चंडीगढ़: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने I.N.D.I.A गठबंधन के तहत आखिरकार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली, हरियाणा, गोवा में सीटों का बंटवारा कर लिया है. हालांकि पंजाब में दोनों ही पार्टियों अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरेंगी. हरियाणा की बात की जाए तो आम आदमी पार्टी को 10 में से एक सीट दी गई है. हरियाणा में आम आदमी पार्टी कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र पर अपना उम्मीदवार उतारेगी. हालांकि राजनीतिक मामलों के जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में इसका ज्यादा असर नहीं देखने को मिलेगा.
कितना पड़ेगा असर: हरियाणा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन के सवाल पर राजनीतिक मामलों के जानकार राजेश मोदगिल कहते हैं कि "हरियाणा में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पिछले चुनाव में ज्यादातर सीटों पर अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे. ऐसे में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अगर एक साथ भी होते हैं तो भी लोकसभा चुनाव में इसका ज्यादा असर शायद ही देखने को मिलेगा". इसके पीछे भी कुछ तर्क देते हुए कहते हैं कि "बीते समय में गठबंधन में लड़े चुनावों में पर अगर हरियाणा में नजर डाली जाए तो इससे कोई ज्यादा प्रभाव चुनाव पर नहीं पड़ता है. यह जनता पर निर्भर करता है कि वह किसे वोट देना चाहती है".
कितना बढ़ेगा जनाधार: हरियाणा में हुए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन पर राजनीतिक प्रेक्षक धीरेन्द्र अवस्थी कहते हैं कि "इस गठबंधन का हरियाणा में ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा. क्योंकि हरियाणा में आम आदमी पार्टी का वह जनाधार नहीं है कि जिसका लाभ कांग्रेस को आम आदमी पार्टी चुनाव में दिला पाए". वह कहते हैं कि "कांग्रेस पार्टी ने अन्य राज्यों में गठबंधन को बनाए रखने के लिए हरियाणा में एक तरीके से एक सीट की कुर्बानी दी है. यानी दूसरे राज्यों में गठबंधन कायम करने के लिए पार्टी ने हरियाणा में एक सीट आम आदमी पार्टी को दी है".