सरगुजा: एक वक्त था जब महिला वोटर किसको वोट देंगी ये तय घर का मुखिया करता था. घर का मुखिया जिसे कह देता था महिलाएं उसे वोट दे आती थीं. सामाजिक हाशिए पर चल रही महिलाएं अब साक्षर और सशक्त हो चुकी हैं. महिला मतदाताओं की अहमियत अब नेताजी भी जानते और समझते हैं. महिलाएं अब सरकार बनाती भी हैं और अपने वोटों से सरकार हटाती भी हैं. छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश का विधानसभा चुनाव इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. महिला वोटर अब राजनीति के केंद्र बिंदु में पहुंच चुकी हैं. महिला वोटरों का पलड़ा जिस ओर झुकता है जीत उसी की होती है.
महिला वोटर तय करेंगी इस बार हार और जीत: देश में और अमूमन सभी राज्यों में महिला मतदाताओं की ताकत में लगातार इजाफा होता जा रहा है. महिला वोटरों की बढ़ती संख्या और वोट के प्रति जागरुकता राजनीति में बड़ा बदलाव लेकर आया है. अब घर कि महिलाएं तय करती हैं कि उनके परिवार का वोट किसको जाएगा. राजनीतिक पार्टियों ने भी अपने सेट ट्रेंड को चेंज किया. महिला वोटरों को ध्यान में रखकर चुनावी घोषणा पत्र बनाने शुरु किए. महिलाओं को ध्यान में रखकर राजनीतिक पार्टियों ने योजनाएं बनानी शुरु की. चुनाव आयोग ने भी महिला वोटरों के लिए मतदान के दौरान खास बंदोबस्त किए. राजनीतिक पार्टियां भी जब प्रचार के लिए निकलती हैं तो उनके केंद्र बिंदु में महिलाओं को आकर्षित करने की योजनाएं और वादे होते हैं.
बदलाव से आई क्रांति: सरगुजा में महिला मतदाताओं की बढ़ती आबादी और उनकी जागरुकता को आज चुनाव आयोग भी सलाम कर रहा है. खुद चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि कैसे महिला वोटरों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. पुरुषों की अपेक्षा महिला वोटर अपने अधिकार को लेकर ज्यादा जागरुक हो रही हैं. महिला वोटरों का झुकाव जिस ओर हो रहा है उस पार्टी की विजय हो रही है.
महिला वोटरों पर सबकी नजर: सालों से आदिवासी अपने हक और हुकूक के लिए संघर्ष करते आए हैं. अपने अधिकार की लड़ाई को लेकर वो हमेशा से जागरुक रहे हैं. सरगुजा लोकसभा सीट पर इस बार महिला वोटर ही हार और जीत का फैक्टर बनेंगी. महिला वोटर जिस ओर जाएंगी जीत उसी की होगी. महिला वोटरों की बढ़ती आबादी ये बताने के लिए काफी है कि इस बार महिलाएं ही तय करेंगी कौन सरगुजा सीट से जीत का सेहरा पहनेगा.
सरगुजा लोकसभा सीट के आंकड़ों पर एक नजर
- सरगुजा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र मध्य भारत में छत्तीसगढ़ राज्य के ग्यारह लोकसभा (संसदीय) निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है.
- 2019 के लोकसभा चुनाव में 29265 नोटा पर वोट पड़े.
- लोकसभा चुनाव 2019 में 77.37% वोट पड़े.
- सरगुजा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है.
- निर्वाचन क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर, रामानुजगंज, सामरी, लुंड्रा अंबिकापुर और सीतापुर.
- 2019 में सरगुजा संसदीय क्षेत्र में कुल 1655239 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 1251424 थी.
- 2014 में सरगुजा संसदीय क्षेत्र में कुल 1523022 मतदाता थे. वैध वोटों की कुल संख्या 1156217 थी.
- 2009 में सरगुजा संसदीय क्षेत्र में कुल 1306822 मतदाता थे। कुल वैध वोटों की संख्या 805202 थी.