लखनऊ: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी बजट अंतरिम बजट के रूप में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में प्रस्तुत किया. बजट में किसानों, महिलाओं और ग्रामीणों के लिए राहत की बात की गई. आशा बहनों को आयुष्मान योजना में शामिल करने, ग्रामीण इलाकों में दो लाख मुफ्त आवास बनाने के साथ ही किसानों को 300 यूनिट फ्री बिजली देने का एलान किया गया है. हालांकि, केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को लेकर विपक्षी दलों ने एतराज जताया है.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज पेश किए गए मोदी सरकार के अंतरिम बजट पर निशाना साधा. उन्होंने इसे निराशाजनक बताया और कहा कि इस बजट से जनता को कोई लाभ नहीं है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, कोई भी बजट अगर विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वो व्यर्थ है. उन्होंने लिखा, भाजपा सरकार ने जनविरोधी बजटों का एक दशक पूरा करके एक शर्मनाक रिकॉर्ड बनाया है, जो फिर कभी नहीं टूटेगा क्योंकि अब सकारात्मक सरकार आने का समय हो गया है.
वहीं बजट को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि वादा कर वोट देश के युवाओं से नौकरियों के नाम पर लिया गया था. लेकिन, काम सिर्फ उद्योगपतियों के लिए हुआ. निजीकरण और 14 लाख करोड़ रुपये का कर्ज पूजीपतियों का माफ हुआ. किसानों से दोगुनी आय का वादा था. लेकिन, अपने उद्योगपति मित्र के लिए नीतियां बनाकर उनकी आय 1600 करोड़ रुपये रोज कर दी. किसान की आय घटकर 27 रुपये रोज रह गई.
उन्होंने कहा कि देश के मध्यम वर्ग और महिला सुरक्षा के प्रति सरकार ने पिछले 10 साल से लगातार धोखा दिया. प्रधानमंत्री अपने को गरीब परिवार से और पिछड़ा बताते हैं. लेकिन, इस बजट में भी गरीबों को और दलितों व पिछड़ों को छला गया. इस बजट से देश को समझ आ गया है कि भाजपा के पास देश के युवाओं, किसानों, आम आदमी और महिलाओं के लिए काम करने की कोई नियत और इच्छा शक्ति नहीं है. 2024 में मोदी सरकार की विदाई पक्की हो गई है.
वहीं, राष्ट्रीय लोक दल व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि एक बार पुनः बजट में भारतीय जनता पार्टी ने जुमलों की बारिश की. जनता के लिए इस बजट के अंदर कुछ नहीं है. टैक्स स्लैब के अंदर कोई चेंज नहीं है. महिला सुरक्षा को लेकर बजट में कोई बात ही नहीं है. पेट्रोल डीजल का तो नाम लेने से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण डरती हैं. महिला सुरक्षा के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई होती है.
उन्होंने कहा कि किसानों की योजनाओं का तो नाम लेने की भी जहमत इस सरकार ने नहीं उठाई है. यह पूरी तरह से जन विरोधी सरकार बन चुकी है. छोटे व्यापारी को कुचलने का काम यह सरकार कर रही है. स्टार्टअप के नाम पर रियायत को रिपीट कर देने से उद्योग में भलाई नहीं होने वाली है. सौर ऊर्जा पर बात तो जरूर की. लेकिन, जनता के पैसे से ही सौर ऊर्जा का काम करवाकर आप चाहते हो कि सरकार की पीठ थपथपा ली जाए. यह अत्यंत दुखद है कि यह सरकार पूरी तरह से जनविरोधी बजट पेश करने का काम करती है.
व्यापार प्रकोष्ठ अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा कि वैसे इस बजट से कोई उम्मीद ही नहीं थी. ये अंतरिम बजट था. लेकिन, उसके बावजूद चुनावी साल है तो चुनावी बजट होगा. लेकिन, चुनावी बजट के बावजूद सरकार ने जनता को ठगने का काम किया है. जनता को पूरी तरह से निराश करने का काम किया है.
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