कोरबा: लोकतंत्र की मजबूती और अधिक से अधिक मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ने होम वोटिंग की सुविधा जरूरतमंद मतदाताओं के लिए शुरू की है. इस कड़ी में कोरबा कोरबा लोकसभा क्षेत्र में शनिवार को बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को घर बैठे वोट कराया गया. मतदान दल दिव्यांग और 85+ बुजुर्ग मतदाताओं के घर पहुंची और उनसे वोट कराया. इस दौरान गोपनीयता का भी पूरा ध्यान रखा गया. दिव्यांग और सीनियर सिटीजन ने बैलेट पेपर से ही मतदान किया.
कोरबा में 127 वोटर करेंगे घर बैठे मतदान: दरअसल, कोरबा में ऐसे जरूरतमंद कुल 127 मतदाता हैं, जिनसे शनिवार और रविवार को मतदान घर पहुंच कर वोटिंग करवाया जाएगा. मतदान करते समय खासतौर पर ऐसे दिव्यांग को जो कि 50 फीसद या उससे भी अधिक आशक्त हैं, उनसे वोट कराया जाएगा. वोटिंग के बाद बुजुर्ग और दिव्यांग वोटरों ने निर्वाचन आयोग को धन्यवाद दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि, "हमें चलने फिरने में परेशानी होती है, यदि सरकार ने इस तरह की सुविधा नहीं शुरू की होती, तो हम संभवत: मतदान बूथ तक नहीं जा पाते.
कोरबा और रामपुर के लिए बनाई गई 9 टीमें : होम वोटिंग के लिए जिला निर्वाचन विभाग की टीम ने पहले ही ऐसे मतदाताओं को चिन्हित किया था. इसके लिए 27 और 28 अप्रैल का दिन का चयन किया गया. 27 अप्रैल शनिवार को सुबह से ही मतदान दल अपने-अपने रूट की ओर रवाना हुई. सुबह से ही वोटिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई. रविवार को इसे पूरा कर लिया जाएगा. कोरबा और रामपुर विधानसभा में दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाता अधिक हैं. दोनों विधानसभा में 45-45 मतदाता हैं. इन वोटरों को घर बैठे मतदान कराया जा रहा है. विधानसभा कोरबा और रामपुर में शनिवार को होम वोटिंग के लिए 9 टीम बनी है, जिसमें कोरबा के लिए 4 टीम और रामपुर के लिए 5 टीम का गठन किया गया है. प्रत्येक दल में एक-एक पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी क्रमांक 1, माइक्रो ऑब्जर्वर, पुलिसकर्मी और वीडियोग्राफर होंगे.
जानिए क्या कहते हैं वोटर: 93 साल के मतदाता सीनियर सिटीजन ग्रहण सिंह ठाकुर ने कहा कि, "मैंने कई लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मतदान किया है. देश में यदि वर्तमान में सबसे महत्वपूर्ण कोई तिथि है, तो वह मतदान की तिथि है, लेकिन यह अपने-अपने समझ की बात है. लोगों को मतदान जरूर करना चाहिए, अपने घर में वोट डालकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. भारत सरकार की ओर से इस योजना को कंटिन्यू किया जाना चाहिए." वहीं, कोरबा शहर के 90 साल की राधाबाई ने कहा कि, "मैं बूढी हो चुकी हूं. आने-जाने में तकलीफ रहती है. मतदानकर्मी घर तक आए हैं, यह सुविधा काफी अच्छी है. मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है." इसी तरह चलने फिरने में अक्षम माहेश्वरी कुमार सोनी ने कहा कि, "मैं स्वयं एक विकलांग व्यक्ति हूं. मेरा एक हाथ और पैर का कुछ हिस्सा काम नहीं करता. यदि मतदान दल घर नहीं आते, तो मैं वोट डालने शायद ही जा पाता. सरकार की यह सुविधा ठीक है, जिसके कारण आज मैं वोट डाल पाया."
बूढ़ी सास और दिव्यांग भाई ने किया वोट: 90 साल के सास की देखभाल करने वाली उनकी बहू मोंगरा ने ईटीवी भारत से कहा कि, "मतदानकर्मी सुबह ही घर आ गए थे. अम्मा को चलने-फिरने में तकलीफ है. उन्हें हाथ पड़कर कहीं भी लेकर जाना पड़ता है, वह खुद से चल नहीं पातीं.ऐसे में घर आकर वोटिंग कराया जाना अच्छी पहल है, जिसके कारण आज उन्होंने अपना वोट दिया." वहीं, दिव्यांग कीर्तन पटेल के भाई कृष्ण ने कहा कि, "मेरा भाई दोनों पैर से पोलियो ग्रस्त है. चलने-फिरने में पूरी तरह से असमर्थ है. आज घर पर ही उसने वोट दे दिया है, जिसके लिए मैं भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहूंगा."
14 मतदान दलों के जरिए 27 लोगों से कराई जा रही वोटिंग: डिप्टी कलेक्टर और होम वोटिंग के नोडल अधिकारी गौतम सिंह ने बताया कि, "होम वोटिंग के लिए जिले में कुल 127 मतदाताओं के आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनके मतदान कराने के लिए कुल 14 मतदान दलों की नियुक्ति की गई है. 3 दल रिजर्व रखे गए हैं. जिले में होम वोटिंग की प्रकिया 27 और 28 अप्रैल को की जाएगी, जिसके अंतर्गत 27 अप्रैल को विधानसभा कोरबा और रामपुर में मतदान अधिकारियों की ओर से होम वोटिंग कराई जाएगी.28 अप्रैल को विधानसभा कटघोरा एवं पाली तानाखार में मतदाताओं की होम वोटिंग कराई जाएगी. मतदान दल चिन्हांकित मतदाताओं के घर जाकर पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान कराएंगे. मतदाता का परिचय पत्र एपिक कार्ड या अन्य वैकल्पिक दस्तावेज के द्वारा पहचान सुनिश्चित कर मतदाता को मतदान प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी जाएगी.मतदाता अपने पसंद के अभ्यर्थी के सामने निशान लगाकर वोट करेंगे."
बता दें बुजुर्ग और दिव्यांगों को घर बैठे मतदान की सुविधा से कई वोटर खुश हैं. साथ ही कोरबा के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने इस सुविधा के लिए सरकार को धन्यवाद दिया.