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सीएम योगी की जनसभा में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने हाथ जोड़कर मांगी माफी, जानें वजह - Finance Minister apologize

महाराजगंज के सेठ आनंदराम जयपुरिया इंटर कॉलेज का मैदान में आयोजित जनसभा में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री व भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी काफी असहज (Finance Minister Apologize) दिखे. संबोधन के दौरान उन्होंने जनता से किसी भी भूल के क्षमा मांगी और वोट देने की अपील की.

भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी
भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी . (Photo Credit-Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 25, 2024, 4:45 PM IST

महराजगंज: सेठ आनंदराम जयपुरिया इंटर कॉलेज के मैदान में शुक्रवार को हुई जनसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ भी पहुंचे थे. सीएम योगी के आने के पहले केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री और छह बार के सांसद व भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी मंच पर काफी असहज दिखे. अपने संबोधन के दौरान वह जनता से माफी मांगते हुए नजर आए. कहा कि अगर कहीं भूल हो गई हो, तो माफ करना. बहरहाल लोकसभा चुनाव में 11 लाख वोट पार का नारा देने वाले प्रत्याशी के नर्वस होने से सियासी गलियारों में तरह तरह की चर्चा हो रही है.

महराजगंज लोकसभा सीट के समीकरण.
महराजगंज लोकसभा सीट के समीकरण. (Photo Credit-Etv Bharat)

भाजपा सांसद पंकज चौधरी की सियासी सफर: महज 26 साल की उम्र में सियासी पारी शुरू करने वाले पंकज चौधरी ने लोकसभा की चुनावी पिच पर अपनी पहले ही पारी में तीन जीत की हैट्रिक लगाई है. वर्ष 1991 में पहली बार सांसद बने, 1996 के चुनाव में जीत हासिल की और 1998 के चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत का रिकार्ड बनाया. 1999 के चुनाव में सपा नेता कुंवर अखिलेश सिंह से हारने के बाद 2004 के चुनाव में वापसी करते हुए जीत का चौका जड़ा, पर 2009 में कांग्रेस के जुझारू व कद्दावर नेता हर्षवर्धन सिंह से चुनाव हार गए. 2014 के चुनाव में पंकज चौधरी ने जीत का पंच लगाया. 2014 के बाद 2019 का चुनाव जीतने के बाद पंकज चौधरी अपनी नौंवी पारी के लिए फिर चुनाव मैदान में हैं.

महाराजगंज में सीएम योगी की जनसभा.
महाराजगंज में सीएम योगी की जनसभा. (Photo Credit-Etv Bharat)

काफी लोकप्रिय सांसद हैं पंकज चौधरी: वर्ष 2014 के बाद उनकी लोकप्रियता चुनाव में मिले वोट से भी साबित होती है. पिछले दो चुनाव में जीत के अंतर में वोट के बढ़ते ग्राफ भी इसकी तस्दीक करते नजर आ रहे हैं. 2014 के चुनाव में पंकज चौधरी 2 लाख 40 हजार 458 वोट से चुनाव जीते. इस चुनाव में पंकज चौधरी को 4 लाख 71 हजार 542 वोट मिले थे. 2019 के चुनाव में पंकज चौधरी ने ऐतिहासिक 3 लाख 40 हजार 424 वोट के अंतर से जीत दर्ज की. पंकज चौधरी को 7 लाख 26 हजार 349 वोट मिले थे. महराजगंज संसदीय क्षेत्र के इतिहास में यह जीत सबसे बड़ी है. इसी कार्यकाल में पंकज चौधरी को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली. फिलवक्त पंकज चौधरी की गिनती पूर्वांचल में अति पिछड़े वर्ग के सबसे बड़े नेताओं में होती है.

महाराजगंज लोकसभा सीट.
महाराजगंज लोकसभा सीट. (Photo Credit-Etv Bharat)

कांग्रेस की रणनीति से समीकरण बिगड़ने की आशंका: इस बार कांग्रेस ने रणनीति के तहत वीरेन्द्र चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है. इससे अति पिछड़ा वर्ग कुर्मी व पटनवार मतदाता में बिखराव का अंदेशा जताया जा रहा है. इसके अलावा सत्ता के खिलाफ लहर में भाजपा से करीब 10 फीसदी वोटर असंतुष्ट भी दिख रहे हैं. लोकसभा क्षेत्र में करीब 20 लाख मतदाता हैं. 60 से 65 फीसदी मतदान होने की उम्मीद की जा रही है. ऐसे में करीब 12 लाख से साढ़े 12 लाख वोट पड़ने का अनुमान है. यही कारण है कि इंडिया गठबंधन नतीजी अपने पक्ष में आने की उम्मीद लगाए है. वहीं वोटरों के एक बड़े वर्ग की चुप्पी भी भाजपा के लिए सिरदर्द बनी हुई है. बहरहाल मतदाता एक जून को अपना फैसला सुनाएंगे. चार जून को नतीजे के बाद स्पष्ट होगा कि चुनाव में जनता पंकज चौधरी व वीरेन्द्र चौधरी में किसे चौधरी मानेगी.

