट से मतदान हुआ है. वहीं, अर्बन क्षेत्रों में बिलासपुर, भिलाई, रायपुर में वोट प्रतिशत कम रहा है. यदि पिछले लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो उस दौरान लगभग 71 फीसद के आसपास में मतदान हुआ था. इस बार भी उसके आसपास ही मतदान हुआ है, हालांकि अंतिम आंकड़े अभी नहीं आए हैं. लगभग दो-तीन परसेंट से ज्यादा वोट प्रतिशत नहीं बढ़ा है, जबकि लगातार निर्वाचन आयोग की ओर से लोगों को वोटिंग के लिए जागरूक किया जा रहा था. मतदाताओं को इस बार पोलिंग बूथों पर कई सुविधाएं भी मुहैया कराई गई. नींबू पानी, ओआरएस घोल पिलाया गया. पीले चावल देकर वोटिंग के लिए न्यौता दिया गया. फर्स्ट टाइम वोटर प्रोग्राम हुए, उसके बावजूद भी वोटिंग परसेंट में ज्यादा अंतर नहीं आया."
मतदान ईवीएम से कराया जा रहा है. बैलेट की जगह ईवीएम का इस्तेमाल इसलिए किया गया था कि मतदान जल्दी-जल्दी हो और वोट परसेंटेज बढ़ें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. साल 1952 की बात की जाए तो उस समय 44 फीसद मतदान हुआ था. यदि आज की बात की जाए तो 71 फीसद मतदान हुआ है. बढ़ोतरी उस स्तर पर नहीं हो पाई है, जितनी होनी चाहिए थी. राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग को भी सोचना पड़ेगा. कोई नई व्यवस्था करनी पड़ेगी ताकि वोटिंग प्रतिशत 90-95 फीसदी तक बढ़े. वोटिंग के मामले में रूरल क्षेत्र के लोग ज्यादा जागरुक हैं. अर्बन क्षेत्र के लोग या तो छुट्टी बिताने चले जाते हैं, या फिर घर से निकलते नहीं है. इसलिए मतदान को कंपलसरी करना चाहिए, ताकि बोट परसेंटेज बढ़ सके. -उचित शर्मा, पॉलिटिकल एक्सपर्ट
एक नजर छत्तीसगढ़ के 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रतिशत पर:
लोकसभा क्षेत्र | साल 2009 | साल 2014 | साल 2019 | साल 2024 |
सरगुजा | 61.62 | 77.97 | 77.29 | 79.89 |
रायगढ़ | 65.36 | 76.86 | 77.70 | 78.85 |
जांजगीर चांपा | 48.59 | 61.55 | 65.57 | 67.56 |
कोरबा | 58.42 | 74.13 | 75.34 | 75.63 |
बिलासपुर | 52.32 | 63.13 | 64.36 | 64.77 |
दुर्ग | 55.90 | 67.89 | 71.66 | 73.68 |
रायपुर | 46.99 | 65.70 | 65.99 | 66.82 |