वाराणसी : चुनावों में हार-जीत के साथ ही वोट का अंतर भी बहुत मायने रखता है. इससे पता चलता है कि प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर थी या एकतरफा मतदान हुआ था. ऐसे में अगर हम बात वाराणसी लोकसभा सीट की करें तो इस सीट पर जीत के कई रिकॉर्ड बने हैं. इस सीट से सबसे अधिक वोटों से चुनाव जीतने का खिताब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम है. वहीं सबसे कम वोटों के अंतर से जीत दर्ज करने का खिताब मछलीशहर से भाजपा प्रत्याशी बीपी सरोज के नाम है. सरोज ने केवल 181 वोटों से जीत हासिल की थी. बता दें कि सबसे अधिक वोट प्रतिशत से जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड साल 1977 में चंद्रशेखर सिंह के नाम दर्ज है.
2019 में प्रधानमंत्री ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड: साल 2014 में आम चुनाव हुए. उस समय नरेंद्र मोदी वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने जा रहे थे. विपक्ष को उम्मीद नहीं थी, कि गुजरात से आए नेता को यहां पर जीत मिल जाएगी. लेकिन, जब परिणाम आया तो सब हैरान रह गए. पीएम मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले थे. वहीं, दूसरे स्थान पर अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार भी अपनी जमानत नहीं बचा सके थे. ऐसा ही 2019 में हुआ. इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपा की शालिनी यादव से 4 लाख 79 हजार 505 वोटों से जीत दर्ज की थी.
सबसे कम वोटों के अंतर से पूर्वांचल में मिली जीत: राजनीतिक विश्लेषक आरपी पांडेय कहते हैं कि, साल 2019 में पूर्वांचल में एक बड़ा इतिहास बन गया था. इस साल सबसे अधिक वोट से जीतने और सबसे कम वोट से जीतने वाले दोनों ही प्रत्याशी पूर्वांचल से ही थे. सबसे अधिक वोट वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे, जबकि सबसे कम वोट के अंतर वालों में मछलीशहर से भाजपा प्रत्याशी बीपी सरोज का नाम था. केवल 181 वोटों से उन्होंने जीत हासिल की थी. उन्होंने बसपा के त्रिभुवन राम को हराया था. वो बताते हैं कि, बीपी सरोज को 4,88,397 वोट मिले थे, जबकि बसपा के त्रिभुवन राम को 4,88,216 वोट मिले थे. यह देश में किसी भी लोकसभा चुनाव में सबसे कम वोटों से जीत मानी जाती है. पूर्वांचल में इससे पहले गाजीपुर में 402 वोटों से जीत हार का फैसला हुआ था.
साल 1977 में सबसे अधिक वोट प्रतिशत से जीते चंद्रशेखर: पूर्वांचल में सबसे अधिक वोट प्रतिशत से जीत हासिल करने का रिकॉर्ड चंद्रशेखर सिंह के नाम दर्ज है. इसके साथ ही पूर्वांचल में सबसे अधिक बार जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड भी चंद्रशेखर सिंह के नाम दर्ज है. उन्होंने 8 बार जीत हासिल की थी. मतदान प्रतिशत के हिसाब से सबसे बड़ी जीत साल 1977 में वाराणसी सीट से जनता पार्टी के चंद्रशेखर सिंह को मिली थी. चंद्रशेखर कांग्रेस के राजाराम शास्त्री के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे. उस चुनाव में चंद्रशेखर सिंह को कुल 2,33,194 वोट मिले थे. प्रतिशत की बात करें, तो उन्हें 66.22 फीसदी वोट मिले थे, जबकि राजाराम शास्त्री को 61,340 वोट मिले थे, जो 17.42 फीसदी था. चंद्रशेखर ने 48.6 फीसदी से वोट से जीत हासिल की थी.
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आम चुनाव 2009 की रही थी खूब चर्चा: दूसरे राजनीतिक विश्लेषक विजय नारायण कहते हैं कि पीएम मोदी के वाराणसी में आने से पहले साल 2009 में हुए आम चुनाव की चर्चा भी काफी जोरों पर थी. इस चुनाव में भाजपा की तरफ से मुरली मनोहर जोशी चुनावी मैदान में थे. इनके साथ बसपा की तरफ से मुख्तार अंसारी, सपा से अजय राय और कांग्रेस से डॉ. राजेश मिश्रा उम्मीदवार बनाए गए थे. इस चुनाव में मुरली मनोहर जोशी ने जीत हासिल की थी. उन्हें 2,03,122 वोट मिले, बीएसपी प्रत्याशी मुख्तार अंसारी को 1,85,911, सपा प्रत्याशी अजय राय को 1,23,874 और कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश मिश्रा को 66,386 वोट मिले थे. सबसे कम वोट कांग्रेस प्रत्याशी को हासिल हुए थे. यह चुनाव बनारस का सबसे दिलचस्प चुनाव था.
लगातार बढ़ता गया पीएम की जीत का आंकड़ा: साल 2014 के लोकसभा चुनाव की बात कर लें, तो इस चुनाव में पीएम मोदी ने विपक्षियों को पटखनी दी थी. भाजपा के प्रत्याशी रहे नरेन्द्र मोदी को 56.37 फीसदी वोट मिले थे. वहीं अरविंद केजरीवाल को 20.30 फीसदी, कांग्रेस को 7.34, सपा को 4.39 और बसपा को 5.88 फीसदी वोट मिले थे. इसके बाद अगले चुनाव यानी साल 2019 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जीत का अंतर बढ़ गया था. साल 2019 में पीएम मोदी को 63.6 फीसदी वोट मिले थे. यह अंतर साल 2014 के चुनाव से 7.23 फीसदी अधिक था. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को 14.38 और सपा प्रत्याशी शालिनी यादव को 18.4 फीसदी वोट हासिल हुए थे.
पहले चुनाव में 3 लाख के वोटों से मिली जीत: बनारस के संसदीय क्षेत्र का गठन 1952 में हुआ था. ठाकुर रघुनाथ सिंह को बनारस से पहली बार लोकसभा चुनावों में जीत मिली थी. यह जीत उन्हें 3 लाख वोटों से मिली थी. इसके बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2019 के आम चुनाव में 6,74,664 लाख वोट पाकर जीत हासिल की थी. उन्होंने करीब चार लाख से अधिक के मार्जिन से समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव को हराया था. शालिनी को 1,95,159 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के अजय राय 1,52,548 लाख वोट पाकर तीसरे स्थान पर थे. पीएम मोदी ने 4 लाख से अधिक मार्जिन से जीत दर्ज कर वाराणसी सीट पर यह रिकॉर्ड कायम कर दिया था.
देश में सबसे अधिक किसे मिले थे वोट? अगर बात देश की सभी लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में सबसे अधिक मार्जिन से जीत की बात करें, तो सीआर पाटिल लोकसभा चुनावों के इतिहास में सबसे ज्यादा मार्जिन से चुनाव जीतने वाले दूसरे नेता हैं. उन्होंने नवसारी लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार को 6.89 लाख वोटों से हराया था. इनसे पहले अक्टूबर 2014 में प्रीतम मुंडे ने 6.96 लाख वोटों के अंतर से चुनाव में जीत दर्ज की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी में 4.80 लाख वोटों के मार्जिन से जीत दर्ज की थी. बीजेपी के संजय भाटिया, कृष्ण पाल और सुभाष चंद्र बहेरिया ने 6 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है.
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