जयपुर. लोकसभा चुनाव के रण में मतगणना के बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मतगणना की धीमी प्रक्रिया पर सवाल उठाया है. उन्होंने पूछा कि जब ईवीएम से मतगणना हो रही है तो इतना समय क्यों लग रहा है?. अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा कि "देशभर के कई इलाकों से ऐसी सूचनाएं मेरे पास आ रही हैं कि जहां इंडिया गठबंधन आगे है, वहां मतगणना की प्रक्रिया धीमी कर दी गई है. जब EVM से मतगणना हो रही है तो इतना समय क्यों लग रहा है ?. समर्थकों के मन में ऐसी आशंका है कि बिहार विधानसभा चुनाव की तरह देर रात तक मतगणना प्रक्रिया चलाकर कम मार्जिन वाली सीटों पर हमारे उम्मीदवारों को हरा न दिया जाए. मैं चुनाव आयोग से निवेदन करना चाहूंगा कि जनता के मन की ऐसी आशंकाओं को दूर करने के लिए जल्द से जल्द परिणाम जारी कर विजयी उम्मीदवार को सर्टिफिकेट दें. हमारे उम्मीदवार एवं काउंटिंग प्रक्रिया में शामिल लोग सर्टिफिकेट मिलने तक मतगणना स्थल ना छोड़ें."
राजस्थान में जीत को लेकर दिया यह बयान : उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि "अमेठी और रायबरेली में प्रवास के दौरान मैंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की उपस्थिति में विश्वास दिलाया था कि राजस्थान में इस बार चौंकाने वाले परिणाम आएंगे. इंडिया गठबंधन डबल डिजिट में भी सीटें जीत सकता है. इसी बात को मैंने मीडिया में भी बार-बार कहा. इसी के अनुरूप कांग्रेस पार्टी एवं इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को भरपूर आशीर्वाद एवं समर्थन देने के लिए राजस्थान की जनता का हृदय से आभार."
राजस्थान से मैसेज तानाशाही प्रवृत्ति से लड़ाई संभव : अशोक गहलोत ने कहा कि पूरे देश में राजस्थान से पहले चरण के मतदान से ही एक मैसेज गया कि इस सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति के विरुद्ध लड़ा जा सकता है. राजस्थान से पहले चरण में जो लहर शुरू हुई, वो पूरे देश में पहुंची. राजस्थान में इंडिया गठबंधन की डबल डिजिट में सीटें आना दिखाता है कि जनता के अंदर ये अहसास था कि अच्छी योजनाओं एवं सुशासन के बावजूद भाजपा ने भ्रमित कर वोट लिए और सरकार बनाई.
प्रायश्चित के तौर पर जनता ने सिखाया सबक : उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि एक तरह के प्रायश्चित के तौर पर जनता ने भाजपा को सबक सिखाया है. मैं हमारे हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दिल से शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने पूरे जी जान से मेहनत की एवं आपसी मतभेदों को भुलाकर इंडिया गठबंधन को भी मजबूत किया. मैं राजस्थान से नवनिर्वाचित सभी सांसदों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं. जो प्रत्याशी सफल नहीं हुए हैं वो निराश ना हों एवं जनसेवा का संकल्प मजबूत कर आगे के लिए तैयारी करें'.