यह भी पढ़ें : महराजगंज : डिप्टी सीएम के सामने पेंशन की गुहार लेकर पहुंची बुजुर्ग महिला, सुरक्षाकर्मियों ने खदेड़ा

यह भी पढ़ें : महाराजगंज से भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी ने दाखिल किया नामांकन

महराजगंज: सेठ आनंदराम जयपुरिया इंटर कॉलेज के मैदान में शुक्रवार को हुई जनसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ भी पहुंचे थे. सीएम योगी के आने के पहले केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री और छह बार के सांसद व भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी मंच पर काफी असहज दिखे. अपने संबोधन के दौरान वह जनता से माफी मांगते हुए नजर आए. कहा कि अगर कहीं भूल हो गई हो, तो माफ करना. बहरहाल लोकसभा चुनाव में 11 लाख वोट पार का नारा देने वाले प्रत्याशी के नर्वस होने से सियासी गलियारों में तरह तरह की चर्चा हो रही है.

महराजगंज लोकसभा सीट के समीकरण.
महराजगंज लोकसभा सीट के समीकरण. (Photo Credit-Etv Bharat)

भाजपा सांसद पंकज चौधरी की सियासी सफर: महज 26 साल की उम्र में सियासी पारी शुरू करने वाले पंकज चौधरी ने लोकसभा की चुनावी पिच पर अपनी पहले ही पारी में तीन जीत की हैट्रिक लगाई है. वर्ष 1991 में पहली बार सांसद बने, 1996 के चुनाव में जीत हासिल की और 1998 के चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत का रिकार्ड बनाया. 1999 के चुनाव में सपा नेता कुंवर अखिलेश सिंह से हारने के बाद 2004 के चुनाव में वापसी करते हुए जीत का चौका जड़ा, पर 2009 में कांग्रेस के जुझारू व कद्दावर नेता हर्षवर्धन सिंह से चुनाव हार गए. 2014 के चुनाव में पंकज चौधरी ने जीत का पंच लगाया. 2014 के बाद 2019 का चुनाव जीतने के बाद पंकज चौधरी अपनी नौंवी पारी के लिए फिर चुनाव मैदान में हैं.

महाराजगंज में सीएम योगी की जनसभा.
महाराजगंज में सीएम योगी की जनसभा. (Photo Credit-Etv Bharat)

काफी लोकप्रिय सांसद हैं पंकज चौधरी: वर्ष 2014 के बाद उनकी लोकप्रियता चुनाव में मिले वोट से भी साबित होती है. पिछले दो चुनाव में जीत के अंतर में वोट के बढ़ते ग्राफ भी इसकी तस्दीक करते नजर आ रहे हैं. 2014 के चुनाव में पंकज चौधरी 2 लाख 40 हजार 458 वोट से चुनाव जीते. इस चुनाव में पंकज चौधरी को 4 लाख 71 हजार 542 वोट मिले थे. 2019 के चुनाव में पंकज चौधरी ने ऐतिहासिक 3 लाख 40 हजार 424 वोट के अंतर से जीत दर्ज की. पंकज चौधरी को 7 लाख 26 हजार 349 वोट मिले थे. महराजगंज संसदीय क्षेत्र के इतिहास में यह जीत सबसे बड़ी है. इसी कार्यकाल में पंकज चौधरी को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली. फिलवक्त पंकज चौधरी की गिनती पूर्वांचल में अति पिछड़े वर्ग के सबसे बड़े नेताओं में होती है.

महाराजगंज लोकसभा सीट.
महाराजगंज लोकसभा सीट. (Photo Credit-Etv Bharat)

कांग्रेस की रणनीति से समीकरण बिगड़ने की आशंका: इस बार कांग्रेस ने रणनीति के तहत वीरेन्द्र चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है. इससे अति पिछड़ा वर्ग कुर्मी व पटनवार मतदाता में बिखराव का अंदेशा जताया जा रहा है. इसके अलावा सत्ता के खिलाफ लहर में भाजपा से करीब 10 फीसदी वोटर असंतुष्ट भी दिख रहे हैं. लोकसभा क्षेत्र में करीब 20 लाख मतदाता हैं. 60 से 65 फीसदी मतदान होने की उम्मीद की जा रही है. ऐसे में करीब 12 लाख से साढ़े 12 लाख वोट पड़ने का अनुमान है. यही कारण है कि इंडिया गठबंधन नतीजी अपने पक्ष में आने की उम्मीद लगाए है. वहीं वोटरों के एक बड़े वर्ग की चुप्पी भी भाजपा के लिए सिरदर्द बनी हुई है. बहरहाल मतदाता एक जून को अपना फैसला सुनाएंगे. चार जून को नतीजे के बाद स्पष्ट होगा कि चुनाव में जनता पंकज चौधरी व वीरेन्द्र चौधरी में किसे चौधरी मानेगी.

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