शिमला: हिमाचल प्रदेश में जारी पॉलिटिकल ड्रामा के बीच इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सुख सम्मान निधि योजना एक बहुत बड़ा मुद्दा बन गई हैं. सुखविंदर सिंह सुक्खू 4 मार्च को प्रदेश भर में महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने का ऐलान किया था, जिस पर भाजपा उसी दिन से योजना को लेकर कई तरह के सवाल उठा रही है.
कांग्रेस को मिला बड़ा हथियार
इस तरह हिमाचल में लोकसभा चुनाव समेत विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस 1500 रुपये की योजना को बड़ा हथियार बनाएगी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सोशल मिडिया पेज पर भाजपा को महिला विरोधी बता कर वार कर रहे हैं. भाजपा ने ऐन चुनाव के मौके पर महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए देने की योजना पर सवाल खड़े कर जाने अनजाने में सुक्खू सरकार के हाथ बड़ा हथियार दे दिया है. ऐसे ने कांग्रेस सरकार की ओर से हर चुनावी सभा में भाजपा से महिला विरोधी होने पर जवाब मांगा जाएगा.
1500 की योजना की चुनाव आयोग से शिकायत
विपक्षी दल भाजपा पहले तो हर मंच से महिलाओं को 1500 रुपये देने की गारंटी पूरा न करने पर सुक्खू सरकार को घेरती रही. प्रदेश भर में होने वाली हर जनसभा में महिलाओं को 1500 रुपये न देने पर सुक्खू सरकार को घेरने का प्रयास किया गया. इस बीच जब सीएम ने प्रदेश भर में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना को लागू कर दिया, तो योजना को लेकर अब लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. वहीं, इसी बीच 16 मार्च से देश में लोकसभा चुनाव समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है. ऐसे में भाजपा में इसे आदर्श आचार संहिता जा उल्लंघन बताकर 1500 रुपये देने को योजना को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत की. जिसके बाद प्रदेश भर में 1500 रुपये के लिए भरे जा रहे फॉर्म की प्रकिया पर अब रोक लग गई है. जिसके बाद अब कांग्रेस सरकार को भाजपा को महिला विरोधी बताने का मौका मिल गया है.
नियम और शर्तों का लगाया फिल्टर
हिमाचल विधानसभा के लिए साल 2022 में हुए चुनाव के दौरान कांग्रेस के घोषणा पत्र में 10 गारंटियां दी गई थी. जिसमें 18 साल से 59 साल की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने का वादा भी शामिल था. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से लेकर राज्य के नेताओं ने चुनावी मंचों पर इस वादे का खूब जिक्र गया. मंचों से कहा गया कि जिस परिवार में दो या उससे अधिक महिलाएं होंगी, वहां सभी को इस योजना का फायदा मिलेगा, लेकिन दिसंबर 2022 में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली सरकार राज्य में बनी थी. 1500 रुपये वाली गारंटी को पूरा करने के लिए सब कमेटी भी गठित हुई थी. सरकार के कार्यकाल का पहला साल महिलाएं सिर्फ इंतजार ही करती रहीं. सरकार बनने के करीब 15 महीने बाद 4 मार्च को प्रदेश भर में महिलाओं की 1500 देने का ऐलान कर, इस योजना को वित्त वर्ष 2024 के अप्रैल से लागू करने का फैसला लिया गया. जिसकी अधिसूचना 13 मार्च को जारी की गई, जिसमें इस योजना को लेकर नियम और शर्तों का ऐसा फिल्टर लगाया गया कि उस पर सियासी विरोधियों से लेकर आधी आबादी तक सवाल उठा रही है.
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