छिंदवाड़ा। बीजेपी ज्वाइन करने के बाद कांग्रेस के लिए वोट मांगने वाले छिंदवाड़ा महापौर का भविष्य भी 4 जून को लोकसभा चुनाव परिणाम के साथ ही तय होगा कि आखिकार महापौर किसके साथ होंगे. बता दें कि महापौर विक्रम अहिके ने एक अप्रैल को बीजेपी का दामन थामा था और वोटिंग के दिन 19 अप्रैल को कांग्रेस के लिए वोट देने की अपील जनता से की थी. इस बात को लेकर महापौर का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा हुआ है.
बीजेपी का थामा दामन,कांग्रेस को वोट देने की अपील की
मध्य प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट छिंदवाड़ा लोकसभा में चुनाव के पहले जमकर दलबदल चला. कांग्रेस के विधायक से लेकर महापौर समेत हजारों लोंगो ने बीजेपी का दामन थाम लिया. महापौर विक्रम अहिके ने भी 1 अप्रैल को भोपाल में CM की मौजूदगी में बीजेपी के पाले में चले गए. उसके बाद फिर वोटिंग के दिन 19 अप्रैल को नकुलनाथ के लिए जनता वोट की अपील करते हुए एक वीडियो जारी किया. जिसके बाद से महापौर के राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चाएं हो रही हैं.
'जिसने मुझे काबिल बनाया उसके साथ दगा नहीं'
छिंदवाड़ा नगर निगम के महापौर विक्रम अहिके फिलहाल किस पार्टी के साथ हैं, इस बारे में जब ईटीवी भारत ने उनसे बातचीत की तो उनका कहना था कि "छिंदवाड़ा के विकास के लिए उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही उन्होंने अपने दिल की बात सुनी क्योंकि उन्हें वेटर से महापौर की कुर्सी पर बैठाने वाले कमलनाथ थे. इसलिए उन्हें लगा कि जिसने उन्हें इस काबिल बनाया उसके साथ दगा नहीं किया जा सकता और फिर उन्होंने कांग्रेस पार्टी के साथ ही नकुलनाथ के लिए वोट की अपील कर डाली."
'मैंने अपनी इच्छा जता दी अब आलाकमान की मर्जी'
महापौर विक्रम अहिके ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी नकुलनाथ के लिए वोट मांग कर जिताने की अपील तो कर दी थी लेकिन अभी तक उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा भी नहीं दिया है. ईटीवी भारत ने जब महापौर विक्रम अहिके से बात की तो उनका कहना था कि "मैंने अपनी इच्छा नाथ परिवार से जता दी है हालांकि अभी तक उनसे कोई चर्चा या मुलाकात नहीं हुई है. 4 जून का वे इंतजार कर रहे हैं, आलाकमान जो चाहेगा आगे की रणनीति उसे हिसाब से तय होगी."
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'छिंदवाड़ा के विकास के लिए लेने पड़ेंगे कड़े निर्णय'
महापौर विक्रम अहिके का कहना है कि "वे 4 जून का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि 4 जून के बाद नगर निगम में बदलाव होना है. दरअसल अधिकतर कांग्रेस के पार्षदों ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है. आचार संहिता खत्म होते ही महापौर पुरानी एमआईसी को भंग करेंगे, इसके बाद नई MIC का गठन होगा और फिर महापौर के भविष्य का फैसला भी हो जाएगा कि वो किस पार्टी के साथ रहेंगे."