मुरैना। मुरैना लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस अभी तक मजबूत कैंडिडेट नहीं खोज पाई है. कांग्रेस की चौथी लिस्ट जारी होने के बाद भी मुरैना लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस प्रत्याशी घोषित नहीं हो सका है. बीजेपी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस तीन नामों के बीच उलझी हुई है. इनमें से दो कांग्रेस के पूर्व विधायक और एक बीजेपी का पूर्व विधायक है. बीजेपी से निष्कासित होने के बाद इस पूर्व विधायक ने हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता ली है. कांग्रेस पदाधिकारियों का मानना है कि इन तीनों चेहरों में से ही कोई एक विनर कैंडिडेट हो सकता है. इधर, बीएसपी वैट एंड वॉच मोड पर है. सूत्रों का मानना है कि कांग्रेस प्रत्याशी के नाम की घोषणा के बाद ही बीएसपी अपना कैंडिडेट मैदान में उतारेगी.
बीजेपी ने मुरैना व ग्वालियर सीट पर इन्हें उतारा
लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही बीजेपी ने पहली खेप में मुरैना और ग्वालियर लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी. मुरैना लोकसभा सीट से पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर और ग्वालियर लोकसभा सीट से भारत सिंह कुशवाह के नाम की घोषणा की गई है. ये दोनों ही कैंडिडेट विधानसभा चुनाव हार चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के ये दोनों कैंडिडेट कार्यकर्ताओ के गले नहीं उतर रहे है, परंतु विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के नजदीकी होने की वजह से सभी मौन हैं. ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने विरोधियों को अपनी ताकत का अहसास कराने के लिए इन दोनों को टिकट दिलवाया.
कांग्रेस एक माह से मंथन में ही जुटी
मुरैना लोकसभा सीट पर कांग्रेस को विनर कैंडिडेट की तलाश पिछले एक माह से है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि काफी होमवर्क करने के बाद कांग्रेस हाईकमान के पास विनर कैंडिडेट के रूप में तीन नाम सामने आए हैं. इन नामों में पूर्व विधायक रामनिवास रावत, बैजनाथ कुशवाह और बीजेपी के पूर्व विधायक नीटू उर्फ सत्यपाल सिंह सिकरवार हैं. नीटू उर्फ सत्यपाल सिंह ने बीजेपी से निष्काषित होने के बाद हाल ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता ली है.
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रामनिवास रावत, बैजनाथ कुशवाह और सत्यपाल सिंह दावेदार
कांग्रेस इन तीनो नामों में से भी सबसे अधिक प्रभावी कैंडिडेट को खोज रही है. यदि जातिगत दृष्टिकोण से देखा जाए तो नीटू उर्फ सत्यपाल सिंह सबसे अधिक प्रभावी कैंडिडेट नजर आते है, लेकिन कैटेगरी के हिसाब से देखा नए तो ओबीसी वर्ग के दोनों चेहरे रामनिवास रावत और बैजनाथ कुशवाह विनर कैंडिडेट दिखाई पड़ रहे है. कांग्रेस इन तीनो नामों के बीच मे फंस गई है. टिकट वितरण में देरी होने की वजह से राजनीति गलियारों में ऐसी चर्चाएं भी होने लगी हैं कि बीजेपी से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस को कोई कैंडिडेट ही नहीं मिल रहा है.